बांग्लादेश के विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पोस्ट ने ढाका में खलबली मचा दी है। पीएम मोदी के ट्वीट से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को तगड़ी मिर्ची लगी है।
भारत की सेना अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है। भारत के पास कई ऐसे घातक हथियार और फाइटर जेट्स हैं जो पल भर में दुश्मन को धूल चटा सकते हैं।
प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज 1971 जंग के वीरों श्रद्धांजलि दी है। इसके साथ ही इंडियन आर्मी ने 1971 की जंग से जुड़ा एक वीडियो भी शेयर किया है।
1971 की जंग भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए खास है। इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को सरेंडर कराया था, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था।
पूरा राष्ट्र आज 1971 युद्ध के नायकों को नमन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस युद्ध के वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी वीरता राष्ट्र के गौरव का स्रोत है।
1971 की वॉर के योद्धा रिटायर्ड कर्नल वीएन थापर ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में पाकिस्तान के आत्मसमर्पण करने की शुरू से लेकर आखिर तक की एक-एक घटना का विस्तार से विवरण दिया।
इसी दिन 1971 में भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। आज के ही दिन भारत ने पाकिस्तान पर जीत का जश्न मानाया था। इसके साथ ही आज ही बांग्लादेश अपनी आजादी की 50वीं वर्षगांठ भी मना रहा है। दरअसल इस युद्ध की कहानी का केंद्र बिंदु आज का बांग्लादेश ही है, जो कभी पश्चिमी पाकिस्तान हुआ करता था। 16 दिसंबर 1971 से बांग्लादेश इस दिन को अपनी आजादी के रूप में मनाता है।
22वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर, भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के उपलक्ष्य में और हमारे शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई के कोलाबा में शहीद स्मारक पर एक पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया था।
Captain Vijayant Thapar दो राजपूताना राइफल्स के जांबाज़ अफसर थे। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने तोलोलिंग के बंकर पर कब्ज़ा कर उन्होंने भारत को पहली जीत दिलवाई थी। जानिए उनकी वीरता की कहानी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरा होने के अवसर पर बुधवार को राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक की अमर ज्योति से ‘‘स्वर्णिम विजय मशाल’’ को प्रज्ज्वलित किया।
पाकिस्तानी सेना के जरल एएके नियाजी ने लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोरा को जो आत्म समर्पण का पत्र सौंपा, उस अहम दस्तावेज को भी आपको पढ़ना चाहिए।
राष्ट्रीय समर स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद 4 स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्जवलित किए। इन मशालों को देश के अलग अलग कोनों में ले जाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरा होने के अवसर पर बुधवार को राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक की अमर ज्योति से ‘‘स्वर्णिम विजय मशाल’’ को प्रज्ज्वलित किया।
तारीख थी 16 दिसंबर 1971, पाकिस्तान के करीब 90,000 से ज्यादा सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और भारत ने युद्ध जीत लिया। जश्न में मनाया जाने लगा- ‘विजय दिवस’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरा होने के अवसर पर बुधवार को राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय समर स्मारक की अमर ज्योति से ‘‘स्वर्णिम विजय मशाल’’ प्रज्ज्वलित करेंगे।
पीएम मोदी आज नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे और यात्रा को रवाना करेंगे। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहेंगे।
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आज हम इसी कारगिल युद्ध की पूरी कहानी बता रहे हैं, हर दिन, हर रात हमारे वीर सैनिकों ने कैसे एक एक पहाड़ी से नापाक पाकिस्तानियों को खदेड़ कर तिरंगा फहराया था।
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