कंपनी 2025 में 12 लाख टन की उत्पादन क्षमता का लक्ष्य लेकर चल रही है। 2026 में 13.5 लाख और 2027 में 18 लाख टन की उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य है।
वेदांता ने उदयपुर क्षेत्र के आसपास गैर-लाभकारी आधार पर लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए पांच करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक औद्योगिक पार्क स्थापित करने की भी घोषणा की।
सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक के विभाजन के सिलसिले में सरकार के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। अरुण मिश्रा ने कहा, ‘‘ तो अब सरकार विभाजन की चर्चा पर वापस आएगी। हां, हमने फिर से चर्चा की है। अब तीन हिस्सों के बजाय दो हिस्से होंगे। ’
कंपनी के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को कहा कि वेदांता लिमिटेड ने कर्जदाताओं से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सामने अपने बंटवारे के प्लान के लिए आवेदन दायर किया है।
वेदांता लि. को अपने कारोबारों को अलग करने के प्रस्ताव के लिए 75 प्रतिशत सुरक्षित कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है। कारोबार को अलग करने से कंपनी की कॉरपोरेट संरचना को सरल बनाने में मदद मिलेगी।
इससे पहले कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मई में 11 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का पहले अंतरिम डिविडेंड के लिए कुल 4,089 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। इसके बाद 26 जुलाई को 4 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (कुल 1564 करोड़ रुपये) के दूसरे अंतरिम डिविडेंड को मंजूरी दी गई थी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वेदांता का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 54 प्रतिशत बढ़ा जबकि तिमाही आधार पर ये दोगुने से ज्यादा 5,095 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने लांजीगढ़ में अबतक का सबसे ज्यादा एल्युमिना उत्पादन दर्ज किया और जिंक इंडिया यूनिट में धातु उत्पाद का खनन किया।
संस्थागत निवेशकों के लिए 4.62 करोड़ शेयर निर्धारित किए गए थे जबकि कुल संस्थागत खरीद 6.36 करोड़ शेयरों की हुई। वेदांता ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि 16-19 अगस्त तक चली ओएफएस प्रक्रिया के बाद हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की शेयरहोल्डिंग अब घटकर 63.42 प्रतिशत रह गई है।
हिंदुस्तान जिंक के ओएफएस को पहले ही दिन 1.23 गुना यानी 137.39 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन मिल गया। कंपनी को सब्सक्रिप्शन के लिए 486 रुपये प्रति शेयर के लोअर प्राइस रेंज के मुकाबले 494.54 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बोलियां मिलीं हैं।
ये स्पेशल डिविडेंड, हिंदुस्तान जिंक द्वारा हर साल दिए जाने वाले करीब 6000 करोड़ रुपये के नियमित डिविडेंड से अलग होगा। सरकार के अलावा, हिंदुस्तान जिंक के प्रोमोटर वेदांता लिमिटेड को भी जबरदस्त फायदा होगा, जिसके पास कंपनी में लगभग 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इस पहल का उद्देश्य रीफाइनेंसिंग रिस्क और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड से डिविडेंड पर निर्भरता को कम करना है। वेदांता लिमिटेड ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून 2024 तिमाही में 3,606 करोड़ रुपये का एकीकृत नेट प्रॉफिट अर्जित किया।
स्टील बिजनेस की बिक्री के बारे में पूछे जाने पर अनिल अग्रवाल ने कहा कि सही कीमत मिलने पर ही इस बारे में सोचा जाएगा। समूह के इस्पात कारोबार के मार्च, 2024 तक बिकने की अटकलें थीं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने समूह में अपनी हिस्सेदारी 1.2 प्रतिशत बढ़ा दी। विभाजन योजनाओं, कर्ज कम करने की कोशिश और धातुओं की बढ़ती कीमतों के कारण वेदांता के शेयर हाल में तेजी से चढ़े हैं।
इस समय भारत में कंपनियां अपनी डिस्प्ले जरूरतों के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर हैं। इनोलक्स ने कहा है कि सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 18 से 24 महीनों में भारत में एलसीडी डिस्प्ले का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो सकता है।
फॉक्सकॉन ने कहा, ‘‘हम भारत के और विदेश के हितधारकों का स्वागत करेंगे। हम यह भी चाहते हैं कि भारत अगले स्तर तक जाए।’’
फॉक्सकॉन और भारतीय दिग्गज कंपनी वेदांता ने जॉइंटवेंचर कर दुनिया को चौंका दिया। इस जॉइंटवेंचर को गुजरात में 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगाना था।
फॉक्सकॉन ने पिछले साल वेदांता के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र लगाने का करार किया था। इसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था।
भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी गहरे हुए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता और भारतीय मूल के वेदांत पटेल ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंध हमारे बीच सबसे अधिक परिणाम देने वाले संबंधों में से एक है और भारत कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
इस निवेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्य गुजरात में लगने वाला वेदांता और फॉक्सकान का संयुक्त सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र राजस्थान के लिए भी काफी मददगार साबित होगा।
राजस्थान में मंगला, भाग्यम और ऐश्वर्या नाम से तेल क्षेत्र हैं। कंपनी के अनुसार राजस्थान ब्लॉक में ये तीन बड़े खोज हैं जिसमें 2.2 अरब बैरल तेल के बराबर हाइड्रोकार्बन भंडार है।
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