पाकिस्तान में सब्जियों की कीमतों में आई तेजी ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। गेहूं और चीनी की महंगाई ने भी आम आदमी का बजट बुरी तरह बिगाड़ रखा है।
सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
केरल सब्जियों के लिए न्यूनतम मूल्य तय करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से किसानों को काफी फायदा होगा।
इस समय पहाड़ी आलू का सीजन है, इसलिए यह ऊंचे भाव पर बिक रहा है, जबकि कोल्ड स्टोरेज से भी आलू की आवक कम हो रही है।
मिलिंद सोनम घर में ही सब्जियां उगा रहे हैं। उन्होंने घर में उगी सब्जियों और फलों की तस्वीरें शेयर की हैं।
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के गांवों में लॉकडाउन के दौरान गांवों में हरी सब्जी बेचने गए मुस्लिम विक्रेताओं के साथ जमाती कहकर ग्रामीणों द्वारा कथित रूप से अभद्रता करने और उन्हें गांवों से भगा देने के मामले में सोमवार को जांच शुरू हो गई है।
कोरोनावायरस से निपटने के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से यूं तो सभी परेशानी झेल रहे हैं लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है।
सब्जियों में धातुओं के खतरनाक स्तर की वजह से लंबे समय तक इनका सेवन करने पर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।
समीक्षाधीन महीने में सब्जियों, फलों और प्रोटीन वाले सामान मसलन अंडों की मूल्यवृद्धि घटी। हालांकि, मांस, मछली और दालों की मुद्रास्फीति मामूली बढ़ी।
देशभर में ट्रक हड़ताल ही वजह से हो रही परेशानी के बावजूद राहत की बात ये है कि इससे महंगाई नहीं बढ़ी है। बीते 2 दिन के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों के दाम या तो स्थिर हैं या फिर कुछेग जगहों पर बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है। कई जगहों पर तो रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछेक जरूरी चीजो के दाम बढ़ने के बजाय घटे हैं। हड़ताल 20 जुलाई को शुरू हुई थी और आधिकारिक तौर पर अभी खत्म नहीं हुई है।
पेट्रोल-डीजल तथा सब्जियों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर (WPI) बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गयी। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर इस साल अप्रैल महीने में 3.18 प्रतिशत तथा पिछले साल मई महीने में 2.26 प्रतिशत थी।
55-year-old man stabbed to death by vegetable seller in Ghaziabad
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है।
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
एक नए शोध में पता चला है कि दिन में दो बार सब्जियां, अनाज, फलियां और सूखे मेवे जैसे पारंपरिक कम कैलोरी वाले आहार शरीर के वजन को कम करने में कारगर हैं
सरकार ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच प्रतिशत तक सस्ते हो जाएंगे।
तमिलनाडु सरकार ने वैट में बड़े बदलाव के किए है। राज्य में पेट्रोल 3.78 रुपए महंगा हो गया है। वहीं, डीजल में 1.70 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर 30 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के मुकाबले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो गई।
सब्जियों, दालों और दूसरे खाने-पीने की चीजों में आई नरमी से रिटेल महंगाई दर घटकर 3.17 फीसदी पर आ गई है। दिसंबर 2016 में सीपीआई 3.41 फीसदी पर थी।
नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) लगातार तीसरे महीने गिरकर 3.15 फीसदी पर आ गई है। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी थी।
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