सफेद रंग दक्षिण-पूर्व दिशा के तत्वों के लिए बेहद घातक है,लिहाजा दक्षिण-पूर्व दिशा में सफेद या सिल्वर या ग्रे रंग करवाने से घर के मुखिया को परेशानियां लगी रहती है।
घर के सौभाग्य को बढ़ाने में सुनहरी मछली बहुत ही सहायक होती है। सुनहरी मछली, यानि गोल्डफिश को सबसे अधिक पवित्र और संपन्नता देने वाली माना जाता है। सोने के जैसी प्रतीत होने वाली यह मछली आपके जीवन में भी सोने-सी चमक बिखेर देगी।
कई बार बहुत मेहनत करने पर भी पैसे नहीं टिकते, ऐसा किसी वास्तु के कारण भी हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अपनाएं ये उपाय।
वास्तु शास्त्र में आज पानी से संबंधित चीजों के बारे में जानिए। घर में पानी का घड़ा या सुराही रखने के लिये उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इससे घर के सदस्यों को हर काम में सफलता मिलती है।
भोजनकक्ष में आईना लगाना बहुत ही अच्छा माना जाता है और वो भी बड़ी आकृति का। भोजनकक्ष की दीवार पर लगे बड़े-बड़े आईने ऊर्जा के अद्भुत स्त्रोत होते हैं। यह भाग्य के लिये बहुत ही शुभ माना जाता है।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं राशि के अनुसार कैसा रहेगा आपका आने वाला दिन और किन उपायों से आप अपना दिन बेहतर कर सकते हैं।
घर में आईना लगाना वैसे तो शुभ होता है, लेकिन टूटा या खराब आईना अशुभ फल देने वाला होता है। क्योंकि टूटे हुए आईने पर पड़ने वाली रोशनी नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है जिसका सीधा असर घर के सदस्यों पर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर में सुबह के समय चढ़ाएं फूलों को शाम होने के बाद मंदिर से हटा लेना चाहिए। इससे नकारत्मक ऊर्जा आती है और घर में तनाव का माहौल रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर में भी कोई सदस्य बीमार है तो रोगी के सोने के कमरे में सिरहाने पर एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रख दें। ऐसा करने से रोगी की सेहत में जल्द ही सुधार होने लगता है। इस तरह से घर का अशांत माहौल भी शांत होने लगेगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में छोटी-मोटी नोंक-झोंक से बचने के लिये, पति-पत्नी के बीच होने वाली अनबन को दूर करने के लिये नमक बहुत ही कारगर सिद्ध हो सकता है।
वास्तु के अनुसार कांच की कटोरी में नमक रखने से घर में धन की कमी दूर होती है। साथ ही सुख-शांति भी बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में कैशियर को हमेशा उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए और कैश बॉक्स को अपने दाएं हाथ की तरफ रखे, जो कि उत्तर दिशा में खुले।
वास्तु शास्त्र के अनुसार रिसेप्शन का निर्माण इस तरह से करवाना चाहिए कि कस्टमर वहां आते ही आपसे इम्प्रेस हो जाये। ऑफिस रिसेप्शन के लिये दक्षिण या पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए और वहां पर बैठने वाला का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु नप्रकाश से जानिए होटल में पूजा घर व कैफिटेरिया की दिशा के बारे में। वास्तु के अनुसार होटल हो, घर या फिर कोई ऑफिस, सभी जगह पूजा घर के लिये ईशान कोण का चुनाव करना सबसे अच्छा रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में सीढ़ियों के लिए दक्षिण दिशा, पश्चिम दिशा या फिर नैऋत्य कोण का चुनाव करना अच्छा रहता है। अगर घुमावदार सीढ़ियों का निर्माण करवा रहे हैं तो ध्यान रखे कि सीढ़ियों की दिशा घड़ी के घूमने की दिशा में ही हो।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में कर्मचारियों के आवास के लिये वायव्य कोण, यानि उत्तर व पश्चिम दिशा सबसे अच्छी रहती है। साथ ही होटल में क्लब हॉउस के निर्माण के लिये भी वायव्य कोण का ही चुनाव करना अच्छा रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल के वेटिंग रूम या लॉबी के लिए उत्तर या पूर्व दिशा का चुनाव करना बेहतर होता है। इसके अलावा कॉफ्रेंस हॉल के लिए उत्तर, पूर्व और ईशान कोण का चुनाव करना अच्छा रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन की अंदरूनी व्यवस्था में कुछ चीजें बेहद जरुरी होती हैं। किचन में सिंक, पानी का नल, पानी रखने का स्थान, ये सब चीजें किचन की उत्तर दिशा से उत्तर-पूर्व में होनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में रसोईघर के निर्माण के लिये आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। आग्नेय कोण का वाहक अग्नि देव को माना जाता है और रसोई के काम में अग्नि महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि उत्तरी दिशा में सुरक्षा गार्ड का कमरा बनवाना चाहते हैं तो उसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, पूर्व दिशा में बनावाना चाहते हैं तो दरवाजा उत्तर मुखी होना चाहिए, दक्षिण दिशा में बनवाना है तो पूर्व दिशा की तरफ मुख करके कमरे का निर्माण करवाना ठीक रहता है।
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