जम्मू-कश्मीर में 'कश्मीरी पंड़ितों' की एक बार फिर घर वापसी हो रही है। माना जा रहा है कि घाटी में कोई अंतर नहीं है कि लोग 90 के दशक को भूल जाएंगे। घाटी में कश्मीरियत फिर से जिंदा हो जाएगी।
भारत की शक्सगाम वैली में चीन ने अवैध निर्माण के जरिये तनाव को बढ़ा दिया है। चीन ने शक्सगाम से चीन-पाकिस्तान-इकोनॉमिक कोरिडोर को ग्वादर पोर्ट तक जोड़ने का प्रयास किया है। इससे चीन की ही नही, बल्कि पाकिस्तान की भी भारत पर रणनीतिक बढ़त काफी मजबूत हो जाएगी। भारत ने चीन की इस हरकत का कड़ा प्रतिरोध किया है।
सीमा से लगे शक्सगाम घाटी में चीन ने अवैध निर्माण शुरू कर दिया है। इससे भारत बुरी तरह भड़क गया है। चीन की इस हरकत को अवैध बताते हुए भारत ने कहा है कि शक्सगाम घाटी भारत का हिस्सा है। चीन की यह गतिविधि पूरी तरह अस्वीकार्य है। हमारे पास अपनी रक्षा का अधिकार सुरक्षित है।
20 जनवरी की रात को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और ये वही दौर था जब पड़े पैमाने पर कश्मीरी पंडितों का पलायन कश्मीर से हुआ, जो अगले कुछ सालों तक चलता रहा। 19 जनवरी 1990 को कश्मीरी पंडितों ने वहां से पलायन करना शुरू कर दिया और भारत के अलग-अलग हिस्सों में अपनी सहूलियत के हिसाब से चले गए।
फूलो की घाटी विश्वविख्यात है। उत्तराखंड के इस विश्व विरासत स्थल में 500 से अधिक फूल अपनी खुशबू बिखेरते हैं। भगवान का निवास स्थान माने जाने वाले इस घाटी को नेशनल पार्क का दर्जा भी मिल चुका है। भगवान हनुमान संजीवनी बूटी की खोज करने यहीं आए थे।
Death Valley: जिस जगह का नाम ही मौत की घाटी हो, वहां जिंदगी की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। क्या आपने कभी इस मौत की घाटी के बारे में सुना है, आखिर क्या वजह है जो इसे मौत की घाटी कहते हैं, क्या यहां जाने के बाद कोई फिर जिंदा लौट कर नहीं आता..?
सनासर में उद्यान विभाग की ओर से पांच कनाल जमीन में ट्यूलिप गार्डन विकसित किया गया है। जहां पर गुलाबी रंग वाले नगेटा, पीले रंग के गोल्डन पैरट, सफेद रंग वाले हाकून, ब्रिक रेड, एलड्रेन और काले रंग के ब्लैक जैक प्रजाति के ट्यूलिप के फूल लगाए गए हैं।
लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 13.9 डिग्री सेल्सियस (-13.9 डिग्री सेल्सियस) नीचे दर्ज किया गया है, जबकि कल रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 16.0 डिग्री सेल्सियस कम था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को घाटी जाने की अनुमति मिल गई है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने गुलाम नबी आजाद को यह अनुमति शर्तों के साथ दी है
कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर पर फिर से प्रतिबंध लगाए गए। जुमे की नमाज शांतिपूर्ण रही। घाटी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं।
अपनी इस करतूत से इन पत्थरबाजों ने निर्दोष बच्चों के खून से अपने हाथ रंग लिए हैं। सुरक्षाबलों को इन पत्थरबाजों के साथ किसी तरह कि रियायत नहीं बरतनी चाहिए।
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने आज दावा किया कश्मीर घाटी से अब आतंकवादी भाग रहे हैं और पत्थरबाजों की संख्या भी हजारों-सैकड़ों से घटकर बीस से तीस रह गई है। वे यहां इंडिया टीवी के पूरे दिन चलनेवाले कॉन्क्लेव 'वंदे मातरम्' में बोल रहे थे
संपादक की पसंद