Varun Gandhi on BJP Government: एक ओर जहां बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष, सरकार पर हमलावर है, तो वहीं अब बीजेपी सांसद ने भी इस पर अपनी ही सरकार से सवाल पूछा है।
पीलीभीत में विधानसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद पहली बार स्थानीय सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में दो दिवसीय दौरे पर आये और अपने अस्थाई आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ सभा की।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और वरुण गांधी एवं उनकी माताजी मेनका गांधी, दोनों ही चुनाव प्रचार से पूरी तरह अलग हैं। भाजपा के पक्ष में बयान देना या भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने की अपील करने की बजाय वरुण ने तो अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
मेनका को वर्ष 2014 और वरुण गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पांच-पांच लाख से अधिक वोट मिले थे। हालांकि किसान आंदोलन से जुड़े सवाल उठाने के बाद भाजपा ने वरुण गांधी को स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया था।
बीजेपी सांसद ने कहा, जेएनयू की नयी वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है, जिसमें व्याकरण संबंधी अशुद्धियों की भरमार है।
बता दें कि इससे पहले वरुण ने महीने की शुरुआत में सरकार को महंगाई और बेरोजगारी एवं विनिवेश को लेकर घेरा था।
वरुण गांधी पीलीभीत में पिछले तीन दिन से चुनाव प्रचार कर रहे थे। अपने ट्वीट में उन्होंने बताया, “तीन दिनों तक पीलीभीत में रहने के बाद मजबूत लक्षणों के साथ मेरी कोविड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।”
अपने दो दिवसीय जनपद दौरे पर बुधवार को पीलीभीत पहुंचे वरुण के स्थानीय निजी सचिव की ओर से जारी बयान के अनुसार सांसद ने अमरिया ब्लॉक के करीब डेढ़ दर्जन गांवों का भ्रमण किया और कोरोना व ओमिक्रॉन महामारी के प्रति लोगों को जागरूक किया।
वरुण गांधी ने कोरोना और ओमिक्रॉन के लगातार बढ़ रहे खतरे को देखते हुए रात में कर्फ्यू लगाने और दिन में बड़ी-बड़ी रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन करने की आलोचना करते हुए कहा कि यह रवैया सामान्य जनता की समझ से परे हैं।
'देश में 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे, लघु और सीमांत किसान हैं और उनके सशक्तिकरण के लिए उन्हें फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाना सुनिश्चित करना होगा।'
वरुण गांधी ने ट्वीट किया, "तराई का ज्यादातर इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराया है ताकि इस विभीषिका के खत्म होने तक कोई भी परिवार भूखा ना रहे। यह दुखद है कि जब आम आदमी को प्रशासनिक तंत्र की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तभी उसे उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब सब कुछ अपने आप ही करना है तो फिर सरकार का क्या मतलब है।"
कांग्रेस ने कहा कि अगर भाजपा नेता वरुण गांधी किसानों के लिए अपनी लड़ाई को लेकर ईमानदार हैं तो उन्हें अपनी पार्टी छोड़कर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरना चाहिए।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना का एक कथित वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया और कहा कि हत्या के माध्यम से प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता।
घटनास्थल खीरी जिले के पड़ोसी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को मुख्यमंत्री को लिखा अपना पत्र ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी सिफारिश की है।
रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के हक में लागू की गई योजनाओं की चर्चा करते हुए गन्ने के मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि की घोषणा की।
वरुण गांधी ने मांग की कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत किसानों को दी जा रही मदद दोगुनी कर 12 हजार रुपये प्रति वर्ष की जानी चाहिए और राज्य को 12 हजार रुपये में से छह हजार रुपये का योगदान अपने कोष से करना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों की संख्या में किसान जुटे हैं। वो हमारे भाई हैं। हमें उनसे दोबारा से सम्मानजनक तरीके से जुड़ना शुरू करने की जरूरत है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्हें सांसद दुष्यंत सिंह के निकट खड़ा देखा जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद वरुण गांधी ने खुद को सेल्फ क्वारंटाइन किया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को प्रश्न काल के दौरान दुष्यंत सिंह वरुण गांधी के साथ आकर बैठ गए थे, इसी वजह से वरुण गांधी ने अपने आप को सेल्फ क्वारंटाइन किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य वरूण गांधी ने कहा है कि उन्हें अल्पसंख्यक समुदाय का वोट अधिक नहीं मिला लेकिन जो भी मिला, वह उनके लिए आशीर्वाद है।
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