समाजवादी पार्टी की हार की तीन वजहें मानी जा रही हैं। पहला है कि यहां वोट कम पड़े और फिर सपा ने नए चेहरे पर दांव खेला था और रालोद के पास जाना-माना नाम था। वहीं, योगी की सभा भी रालोद के पक्ष में गई।
UP Mazar Controversy: यूपी के शाहजहांपुर जिले में गुस्साई भीड़ ने एक मजार की दीवार गिरा दी। भीड़ ने उक्त स्थान पर शिवलिंग स्थापित कर दिया। लोगों का आरोप है कि मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मजार का निर्माण किया गया था।
यूपी में चुनावी बिगुल बज चुका है, 10 फरवरी से वोटिंग शुरू होगी और ठीक एक महीने बाद 10 मार्च को ये पता लग जाएगा कि इस बार की होली गाजे-बाजे के साथ कौन खेलेगा? लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये है कि यूपी का मूड क्या है जानने के लिए देखिए कुरुक्षेत्र
भाजपा ने एक पोस्टर टैग किया है जिसमें भूले तो नहीं सवाल के साथ लिखा गया है कि बसपा सरकार में पांच हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। दो मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) एक डिप्टी सीएमओ समेत कई लोगों की हत्या हुई थी।
प्रियंका ने बाराबंकी में कहा कांग्रेस चुनाव के दौरान टिकटों में महिलाओं को 40 प्रतिशत हिस्सेदारी देगी और लड़कियों को स्मार्टफोन और स्कूटी देगी।
इंडिया टीवी से बात करते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा-बीजेपी 2022 का यूपी चुनाव जरूर जीतेगी
इंडिया टीवी के चुनाव मंच से AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "उत्तर प्रदेश की जनता में योगी सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है और उन्हें उम्मीद है कि यूपी में दोबारा बीजेपी और योगी की सरकार नहीं बनेगी"
इंडिया टीवी के चुनाव मंच से बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्र ने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश में हर जिले में जाकर जमीनी स्तर पर माहौल देखा है। आज उत्तर प्रदेश के लोग हमारी नेता मायावती के मुख्यमंत्रित्व काल को याद कर रहे हैं"
इंडिया टीवी के चुनाव मंच से शिवपाल सिंह यादव ने कहा, "अखिलेश को हम कैसे समझाएं, उन्हें तो नेताजी नहीं समझा पाए। हम तो अब भी कहते हैं कि चलो नेताजी के पास बैठ जाएं, और जो भी नेताजी कहें वह मान लें"
इंडिया टीवी पर चुनाव मंच में केशव प्रसाद मौर्य ने मिनाक्षी जोशी से ख़ास बातचीत करते हुए कहा, " यदि सारे विरोधी दल एक हो जाएं तब भी भारतीय जनता पार्टी 300 से ज्यादा सीटें जीतकर एक बार फिर सरकार बनाएगी।"
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इंडिया टीवी के चुनाव मंच पर कहा , "सामाजिक समीकरण का सबसे बढ़िया गुलदस्ता बीजेपी के पास है। अखिलेश यादव जी का 2014 से लेकर अभी तक का दावा फेल हुआ है और अब 2022 और 2024 का दावा भी फेल होगा।"
राजभर ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी और भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर से लखनऊ में मंगलवार को उनकी मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के दौरान चंद्रशेखर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने पर अपनी रजामंदी दे दी है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने चुनाव के लिए अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, सरोज पांडेय, शोभा करंदलाजे, कैप्टन अभिमन्यु, अन्नपूर्णा देवी, विवेक ठाकुर को सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी है।
मायावती ने कार्यक्रम में कहा कि अगर सरकार बनती है तो वो अब सिर्फ यूपी के विकास पर ध्यान देंगी न कि पार्क और स्मारक बनाने पर। उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों से कहा कि वो 9 अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर कांशीराम स्मारक स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दे।
बसपा प्रमुख मायावती अगले महीने की 7 तारीख को लखनऊ में ब्राह्मण सम्मेलन के ज़रिए 2022 विधान सभा चुनाव के अभियान की आधिकारिक शुरू करेगी।
अखिलेश यादव ने इस दौरान स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए छोटे दलों के साथ गठबंधन को तैयार, उन्हें भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश रहेगी।
दो दिन पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौधरी अजीत सिंह को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली में जयंत चौधरी के आवास का दौरा किया था। दोनों पार्टियां पहले से ही गठबंधन में हैं और माना जाता है कि उनके नेताओं ने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा का मुकाबला करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की है।
मुख्यमंत्री ने गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों को आम के डिब्बे नहीं भेजे हैं। सीएम सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अन्य पार्टियों के नेताओं को यूपी के आम पसंद नहीं हैं।"
भाजपा से जुड़ सूत्रों की मानें तो पार्टी सीएम योगी को उनके गढ़ गोरखपुर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को प्रयागराज और दिनेश शर्मा को लखनऊ से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
"2011 में बसपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की सर्वाधिक सीटें जीतीं और 2012 के विधानसभा चुनाव में हार गई। 2016 में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती और 2017 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई। इसलिए अगले वर्ष के विधानसभा चुनाव में इन शक्तियों (भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्षों) का क्या प्रभाव होगा, कहा नहीं जा सकता है।"
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