सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गुरुवार को ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) और अन्य परमिट की वैधता 31 अक्टूबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है। अभी तक इसकी वैधता 30 सितंबर की थी।
सरकार के मुताबिक यह स्कीम भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहनों की मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगी।
बंपर-टू-बंपर बीमा में वाहन के फाइबर, धातु और रबड़ के हिस्सों सहित 100 प्रतिशत कवर मिलता है।
इस पॉलिसी पर 2015 से काम चल रहा है और इसका उद्देश्य वाहन मालिकों को अपने पुराने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
महाराष्ट्र में वाहनों की पार्किंग के लिए निर्दिष्ट स्थान के संबंध में एक समान नीति के अभाव पर दुख जताते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे नागरिकों को एक से अधिक निजी वाहन रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए जिनके पास पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं हो।
स्क्रैप सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इसके साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी।
इस सम्मेलन का आयोजन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसे गुजरात के गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा और इसमें संभावित निवेशकों, उद्योग विशेषज्ञों और केंद्र एवं राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालयों की भागीदारी होगी।
बीते महीने ही कंपनी ने महाराष्ट्र के नासिक संयंत्र में बने करीब 600 वाहनों को वापस मंगाया था। वाहनों के डीजल इंजन को जांचने और खराब इंजन को बदलने के लिये यह कदम उठाया गया
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक सरकार का लक्ष्य 2025 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की कमी और 2030 तक दुर्घटनाओं एवं मौतों को शून्य करना है।
देश भर में एक समान पीयूसी प्रारूप की शुरुआत की जाएगी। नए पीयूसी में वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता, इंजन और चैसिस नंबर दर्ज होगा।
कंपनी ने कहा कि कच्चे माल की बढ़ती लागत, वैश्विक परिवहन लागत और मौजूदा बाजार परिस्थितियों के मद्देनजर उसे यह कदम उठाना पड़ रहा है।
ट्रैक्टर का पंजीकरण पिछले वित्त वर्ष में 16.11 प्रतिशत बढ़कर 6,44,779 इकाई हो गया, जो इससे पिछले वर्ष में 5,55,315 इकाई था।
वाहन मालिक अब वाहन के पंजीकरण के समय नामित व्यक्ति का नाम डाल सकते हैं या बाद में ऑनलाइन आवेदन के जरिये भी ऐसा कर सकते हैं।
पुराने वाहनों के मामले में कर्नाटक शीर्ष पर है। कर्नाटक की सड़कों पर ऐसे 70 लाख वाहन दौड़ रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में ऐसे वाहनों की संख्या 56.54 लाख है। राजधानी दिल्ली तीसरे स्थान पर है।
केंद्र सरकार ने आज 15 साल पुराने वाहनों के लिए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी को पेश कर दिया है।
अगर आपके पास 15 साल पुरानी कार या कोई अन्य वाहन है तो आपके लिए बुरी खबर है।
छोटे वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली पियाजियो व्हीकल्स ने मंगलवार को माल ढुलाई के लिये बिजली से चलने वाले तिपहिया वाहन खंड में कदम रखा। कंपनी ने इस खंड में ऐपे ई-एक्स्ट्रा एफक्स पेश किया।
नाराज छात्रों ने आज पटना में एएन कॉलेज के पास जमकर हंगामा किया। इस पथराव में कई वाहनों के शीशे टूट गए।
15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए शुल्क को मौजूदा 200 रुपये से बढ़ाकर कैब के लिए लगभग 7500 रुपये और ट्रक के लिए 12,500 रुपये तक किया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि मंत्री महोदय ने सरकारी विभागों और पीएसयू के 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के डीरजिस्ट्रेशन और स्क्रैपिंग की नीति को अपनी मंजूरी दे दी है।
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