हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर अब संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।
विक्रमादित्य सिंह और सुदर्शना कुमारी की 8 मार्च 2019 को शादी हुई थी। यह शादी हिंदू रीति से राजस्थान के कणोता गांव में हुई थी। शादी के बाद कुछ समय तक पारिवारिक जिंदगी अच्छी बीती लेकिन फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई।
भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मुकाबला 2 फरवरी से खेला जाएगा। इससे पहले सबसे बड़ा सवाल यही है कि टीम की प्लेइंग इलेवन क्या होगी।
एक ओर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है।
चंद्रमा की सतह पर पिछले दो हफ्ते से निष्क्रिय पड़े लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को एक्टिव करने की कोशिश इसरो के वैज्ञानिकों ने शुरू कर दी है। फिलहाल लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की तरफ से कोई सिग्नल नहीं मिला है।
चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में अब सूर्योदय हो गया है। ऐसे में इसरो की ओर से 22 सितंबर को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी। अगर ऐसा हो जाता है तो चांद से इसरो को और अधिक डेटा मिल सकता है।
चंद्रमा पर 14 दिनों तक धूप और 14 दिनों तक अंधेरा रहता है। चंद्रयान मिशन-3 का प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर अभी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद हैं और सूर्योदय होते ही इनके फिर से चार्ज होने की उम्मीद है।
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर कीर्तिमान रच दिया। चंद्रमा पर अभी रात का समय चल रहा है और 22 सितंबर को वहां सूरज की रौशनी होगी तो क्या फिर से रोवर एक्टिव हो जाएगा। कोरियाई मून मिशन ने तस्वीरें भेजी हैं।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि चंद्र मिशन के रोवर और लैंडर चंद्रमा की रात में निष्क्रिय हो जाएंगे। इसके 14 दिनों बाद जब वहां उस्बह होगी तब इनके सक्रिय होने की उम्मीद है।
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद पर अपनी सभी अपेक्षाओं पर खड़ा उतरा है। प्रज्ञान रोवर सभी अहम जानकारियों को ट्रांसफर कर के स्लीप मोड में जा चुका है। वहीं, विक्रम लैंडर ने एक और करतब दिखाया है।
चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर पहली बार प्राकृतिक भूकंपीय गतिविधियों के रिकॉर्ड किया है। इसरो के अनुसार चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम ने भूकंपीय गतिविधियों को दर्ज किया है। इसरो ने कहा कि यह घटना प्राकृतिक प्रतीत होती है। इसके सभी स्रोतों की जांच की जा रही है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
इसरो द्वारा भेजे गए चंद्रयान-3 का लैंडर पूरी शान के साथ चांद की सतह पर खड़ा है। प्रज्ञान रोवर ने लैंडर विक्रम की एक और तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है। इस तस्वीर को इसरो ने जारी किया है।
इसरो ने विक्रम लैंडर की तस्वीर जारी की है जिसे प्रज्ञान रोवर में लगे कैमरे ने क्लिक किया है। प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी कर रहा है और कई नई जानकारियां भेज रहा है।
इसरो ने रोवर प्रज्ञान की कुछ नई तस्वीरें जारी की है। दरअसल, रोवर चांद की सतह से सैंपल्स जुटाने में लगा है। इस बीच, रोवर प्रज्ञान चहलकदमी करते हुए एक बड़े गड्ढे के पास पहुंच गया।
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चांद की सतह का तापमान क्या है और ये किस प्रकार बदलता है। इस बारे में अब तक दुनिया को कोई जानकारी नहीं है। मगर भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान 3 के पेलोड विक्रम लैंडर ने चांद की सतह का भ्रमण करके दिन भर चांद की मिट्टी के ताप का आकलन किया। अब इसे इसरो ने ग्राफ के तौर पर प्रस्तुत किया है।
भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से पर चंद्रयान को लैंड कराकर एक नया इतिहास बना दिया है। भारत के इस मिशन पर दुनियाभर की नजरें बनी हुई थीं। इसरो अब लैंडर और रोवर की फोटो और वीडियो भी जारी कर रहा है।
चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह का अध्ययन कर रहा है। ये दोनों उपकरण डेटा कलेक्ट कर इसरो को भेज रहे हैं।
अगले 13 दिनों तक प्रज्ञान लैंडर से 500 मीटर दूर तक चांद की सतह पर चलते हुए सारे परीक्षण करेगा और सारी जानकारी लैंडर के जरिए बेंगलुरु में इसरो कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को मिलेगी।
प्रज्ञान रोवर के पहिए चांद की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ रहे हैं। प्रज्ञान रोवर में दो पेलोड्स हैं जिनमें पहला लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप। यह चांद की सतह पर मौजूद केमिकल्स की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा।
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