वर्ष 1988 में क्रूर नरसंहार के लिए अमेरिका समेत कई देशों ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पर कड़े प्रतिबंध लगाए। बाद में हिजाब पहनने के खिलाफ हुए आंदोलन में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के लिए संयुक्त राष्ट्र ने युवती को शारीरिक प्रताड़ना देने के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था।
चीन की विवादित दूरसंचार कंपनी हुवावे के संस्थापक रेन झेंगफेई ने अमेरिका के प्रतिबंधों को कमजोर बताते हुये कहा कि अन्य देश इस मामले में अमेरिका का अनुकरण करने को बाध्य नहीं होंगे।
ईरान से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार को कहा कि उसने वेनेजुएला पर अमेरिकी पाबंदी का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उसने लातिन अमेरिकी देश से रूस की रोसनेफ्ट जैसी कंपनियों से कच्चे तेल की खरीद की है और इसकी पूरी जानकारी अमेरिकी प्रशासन को है।
कनाडा ने चीन की कंपनी हुआवी टेक्नोलॉजीज की मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) को गिरफ्तार किया है। उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
वैश्विक तेल बाजार में आज से नई हलचल का दौर शुरू हो गया है। सोमवार से ईरान के तेल और वित्तीय क्षेत्र के लिए अब तक के सबसे कड़े अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो गए हैं।
भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने नवंबर माह के दौरान कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए ईरान को पहले ही अपना ऑर्डर जारी कर दिया है।
नवंबर से ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत को तेल की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि दो तेल कंपनियों ने नवंबर में ईरान से तेल खरीदने का आर्डर दिया है
भारत ने अमेरिकी पाबंदी के बावजूद ईरान से तेल व्यापार का पहला स्पष्ट संकेत दिया है।
ईरान के विदेश मंत्री का कहना है कि अमेरिका की कोरी धमकियों के बावजूद तेहरान से भारत को किए जाने वाली तेल की बिक्री जारी रहेगी।
ईरान को नवंबर से लागू होने जा रहे अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत जैसे बड़े ग्राहक से हाथ धोना पड़ सकता है।
ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के लागू होने से जुड़ी अनिश्चितता के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने अक्टूबर में ईरान से सामान्य रूप से हर महीने होने वाली 7.5 से 8 लाख टन कच्चे तेल के आयात की बुकिंग कराई है।
ईरान ने भारत को कच्चा तेल निर्यात जारी रखने के लिए ढुलाई पर बीमा सुरक्षा तथा अपने जहाज मुहैया कराना शुरू किया है। इससे सीधे जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी है।
ईरान ने गुरुवार को कहा कि नई अमेरिकी पाबंदी विश्व शक्तियों के साथ उसके परमाणु करार का उल्लंघन है। इससे दूसरा कार्यकाल शुरू कर रहे राष्ट्रपति हसन रूहानी पर दबाव बढ़ गया है।
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