मेनका गांधी जिन्हें आज आप एक नेता के रूप में जानते हैं वो एक मॉडल और एक पत्रकार भी रह चुकी हैं। राजनीति में तो हैं लेकिन भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू गांधी परिवार की विरासत नहीं संभाल रहीं। मेनका जब मॉडलिंग कर रही थीं तब उनकी एक तस्वीर को देखकर संजय गांधी को उनसे मोहब्बत हो गई थी।
बीजेपी नेता वरुण गांधी ने सुलतानपुर में अपनी मां के पक्ष में प्रचार किया और कहा कि देश में सुलतानपुर एक ऐसा क्षेत्र है जहां के लोग अपने सांसद को माता जी कहकर बुलाते हैं।
भारतीय जनता पार्टी इस बार अपने 100 से ज्यादा सांसदों का टिकट काट चुकी है। इस लिस्ट में कई ऐसे नाम भी शामिल हैं, जो दशकों से सांसद बनते आ रहे थे। टिकट कटने की सबसे बड़ी वजह इन नेताओं का विवादों में रहना रहा है।
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पीलीभीत के मौजूदा सांसद वरुण गांधी के बजाय बीजेपी ने इस बार जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'दूत' बताकर प्रचार कर रहे प्रसाद 'मोदी लहर' के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी अब क्या करेंगे? ये सवाल न केवल सत्ता के गलियारों में घूम रहा है बल्कि आम जनता भी इस सवाल का जवाब जानना चाहती है। इस सवाल पर वरुण की मां मेनका गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
वरुण गांधी ने कहा है कि एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला।
वरुण गांधी बीजेपी शासित सरकारों को हमेशा अलग-अलग मुद्दों पर घेरते रहे हैं। चाहे यूपी सरकार हो या केंद्र की मोदी सरकार वरुण गांधी सोशल मीडिया पर वो बयान दिए जो पार्टी लाइन से हटकर थे।
बीजेपी नेता वरुण गांधी इस समय शायद अपने सियासी जीवन के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और इसमें उनके द्वारा दिए गए बयानों का भी अहम रोल माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट आज जारी कर दी है। इस लिस्ट में मेनका गांधी को जगह मिली है लेकिन वरुण गांधी का नाम नहीं है। जानिए यूपी में किसे कहां से मिला टिकट?
राहुल गांधी और वरुण गांधी की केदारनाथ में हुई मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। दोनों चचेरों भाइयों की यह मुलाकात संक्षिप्त रही। सार्वजनिक तौर पर एक-दूसरे से बहुत कम मिलते हुए नजर आए हैं।
वरुण गांधी ने कार्यकर्ताओं को समझाते हुए कहा कि समय की गति को समझा करो। फिर साधु को पास बुलाकर कहा, क्यों महाराज जी लगता है कि अब समय अच्छा आ रहा है। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि वरुण की बात सुनकर मंच पर खड़े लोग हंसने लगते हैं।
वरुण गांधी ने निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि इन मुद्दों पर देश के अंदर ही बात होनी चाहिए, न की देश से बाहर। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की बात दूसरे देश में करने का कोई शौक नहीं है।
वरुण गांधी ने कहा कि जितने भी सोचने समझने और देश की चिंता करने वाले लोग हैं, वे जानते हैं व्यवस्था में सुधार बहुत जरूरी है। देश के बड़े-बड़े डिफाल्टर सम्मान से रह रहे हैं, लेकिन आम इंसान को कर्ज अदा करने में जरा भी देर हो जाती है तो उसको बेइज्जत किया जाता है
2019 में लगातार छठी बार लोकसभा में पहुंचे जिगाजिनागी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछली सरकार में जुलाई 2016 से मई 2019 तक केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री थे।
वरुण गांधी पहले पार्टी की तारीफ करते थे, लेकिन संगठन और सरकार में आशानुरूप जगह न मिलने के बाद से वे मुखर हो गए हैं। सरकार की हर बड़ी योजना पर व्यंग के जरिए सोशल मीडिया या अपने आर्टिकल के माध्यम से समय-समय पर समीक्षा करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं आरएसएस दफ्तर नहीं जा सकता, इससे पहले मेरा सिर कलम करना होगा। मेरे परिवार की एक विचारधारा है। वरुण ने दूसरी विचारधारा अपनाई और मैं उस विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता।
बात अगर समाज हित की हो तो पीलीभीत सांसद वरुण गांधी राज्य या केंद्र सरकार किसी पर भी निशाना साधने से नहीं चूकते। वह बहुत से मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी पर हमला बोल चुके हैं।
Varun Gandhi attacks on bjp: बीजेपी नेता वरुण गांधी ने कहा कि- 'आम जनता को मिलने वाले मुफ्त की सुविधाओं पर सवाल उठाने से पहले क्यों न चर्चा की शुरुआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन और अन्य सभी सुविधाओं को खत्म करने से हो।'
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