वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की छत पर कोई भी फालतू सामान या कबाड़ नहीं रखना चाहिए। इससे परिवार के सदस्यों के मन और मस्तिष्क पर नकारात्मक असर पड़ता है और पितृ दोष भी लगता है। साथ ही घर का माहौल भी ठीक नहीं रह पाता।
वास्तु शास्त्र के अनुसार हर एक चीज की अपनी एक दिशा होती है, उसे रखने का सलीका होता है। घर में किसी भी चीज़ को बिखेरकर नहीं रखना चाहिए। सबको अच्छे उनके उचित स्थान पर ही रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश बात करेंगे आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में कैंडल्स लगाने के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में हरे रंग की कैंडल्स लगाना अच्छा होता है।
वास्तु शास्त्र में आज जानिए विंड चाइम की आवाज़ के बारे में। विंड चाइम की आकृति के साथ-साथ उसकी आवाज़ भी बहुत मायने रखती है। आवाज़ और गुडलक का सीधा संबंध होता है।
घर में कभी भी सूखे हुए या मुरझाए हुए फूल नहीं रखने चाहिए। इसके बजाय ताजे और खुशबू वाले फूल रखने चाहिए। ताजे फूल अद्भुत रूप से ऊर्जा का सृजन करते हैं। इनके द्वारा उत्पन्न ऊर्जा पॉजिटीवली चार्जड होती है।
घर में स्वागत कक्ष, यानि कि ड्राइंग रूम की सजावट का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जब भी घर में कोई मेहमान आता है, तो सबसे पहले उसे घर के इसी हिस्से में बिठाया जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा के फर्श का निर्माण करवाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। एक तो इस दिशा के फर्श की ऊंचाई दक्षिण या पश्चिम दिशा के फर्श के जितनी नहीं रखनी चाहिए, उनसे कम ही रखनी चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तरमुखी भवन में चारदिवारी का निर्माण करवाते समय ध्यान रखना चाहिए कि भवन में दक्षिण दिशा की चारदिवारी, यानी बाउंड्री अन्य दिशाओं के मुकाबले ऊंची रखनी चाहिए।
यदि आप अपने घर का कुछ हिस्सा किराये पर उठाना चाहते हैं, यानि किरायदारों को भी अपने साथ घर में रखना चाहते हैं तो वास्तु शास्त्र के अनुसार किरायदारों को घर के अवनत हिस्से में, यानि कम ऊंचाई वाले हिस्से में रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश ने कल बताया था पूर्व दिशा और उत्तर दिशा के कुछ हिस्से को खाली रखने के बारे में और आज बताएंगे पूर्वमुखी भवन की पूर्व दिशा में चारदिवारी और बरामदा बनाने के बारे में।
भवन में पूर्व दिशा की चार दिवारी बनवाते समय ध्यान रखना चाहिए कि पूर्व दिशा की दिवार दक्षिण और पश्चिम दिशा में बनी दिवारों से कम ऊंचाई में रखनी चाहिए।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार अगर आपका मकान पूर्वमुखी है और घर का पूर्वी और उत्तरी हिस्सा खाली है, तो उत्तर-पूर्व दिशा के मध्य भाग, यानी ईशान कोण में बालकनी या गैलरी बनानी चाहिए।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पूर्वमुखी भवन की विभिन्न स्थितियों में भवन निर्माण करवाते समय शुभाशुभ परिणामों के बारे में। किसी भी दिशा में भवन बनवाते समय उसके शुभ-अशुभ परिणामों के बारे में अच्छे से विचार कर लेना चाहिए।
अंक ज्योतिष की गणना में किसी व्यक्ति का मूलांक उस व्यक्ति की तारीख का योग होता है। जानिए अंक के हिसाब से कैसा रहेगा आपका दिन।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कि आपके नाम का पहला अक्षर क्या कहता है। जानिए आज किन्हें मिलेगी बिजनेस और नौकरी में तरक्की।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश ने कल बात की थी विभिन्न भूमियों के फलों के बारे में। आज भी उसी क्रम में हम आगे की बात करेंगे। त्रिकोणाकार, यानी त्रिकोण के आकार की भूमि पुत्र की हानि कराने वाली होती है।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश जानिए ऐसी भूमि के बारे में, जिसका मकान बनाने के लिये बिल्कुल भी चुनाव नहीं करना चाहिए कुछ ऐसी भूमि की आकृतियां होती हैं, जो मकान के लिये अशुभता लाने वाली होती हैं।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए भूमि चुनाव के बारे में। अगर आप मकान बनाने के लिये कोई जमीन देख रहे हैं तो भूमि खरीदते समय उसकी दशा-दिशा, आकार जानना बेहद जरूरी है।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए घर में उपयोग होने वाले पानी के नल, शावर, वाश बेसिन और गीजर को सही दिशा में लगाने के बारे में। पानी या फिर जल से जुड़ी ये सभी वस्तुऐं हमारी दिनचर्या में अहम भूमिका निभाती हैं।
वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश से कल आपने जाना था सफेद या सिल्वर रंग की चीजों को सही दिशा में रखने के बारे में और आज हम बात करेंगे काले रंग से संबंधित चीजों के बारे में।
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