कुल 5 बार भूकंप आने के कारण उत्तरकाशी में लोग दहशत में हैं। जानकारी के मुताबिक ये भूकंप के झटके रात के 12.39 बजे से रात के 1.15 बजे तक महसूस किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरकाशी जिला भूकंप के लिहाज से जोन 5 में आता है।
19 फरवरी को ईशान अचानक लापता हो गया। ईशान के पिता महावीर अवस्थी का कहना है कि उन्हें बताया गया कि उनका बेटा ईशान गंगा में डूब गया। 9 फरवरी से लेकर आज 28 फरवरी हो गई लेकिन ईशान का शव नहीं मिला।
चार धाम यात्रा 2023: इस बार बिना QR Code के चार धाम यात्रा के लिए नहीं मिलेगी एंट्री। आपको इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जानिए रजिस्ट्रेशन का पूरा प्रोसेस।
जोशीमठ में भूधंसाव के बाद पहला गड्ढा रविग्राम वार्ड में हुआ था। उसके बाद बदरीनाथ हाईवे पर मारवाड़ी तिराहे के पास गड्ढा हो गया, अब हाईवे से सटे गांधीनगर में भी गड्ढे नजर आ रहे हैं, जिनकी चौड़ाई आधा फीट और गहराई लगभग दो फीट है।
बहुगुणानगर में मकानों की दीवारों पर पड़ी मोटी दरारें देखकर डीएम दंग रह गए। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वे इन्हीं मकानों में रह रहे हैं। इस पर लोगों ने डीएम को रुंधे गले से अपनी व्यथा बताई और भू-धंसाव से सुरक्षा के इंतजाम करने की गुहार लगाई।
पीएम मोदी ने उत्तराखंड के रोजगार मेले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए युवाओं को संबोधित किया है। उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार का निरंतर यह प्रयास रहा है कि पहाड़ में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बनाए जाएं।'
एम्स ऋषिकेश ने पहाड़ी इलाकों के दुर्गम क्षेत्रों में दवाई पहुंचाने के लिए नई तकनीक से सेवा देनी आज से शुरू कर दी है।
डॉक्टरों की टीम ने हरीश रावत का मेडिकल परीक्षण करने के बाद कार्डियक विभाग में भर्ती कर लिया है। अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि उन्हें उल्टी और कुछ अन्य शिकायतों के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया है।
पुलिस प्रशासन की ओर से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पुराने ट्रैफिक प्लान को ही यथावत रखने का फैसला लिया है।
पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर क्षेत्र निवासी विजय कुमार गौड़ बेंगलुरु की एक कंपनी के लिए काम करते थे और एक आधिकारिक काम के सिलसिले में तुर्किये में थे। 6 फरवरी को तुर्किये में आए भीषण भूकंप के बाद से वह लापता थे।
यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड के जंगलों में आग लगी है। इससे पहले भी बागेश्वर की जंगलों में आग लग चुकी है। हरे भरें जंगलों में आग लगने के कारण भारी मात्रा में वन संपदा और वन्यजीवों का नुकसान होता है।
UKPSC District Police Result 2021: उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से UKPSC जिला पुलिस परिणाम 2021 को घोषित कर दिया गया है। कैंडिडेट्स अपने रिजल्ट को आधितारिक वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता और शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है।
उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ झांकी के लिए शीर्ष पुरस्कार मिला है। उत्तराखंड ने राज्य के वन्यजीवों और धार्मिक स्थलों की थीम पर झांकी प्रदर्शित की थी। उत्तराखंड की झांकी में सबसे आगे कॉर्बेट नेशनल पार्क में हिरण, बारहसिंगा और कई प्रकार के पक्षियों को दिखाया गया था।
जोशीमठ में अभी दरारों वाले भवनों की संख्या 863 है। इनमें सें 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। जेपी परिसर जोशीमठ में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर वर्तमान में 170 एलपीएम हो गया है।
उत्तराखंड में केवल जोशीमठ ही नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसी जगह है जहां पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रखी हैं। लोगों की जान और उनके घर, मकान पूरे के पूरे गांव खतरे की जद में हैं। पिथौरागढ़ का भी एक ऐसा गांव है जो दरारों का दंश झेल रहा है।
जोशीमठ में नई दरारें पड़ने से इलाके में हड़कंप मच गया है। दरअसल ये नई दरारें बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर देखी गई हैं। इन्हें देखने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और लोग डरे हुए नजर आ रहे हैं।
जोशीमठ में सरकारी भवनों पर बुलडोजर चलने लग गया है. वो सरकारी भवन जो पूरी तरह से खतरे की जद में आ गए थे, जिनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं थी अब वो सभी इमारतें ढ़ाही जा रही हैं. इन सब के बीच जोशीमठ के लोग बहुत डजरे हुए हैं.
जोशीमठ में घरों और होटल्स में दारारें आने के बाद अब PWD के दो गेस्ट हाउस भी उसकी जद में आ गए हैं। दोनों गेस्ट हाऊस का भवन तिरछा हो गया है और उसकी दीवारों में दरारें आ चुकी हैं, जिसके बाद उसे आज से ध्वस्त करने की तैयारी है।#johsimathdemoltion
जोशीमठ में प्रवेश करने के बाद तीर्थयात्री बद्रीनाथ आने-जाने वाले वाहनों से यहां वन-वे रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जोशीमठ में जारी भू-धंसाव संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सैंकड़ों घरों और सड़कों में दरारें आ गई हैं, जिसके चलते धाम बद्रीनाथ तक ले जाने के रास्ते पर सवाल उठ रहे हैं।
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