वास्तु शास्त्र में आज जानिए क्या दक्षिण-पूर्व दिशा में पीले रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। दक्षिण-पूर्व दिशा में पीला रंग करवाने से इस दिशा को कोई विशेष लाभ नहीं होगा। इस दिशा में पीला रंग करवाने से, पीले रंग से जुड़े दिशाओं के तत्वों को हानि जरूर होती है।
पूर्व दिशा में वायु तत्व का निवास माना गया है। वायु तत्व की ऊर्जा जीवन में ताजगी, आनंद और खुशियां लाने वाली होती है । इसलिए पूर्व दिशा में अगर किसी तरह का वास्तु दोष हो तो इसका असर घर के सदस्यों के स्वभाव पर पड़ता है।
घर के सौभाग्य को बढ़ाने में सुनहरी मछली बहुत ही सहायक होती है। सुनहरी मछली, यानि गोल्डफिश को सबसे अधिक पवित्र और संपन्नता देने वाली माना जाता है। सोने के जैसी प्रतीत होने वाली यह मछली आपके जीवन में भी सोने-सी चमक बिखेर देगी।
कई बार बहुत मेहनत करने पर भी पैसे नहीं टिकते, ऐसा किसी वास्तु के कारण भी हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अपनाएं ये उपाय।
अगर आप घर या दुकान में तांबे का बना पिरामिड रखते हैं तो इससे उस जगह का वास्तु दोष कम होने के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि भी आती है। इसके अलावा आप पिरामिड के आकार का ही मंगल यंत्र भी घर में लगा सकते हैं।
घर में फाउंटेन जल तत्व को बढ़ावा देता है। एक बात और कि यह हमेशा बहते रहना चाहिए। क्योंकि रूका हुआ फाउंटेन आर्थिक हानि कराता है।
वास्तु शास्त्र में आज पानी से संबंधित चीजों के बारे में जानिए। घर में पानी का घड़ा या सुराही रखने के लिये उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इससे घर के सदस्यों को हर काम में सफलता मिलती है।
भोजनकक्ष में आईना लगाना बहुत ही अच्छा माना जाता है और वो भी बड़ी आकृति का। भोजनकक्ष की दीवार पर लगे बड़े-बड़े आईने ऊर्जा के अद्भुत स्त्रोत होते हैं। यह भाग्य के लिये बहुत ही शुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा और आग्नेय वायव्य एवं नैऋत्य कोण की दिवार पर मिरर नहीं लगाना चाहिए।अगर आपके घर या ऑफिस की इन दिशाओं में मिरर लगा है तो उसे तुरंत वहां से हटा दे, क्योंकि ये अशुभ होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में आइना लगाने से घर से वास्तु दोष कम होता है। इसलिए, घर में आइना लगाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना ठीक होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर में कभी भी दवाईयों का डिब्बा नहीं रखना चाहिए। इससे घर के सदस्यों की सेहत पर असर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर में सुबह के समय चढ़ाएं फूलों को शाम होने के बाद मंदिर से हटा लेना चाहिए। इससे नकारत्मक ऊर्जा आती है और घर में तनाव का माहौल रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपके घर में भी कोई सदस्य बीमार है तो रोगी के सोने के कमरे में सिरहाने पर एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रख दें। ऐसा करने से रोगी की सेहत में जल्द ही सुधार होने लगता है। इस तरह से घर का अशांत माहौल भी शांत होने लगेगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में छोटी-मोटी नोंक-झोंक से बचने के लिये, पति-पत्नी के बीच होने वाली अनबन को दूर करने के लिये नमक बहुत ही कारगर सिद्ध हो सकता है।
वास्तु के अनुसार कांच की कटोरी में नमक रखने से घर में धन की कमी दूर होती है। साथ ही सुख-शांति भी बनी रहती है।
कई बार होता है कि घर में पैसों की कमी बनी रहती है और कई बार एकदम से इतना पैसा आ जाता है कि उसका मैनेजमेंट ठीक से नहीं हो पाता। जानिए वास्तु उपाय।
नमक हमारे रसोईघर में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है, लेकिन नमक सिर्फ खाने में ही काम नहीं आता बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार होटल में कैशियर को हमेशा उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए और कैश बॉक्स को अपने दाएं हाथ की तरफ रखे, जो कि उत्तर दिशा में खुले।
वास्तु शास्त्र के अनुसार रिसेप्शन का निर्माण इस तरह से करवाना चाहिए कि कस्टमर वहां आते ही आपसे इम्प्रेस हो जाये। ऑफिस रिसेप्शन के लिये दक्षिण या पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए और वहां पर बैठने वाला का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु नप्रकाश से जानिए होटल में पूजा घर व कैफिटेरिया की दिशा के बारे में। वास्तु के अनुसार होटल हो, घर या फिर कोई ऑफिस, सभी जगह पूजा घर के लिये ईशान कोण का चुनाव करना सबसे अच्छा रहता है।
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