घर का मुख्य दरवाजा आखिरी सीढ़ी से सेम लेवल पर हो या समान तल पर हो, तो उससे वास्तु दोष लगता है।
कई लोग कारोबार में उन्नति के लिये दक्षिण दिशा में दर्पण लगाने की सलाह देते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार ये ठीक नहीं है।
वास्तु शास्त्र में और फेंगशुई में भी इसका बहुत महत्व है। सही दिशा में सही ढंग से लगाया गया दर्पण वास्तु के अच्छे परिणाम देने में सहायता करता है और वास्तु दोषों से भी छुटकारा दिलाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी जल स्रोत को या नल आदि को मुख्य द्वार के ठीक सामने नहीं बनाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए मन्दिर में कुछ जरूरी सामान रखने के बारे में। भगवान की तस्वीरें, पूजा सामग्री और पूजा की कुछ किताबों के अलावा कोई भी एकस्ट्रा सामान मन्दिर में नहीं रखना चाहिए।
कुछ लोग घर में जगह की कमी के चलते अलग से मन्दिर का निर्माण न करवाकर घर की किसी अलमारी में मन्दिर बना लेते हैं। इसमें तो किसी प्रकार की परेशानी नहीं है।
किसी प्रकार से खंडित या चटके कांच वाली प्रतिमाओं को मन्दिर में स्थान नहीं देना चाहिए। उन्हें तुरंत हटाकर किसी नदी, तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए या पीपल के नीचे रख आना चाहिए।
ऑफिस में किस स्थान पर मंदिर होना चाहिए, ये जानना बेहद जरूरी है। इससे बिजनेस में सफलता और लाभ मिलता है।
वास्तु शास्त्र में आज जानिए टेलीफोन आदि रखने के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार टेलीफोन और फैक्स आदि को रखने के लिये आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व का चुनाव करना चाहिए।
घर में धातु की चीज़ें रखने के लिये पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उपयुक्त होती हैं। आज हम वायव्य कोण, यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में धातु की चीज़ें रखने के फलों के बारे में बात करेंगे।
किसी भी पेड़ को काटने से पहले उसकी विधि-पूर्वक पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके लिये सबसे पहले गन्ध, पुष्प और नैवेद्य से वृक्ष की पूजा करें।
किसी भी तरह के पेड़ आदि को काटने के लिये एक सही समय और एक सही विधि होती है, जिसका पालन जरूर करना चाहिए।
ईशान कोण में, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में मिट्टी के छोटे गमले लगाने चाहिए। इस दिशा में मिट्टी के छोटे गमले लगाने से आपको इस दिशा के शुभ फल प्राप्त होंगे।
लकड़ी का फर्नीचर घर की शोभा को बढ़ाता है और लगभग हर घर में लकड़ी का कोई न कोई फर्नीचर तो हमें देखने को मिल ही जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के रूम में सही रंग के चुनाव का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए, जितना कि बाकी चीज़ों का, क्योंकि रंग से उस जगह का वातावरण तय होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम में किताबों की अलमारी और पढ़ाई करते वक्त बच्चे के बैठने की सही दिशा भी जरूरी है।
स्टडी टेबल को सही दिशा में रखने से बच्चे की एकाग्र शक्ति बढ़ती है, साथ ही पढ़ाई में उसकी रुचि बढ़ती है। स्टडी टेबल को रखने के लिये सही दिशा का निर्धारण उसकी धातु के आधार पर किया जाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार अध्यन या पढ़ाई के लिये स्टडी रूम पश्चिम या नैऋत दिशा में रखना चाहिये। अगर यह पूजा घर से सटकर बना हो तो अति उत्तम माना जाता है।
किसी पार्टी में जिन्हें आप आमंत्रित करते हैं या जो मेहमान आपके घर आते हैं, वे कुछ न कुछ गिफ्ट लेकर आते हैं और आप भी कहीं जाते होंगे तो गिफ्ट लेकर जाते होंगे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत पर कोई भी फालतू सामान या कबाड़ नहीं रखना चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों के मन और मस्तिष्क पर नकारात्मक असर पड़ता है और पितृ दोष भी लगता है। साथ ही घर का माहौल भी ठीक नहीं रह पाता।
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