मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस के अवसर पर यहां स्थित शौर्य स्मारक में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए सोमवार को कहा कि भारत न पहले कमजोर था और न ही आज कमजोर है।
पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम एम नरावने ने शुक्रवार को कहा कि करगिल में जबरदस्त हार के बावजूद ऐसा लगता नहीं है कि पाकिस्तान ने इससे कोई सबक लिया है क्योंकि वह लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है।
करगिल की लड़ाई अपने आप में कई राज छुपाए हुए है। उस समय क्या हुआ था ये कोई नहीं जानता। हर कोई अलग-अलग अंदाजा लगाता है। हम आज आपको बताने जा रहे हैं करगिल से जुड़े कुछ अहम राज जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
कारगिल विजय दिवस के मौके पर पूरा देश वीर जवानों को नमन कर रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। राजधानी दिल्ली में भी इस मौके पर शहीदों को नमन करने के लिए कार्यक्रम आयोजिन किए जाएंगे।
26 जुलाई को पूरा देश कारगिल दिवस मना रहा है। ये दिन देश के उन जवानों को समर्पित है, जिन्होंने साल 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में अपनी जान गवां दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने गीदड़ भभकी से चुनौती देने का प्रयास किया था। अमेरिका से मदद मिली। अमेरिका ने हस्तक्षेप करने का भी प्रयास किया, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया था कि देश की सुरक्षा और स्वाभिमान में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
करगिल सेक्टर में 1999 में भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच लड़ाई शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने एक हेलिकॉप्टर से नियंत्रण रेखा पार की थी और भारतीय भूभाग में करीब 11 किमी अंदर एक स्थान पर रात भी बिताई थी।
जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पडोसी पकिस्तान से अच्छे सम्बन्ध बनाने के विचार से फरवरी 1999 में बस द्वारा नई दिल्ली से लाहोर तक की एतिहासिक यात्रा की तो उन्हें इसका तनिक भी आभास नहीं था कि करगिल युद्ध की नीव उसी समय पड़ गई थी।
Defence Minister Arun Jaitley and Army Chief pays tribute to martyrs Kargil War at Amar Jawan Jyoti | 2017-07-26 09:39:15
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