नई दिल्ली में देश के कई प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्य रूप से ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले के बाद की गई है। साथ ही इसमें कोर्ट के फैसले को लेकर काफी देर तक चर्चा की गई।
वाराणसी की जिला अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के 'व्यास का तहखाना' में रात को कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा-अर्चना की गई।
आईआईटी बीएचयू में पढ़ने वाले छात्र की लाश हॉस्टल के कमरे में लटकी हुई मिली। छात्र IIT BHU में बी-आर्क फाइनल ईयर का स्टूडेंट था। आत्महत्या की वजह डिप्रेशन बताया जा रहा है।
जारी पत्र में जिला जज वाराणसी के फैसले का जिक्र करने के साथ कौम तक यह भी संदेश पहुंचाया है कि ज्ञानवापी में पूजा-पाठ शुरू करा दी गई है, ऐसे में जुमे की नमाज की आड़ में शहर एवं देश का मौहाल खराब ना हो।
ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर कि व्यास परिसर में पूजा अर्चना के कोर्ट के आदेश को पंद्रह दिन तक लागू न करने की अपील की है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जिला मजिस्ट्रेट सेटलमेंट प्लॉट नं.-9130 स्थित भवन के दक्षिण में स्थित तहखाने में पुजारी से मूर्तियों की पूजा व राग-भोग कराएं। रिसीवर को सात दिन में लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध कराने के भी निर्देश दिए गई हैं। वहीं मुकदमे की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी।
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के हित में फैसला दिया। इसे लेकर अब असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये फैसला सरासर गलत है।
वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदू समुदाय को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया गया है। इसके बाद कल देर रात तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई। लेकिन इस बीच ज्ञानवापी के साइन बोर्ड पर मस्जिद की जगह 'मंदिर' लिख दिया गया।
31 साल बाद ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा आखिरकार शुरु हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर परिसर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वाराणसी के जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर वजूखाने को साल 2022 के मई महीने में सील कर दिया गया था। याचिका के जरिए वाराणसी के जिला जज की कोर्ट के 21 अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई है।
एएसआई सर्वे के खुलासे के बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी को मंदिर बता परिक्रमा का ऐलान किया, फिर जैसे ही परिक्रमा के लिए निकले उन्हें यूपी पुलिस ने रोक दिया।
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद कई खुलासे हुए हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को इसकी जानकार दी है। साथ ही उन्होंने एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि यहां पर एक भव्य हिंदू मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी।
Tourist Place in uttar pradesh : उत्तरप्रदेश में तीर्थ स्थलों का एक ट्रायंगल बन गया है। यह ट्रायंगल अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज से मिलकर बना है। राम मंदिर बनने से इस ट्रायंगल में टूरिज्म तेजी से बढ़ेगा। इसका सीधा फायदा राज्य की इकॉनमी को होगा।
आज के उत्तर प्रदेश की नींव साल 1902 में यूनाइटेड प्रॉविंस ऑफ आगरा एंड अवध के रूप में पड़ गई थी। तभी से ही इसे शॉर्टकट में यूपी कहा जाने लगा था। उत्तर प्रदेश को सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से भी देश का काफी अहम राज्य माना जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में मौजूद वजूखाने की साफ-सफाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि प्रशासन इसकी निगरानी कर रहा है। पूरी साफ-सफाई के इस कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है। साथ ही हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष के प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद परिसर के 'वजूखाना' के पूरे एरिया की सफाई कराने की अनुमति दे दी है, जिसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की देखरेख में कराई जाएगी।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एक छात्र ने पिस्टल लहराते हुए एक गुट के छात्रों को गोली मारने की धमकी दी। इस दौरान आरोपी ने हंगामा किया। आरोपी से कुछ लोगों से विवाद हुआ था।
भगवान शिव की नगर काशी इन दिनों भगवान राम के आगमन की तैयारियों में जुटी हुई है। यही वजह है कि यहां पर अयोध्या के लिए भेजी जाने वाली गोमुखी और पंचमुखी रूद्राक्ष की मालाएं तैयार की जा रही हैं। इस काम में व्यापारी भी इतने मगन हैं कि वह भी बिना रुपये लिए अपने सेवाएं देने को तैयार हैं।
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