कई बार घर का मेन गेट बनवाते समय वास्तु शास्त्र का ध्यान नहीं रखा जाता, जिसके चलते कुछ वास्तु दोष रह जाते हैं और अनचाही परेशानियां सामने आती रहती हैं।
तिरुपति बालाजी (Lord Balaji) मंदिर में हजारों की संख्या में लोग हर दिन अपने बाल दान करते हैं। लेकिन, इसका कारण क्या है, आइए हम आपको बताते हैं।
मोरपंख के चमत्कारी उपाय: अक्सर लोग अपने घरों में नेगेटिविटी बढ़ने से परेशान रहते हैं। ऐसे में खूबसूरत रंगों वाला मोरपंख इस नेगेटिविटी को कम करने में मदद करता है।
आचार्य इंदु प्रकाश की मानें तो जिन लोगों का मूलांक 5 से लेकर 9 है, उन्हें अपने लिए एक विशेष दिशा का चुनाव करना चाहिए। क्यों जानते हैं।
जब हम अपने घर में वास्तु और अपने मूलांक को जोड़कर चीजों का एक तालमेल बिठाते हैं तो इसका असर हम अपने जीवन में भी देख सकते हैं। कैसे, जानते हैं।
मूलांक अनुसार अगर आप अपने घरों में सही दिशा का चुनाव कर लें और उसी दिशा में अपनी चीजों को रखें तो, कई सारी समस्याओं से खुद ही बच सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक यानी बिजली से जुड़े सामान या गर्मी उत्पन्न करने वाले उपकरणों को उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से पुत्र पिता की आज्ञा नहीं मानता और उनका अपमान करता है।
यदि आपने अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्टोर रूम या भंडार ग्रह बनवा रखा है तो जान लीजिये कि वास्तु शास्त्र के अनुसार यह बिल्कुल गलत है। यह इस दिशा को दूषित करने का पहला कारण है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण घर के उत्तरी-पूर्वी कोने का दूषित होना है। इस कोने में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष होने के कारण ही पिता-पुत्र में झगड़े होते हैं।
पति-पत्नी के बीच हमेशा अनबन होने की वजह कहीं आपका घर तो नहीं? आज हम आपको वास्तु के कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिसे करने से घर में आएंगी खुशियां।
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में आज इंदु प्रकाश से जानिए फैमली बिजनेस को लगने वाली बुरी नजर या अपने बिजनेस को बेडलक से कैसे बचाया जाए?
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के प्रतीक माने जाते हैं ये दो अलग-अलग पौधे। पर जब इन्हें एक साथ लगाया जाता है तो आप इनके लाभ पा सकते हैं।
आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कुछ खास उपाय के बारे में जिन्हें अपनाकर आप भी जल्दी धनवान बन सकते हैं। साथ ही घर की चीजोॆ में बरकत भी बनी रहेगी।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में अपना किचन न बनवाएं। ऐसा करने से परिवार में भारी नुकसान या असामंजस्य पैदा हो सकता है। वास्तु की मानें तो रसोई के लिए सबसे अच्छा स्थान अग्नि कोण यानि दक्षिण पूर्व है।
शनि न्यायाधीश और दंडक है। इसका ध्यान आपके कार्यों और इरादों पर है। यह देखता है कि आप अपने व्यवहार में कितने ईमानदार, धर्मी और न्यायप्रिय हैं। यदि आप नेक काम करते हैं तो शनि आपको आशीर्वाद देता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और टॉयलेट को एक साथ अटैच करके नहीं बनवाना चाहिए और खासकर कि कमरे के अंदर तो बिलकुल भी नहीं। यहां तक कि बाथरूम को खुला रखने से बचना चाहिए।
नया प्लॉट चुनते समय हमें हमेशा वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। क्योंकि प्लॉट की सही दिशा आपको बड़ा लाभ पहुंचा सकती है।
ज्योतिष शास्त्र में हवन की राख या विभूति को काफी लाभकारी बताया गया है। मान्यता है कि इससे आर्थिक तंगी, नजरदोष जैसी कई परेशानियां दूर होती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर में आने वाली विपत्ति को रोकने के साथ-साथ रोगों के नाश के लिए भी एक अच्छा उपाय है। साथ ही यह परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए भी शुभ होती है।
वास्तु के साथ-साथ इंटीरियर की दृष्टि से भी मनी प्लांट का पौधा काफी अच्छा होता है। मनी प्लांट से न सिर्फ धन की बढ़ोतरी होती है बल्कि रिश्तों में भी मधुरता आती है।
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