वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में सीढ़ियों के लिए दक्षिण दिशा, पश्चिम दिशा या फिर नैऋत्य कोण का चुनाव करना अच्छा रहता है। अगर घुमावदार सीढ़ियों का निर्माण करवा रहे हैं तो ध्यान रखे कि सीढ़ियों की दिशा घड़ी के घूमने की दिशा में ही हो।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में कर्मचारियों के आवास के लिये वायव्य कोण, यानि उत्तर व पश्चिम दिशा सबसे अच्छी रहती है। साथ ही होटल में क्लब हॉउस के निर्माण के लिये भी वायव्य कोण का ही चुनाव करना अच्छा रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल के वेटिंग रूम या लॉबी के लिए उत्तर या पूर्व दिशा का चुनाव करना बेहतर होता है। इसके अलावा कॉफ्रेंस हॉल के लिए उत्तर, पूर्व और ईशान कोण का चुनाव करना अच्छा रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन की अंदरूनी व्यवस्था में कुछ चीजें बेहद जरुरी होती हैं। किचन में सिंक, पानी का नल, पानी रखने का स्थान, ये सब चीजें किचन की उत्तर दिशा से उत्तर-पूर्व में होनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में रसोईघर के निर्माण के लिये आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। आग्नेय कोण का वाहक अग्नि देव को माना जाता है और रसोई के काम में अग्नि महत्तवपूर्ण भूमिका निभाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि उत्तरी दिशा में सुरक्षा गार्ड का कमरा बनवाना चाहते हैं तो उसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, पूर्व दिशा में बनावाना चाहते हैं तो दरवाजा उत्तर मुखी होना चाहिए, दक्षिण दिशा में बनवाना है तो पूर्व दिशा की तरफ मुख करके कमरे का निर्माण करवाना ठीक रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस में अकाउंटस विभाग के लिए उत्तर दिशा का चुनाव करना अच्छा रहता है। यह दिशा आपके कारोबार के लिए शुभ फलदायक रहेगी। यहां पर आप अपने सभी जरूरी कागज संभाल कर रख सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए घर की छत पर रखे फालतू सामान यानि कबाड़े के बारे में। क्या हमें घर की छत पर फालतू सामान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत पर कोई भी फालतू सामान या कबाड़ा नहीं रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे एरोवाना मछली के बारे में। क्या एरोवाना मछली को घर में रखने से फायदा होता है? सुनहरी मछली के साथ-साथ एरोवाना मछली को भी वास्तु शास्त्र में बहुत अच्छा माना गया है।
वास्तु शास्त्र में आज जानिए घर में बेसमेंट के बारे में। वैसे तो घर में बेसमेंट बनवाना अशुभ माना जाता है, लेकिन फिर भी अगर आप इसे बनवा रहें है तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
वास्तुशास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए क्या दक्षिण-पूर्व दिशा में पीले रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर हां, तो क्यों किया जा सकता है और नहीं, तो क्यों नहीं किया जा सकता है ? दक्षिण-पूर्व दिशा में पीला रंग करवाने से इस दिशा को कोई विशेष लाभ नहीं होगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसारस फेद रंग धातु से संबंध रखता है और दक्षिण-पूर्व दिशा का नैसर्गिक रंग, हरा, काष्ठ तत्व है। धातु से बनी आरी लकड़ी को काट देती है, तो सफेद रंग दक्षिण-पूर्व दिशा के तत्वों के लिए बेहद घातक है।
वास्तुशास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए क्या घर के आग्नेय कोण में लाल रंग करवाया जा सकता है। अगर हां, तो उसके क्या फायदे हैं और अगर नहीं, तो क्यों ?
अगर आपके नितम्बों में कोई कष्ट है तो आग्नेय कोण के वास्तु सुधार और सही रंग पर ध्यान देना चाहिए। इस दिशा का नैसर्गिक रंग, हरा है। इस दिशा में हरा रंग करवाने से इस दिशा संबंधी तत्वों के सही परिणाम प्राप्त होते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर किसी के घर में तिजोरी या अलमारी नहीं है तो उत्तर दिशा में पैसे रखना चाहिए। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार जिन लोगों को मेहनत और लगन से काम करने के बाद भी सफलता या प्रसिद्धि नहीं मिल पाती, उन्हें अपने घर में पक्षियों की तस्वीर लगानी चाहिए। इसे शुभ माना जाता है।
अगर घर के मुख्य द्वार के सामने किसी भी प्रकार की रुकावट या कोई अवरोध हो तो वास्तु के अनुसार यह आपके लिए समस्या खड़ी कर सकता है।अगर आपके घर के सामने कोई पेड़ या खम्बा खड़ा है या कोई गड्ढा है तो यह अच्छा संकेत नहीं माना जाता है।
कुछ लोगों की आदत होती है कि चीज़ों को खराब होने के बाद भी वो उसे फेंकते नहीं है और यूज़ करते रहते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटे और दरार वाले बर्तनों को कभी भी नहीं रखना चाहिए।
फिनिक्स पक्षी सफलता प्रदान करने वाली ऊर्जा, प्रसिद्धि और विकास का प्रतिनिधित्व करता है। इस पक्षी की तस्वीर अथवा मूर्ति घर के दक्षिणी भाग में रखने से सफलता के रास्ते में आ रही कठिनाईयों से बाहर निकलने में आसानी होती है।
घर की दक्षिण दिशा में लाल रंग की मोमबत्ती लगाना अच्छा होता है। इससे घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है। जानिए अन्य दिशाओं के बारे में।
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