वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए उत्तर दिशा के वास्तु के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में फर्श पर काले रंग का पत्थर लगवाना चाहिए। इस दिशा के अगर कुछ भाग में भी आप काले रंग का पत्थर लगवायेंगे, तो आपको काफी लाभ मिलेगा।
वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा को सूर्य ग्रह की दिशा माना जाता है, यानी सूर्यदेव पूर्व दिशा के स्वामी हैं। इसके अलावा चन्द्रमा वायव्य कोण, यानी उत्तर-पश्चिम दिशा के स्वामी है। मंगल ग्रह दक्षिण दिशा के स्वामी हैं। बुध ग्रह उत्तर दिशा के स्वामी हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा के फर्श पर गहरे काले रंग का पत्थर लगवाना चाहिए। इससे घर में खुशहाली आती है। साथ ही इससे घर के सदस्यों को आमदनी के नए अवसर मिलते हैं।
एक मूलांक वाले जातकों का ग्रह सूर्य होता है और पूर्व दिशा इनके लिये शुभ मानी जाती है इसलिए एक मूलांक वाले जातकों को घर की पूर्व दिशा में बांसुरी रखनी चाहिए. 2 मूलांक वाले जातकों का ग्रह चन्द्रमा होता है और उत्तर-पश्चिम दिशा इनके लिये शुभ मानी जाती है इसलिए दो मूलांक वाले जातकों को घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में सफेद रंग का कोई अच्छा-सा शो-पीस रखना चाहिए | 3 मूलांक वाले जातकों का ग्रह बृहस्पति होता है और उत्तर-पूर्व दिशा इनके लिये शुभ होती है इसलिए 3 मूलांक वालों को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रुद्राक्ष रखना चाहिए |
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार जिन लोगों का मूलांक 5 है। आपके रूके हुये काम पूरे होगे। जिससे काम के प्रति आपकी टेंशन दूर होगी।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में मुख्य द्वार के निर्माण के लिए ईशान कोण, यानि उत्तर पूर्व दिशा का कोना सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर इस दिशा में निर्माण करवाने में कोई अड़चन आ जाये तो आप उत्तर दिशा या पूर्व दिशा का चुनाव भी कर सकते है।
वास्तुशास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए क्या घर के आग्नेय कोण में लाल रंग करवाया जा सकता है। अगर हां, तो उसके क्या फायदे हैं और अगर नहीं, तो क्यों ?
अगर आप पैसे तो खूब कमाते हैं मगर वो पैसे बचते नहीं हैं तो आप अपना हस्ताक्षर बदलकर बदल सकते हैं अपना भाग्य
वास्तु के अनुसार पूजा घर की दिवारों पर हल्के पीले रंग को सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा जानिए और कौन से रंग के पेंट कराना शुभ होता है।
बैठक कक्ष में रंग का चयन करते समय अपने साथ-साथ दूसरों की पसंद या नापसंद का भी ख्याल रखना चाहिये।
इसके टूटने के तुरंत बाद झाड़ू को बदल देना चाहिए। टूटी झाड़ू से घर की सफाई करने से कई समस्याएं आती हैं। इसके अलावा झाड़ू को 'लक्ष्मी' का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, गलती से भी झाड़ू को कभी भी पैर से नहीं छूना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए झाड़ू के बारे में।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए विष्णु पूजा में ध्यान रखने योग्य कुछ बातों के बारे में।
घर का मुख्य दरवाजा आखिरी सीढ़ी से सेम लेवल पर हो या समान तल पर हो, तो उससे वास्तु दोष लगता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी जल स्रोत को या नल आदि को मुख्य द्वार के ठीक सामने नहीं बनाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आज जानिए हवनकुंड बनाने के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार अग्नि से संबंधित जितना भी कार्य है, उन सबके लिये दक्षिण दिशा सबसे उपयोगी है।
किसी प्रकार से खंडित या चटके कांच वाली प्रतिमाओं को मन्दिर में स्थान नहीं देना चाहिए। उन्हें तुरंत हटाकर किसी नदी, तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए या पीपल के नीचे रख आना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आपको अपने केबिन में पर्दे लगवाने हैं, तो इसके लिये उचित रंगों का चुनाव करना बहुत ही जरूरी है।
घर में धातु की चीज़ें रखने के लिये पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त होती हैं। आज हम वायव्य कोण, यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में धातु की चीज़ें रखने के फलों के बारे में बात करेंगे।
वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे घर में मिट्टी के गमले लगाने के बारे में। गमले आकार में बहुत बड़े भी होते हैं और छोटे भी होते हैं। आज वास्तु शास्त्र में हम आपको दोनों को रखने की सही दिशा बतायेंगे।
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