पुणे से सटे मावल तहसील में एक शख्स ने साल 1930 की लोगों की मनपसंद रही विंटेज कार बनाई है। इस विंटेज कार को एक मामूली से मैकेनिक ने कबाड़ी की दुकान में पड़े हुए सामान को जोड़कर बनाया है।
विंटेज कार के जरिये अहमदाबाद के एक व्यवसायी ने लंदन तक की यात्रा करके सबको हैरान कर दिया है। इस दौरान अहमदाबाद से लंदन पहुंचने में व्यवसायी ने 14 देशों से होते हुए 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय की। रास्ते में व्यवसायी ने कहीं चिलचिलाती धूप, कहीं रेगिस्तान तो कहीं तूफान और दुर्गम पहाड़ियों का सामना भी किया।
सोशल मीडिया पर गरबा का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें महिलाएं अपने हाथों में डांडिया की जगह तलवार लेकर गरबा खेलते हुए नजर आ रही है। महिलाओं ने गरबा के दौरान बाइक और कार पर शानदार स्टंट भी किया।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने विंटेज मोटर वाहनों की पंजीकरण प्रक्रिया को औपचारिक रूप देते हुए केंद्रीय मोटर-वाहन नियमावली (सीएमवीआर) 1989 में संशोधन किया है।
विरासत के लिहाज से खासे मूल्यवान इन वाहनों के पंजीकरण की प्रक्रिया को विनियमित करने के लिए वर्तमान में कोई नियम नहीं हैं।
अमिताभ बच्चन जल्द ही 'ब्रह्मास्त्र' और 'गुलाबो सिताबो' में नज़र आएंगे।
पचास साल से अधिक पुराने इन 'क्लासिक' वाहनों के लिए नियमनों को अंतिम रूप दिये जाने के बाद इन्हें वाहन 'कबाड़' नीति से छूट मिलेगी।
आजादी से पहले देश में 500 से ज्यादा रजवाड़े थे जिनकी शानोशौकत के नजारे विरासती महलों-किलों के रूप में आज भी मौजूद हैं। सोचिए कितना अद्भुत होगा वह दृश्य जिसमें आप दिल्ली की सड़कों पर ऐसी ही करीब 70 कारों को दौड़ते देखें।
विंटेज कार पुराने जमाने की कार के मालिकों और इससे जुड़े संगठनों का प्रयास है कि इन कारों को विरासत का दर्जा मिले ताकि इनका संरक्षण किया जा सके।
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