हरिद्वार में वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि पुलिस को मजबूरन कई लोगों को आधे रास्ते ही लौटना पड़ा। पुलिस ने भीम बैराज के पास बैरिकेडिंग लगाकर चारपहिया वाहनों को वापस लौटाया।
पहले 13 दिनों में 8,52,018 तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। वहीं, हरिद्वार और ऋषिकेश में 'ऑफलाइन' पंजीकरण बंद कर दिया गया है और अब 'ऑनलाइन' पंजीकरण के बाद ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ सकते हैं।
उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं इन दिनों बढ़ गई हैं। जंगल की आग की चपेट में अब एक प्रसिद्ध मंदिर भी आया है। लेख में पाएं पूरी सूचना।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रूड़की के नेहरू स्टेडियम में त्रिवेंद्र सिंह रावत का प्रचार करने के लिए पहुंचे थे। वहां उनकी नजर एक ऐसे बच्चे पर पड़ी जिसने बिल्कुल उनकी वेशभूषा में वहां खड़ा था।
हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि इस मामले में कोर्ट में सुनवाई होनी थी लेकिन उससे पहले ही प्रशासन के कुछ उतावले अधिकारियों ने यह कार्रवाई कर दी। अगर थोड़ी भी सावधानी बरती जातो तो इससे बचा जा सकता था।
हल्द्वानी में हिंसा भड़कने के बाद से पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। साथ ही दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है। बता दें कि यह पूरा विवाद एक अवैध मदरसे को ढहाने के बाद शुरू हुआ।
उत्तराखंड में रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित समिति ने UCC की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है। इस ड्राफ्ट को आज राज्य के सीएम धामी को सौंप दिया गया है।
इस लीकेज के कारण आस-पास के लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ होने लगी जिसके बाद पूरे इलाके को खाली करवाया गया है। लोगों को समय रहते वहां से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा-‘‘ उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा कृषि और उद्यान के नाम पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने पर राज्य सरकार ने अंतरिम रोक लगाई है। यह रोक भू माफियाओं एवं गलत नीयत से जमीन खरीदने वालों पर लगाई गई है। ’’
रुड़की में एक ईंट भट्ठे की दीवार गिर जाने से कई मजदूर मलबे में दब गए। हादसे में पांच मजदूरों की मौत होने की खबर है। राहत और बचाव का काम जारी है।
असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड के सुरंग में जब मजदूर फंसे हुए थे और सारा देश उनकी सुरक्षित वापसी के लिए दुआएं कर रहा था तब राहुल गांधी और प्रियंका डांस कर रहे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर खुशी जताई है। इन दोनों ने मजदूरों और बचाव दल के साहस और धैर्य को सलाम किया है।
उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का काम आज किसी भी वक्त पूरा हो सकता है। सबसे बड़ी बात ये है कि मजदूरों को निकालने के बाद क्या होगा। जानिए पूरी बात-
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। लगातार आती समस्याओं के बीच केवल कुछ ही मीटर की ड्रिलिंग बची है जिस कारण 41 मजदूरों और उनके परिवारजनों की उम्मीदें बढ़ रही हैं।
उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन लंबा खिंचेगा। इसके मद्देनजर सुरंग में मजदूरों तक मोबाइल फोन और बोर्ड गेम्स पहुंचाए गए ताकि वे अपना तनाव दूर कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने भी उत्तरकाशी में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया है।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं। जानकारी के मुताबिक, अब केवल कुछ ही मीटर की ड्रिलिंग बची है जिसके बाद मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के हर संभव प्रयास जारी हैं। इस बीच पुजारी रावत सतीश हेमवाल गंगाजल लेकर पहुंचे हैं जो वह बोख नाग देवता पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाने वाले हैं और सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए प्रार्थना करेंगे।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए हर कोई दुआ मांग रहा है। प्रशासन द्वारा तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। इस बीच खुशखबरी है कि टनल के अंदर फंसे हुए मजदूरों से संपर्क हो गया है।
इस हादसे पर उत्तराखंड के डीजीपी का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने भी कहा है कि टनल के अंदर मजदूरों के फसे होने के आशंका है। वहीं, पीटीआई का दावा है कि टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए है।
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