अमेरिका में 2024 में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूदा प्रेजिडेंट जो बाइडेन पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय मूल की एक उम्मीदवार को ट्रंप से भी ज्यादा समर्थन मिलता दिख रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव-2024 में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। मगर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की दोबारा उम्मीदवारी को लेकर सिर्फ अमेरिकी लोगों में ही नहीं, बल्कि उनकी पार्टी डेमोक्रेट्स में भी भारी असंतोष है। बाइडेन की बढ़ती उम्र की वजह से 77 फीसदी अमेरिकी और 69 प्रतिशत डेमोक्रेट्स उनको दोबारा नहीं चाहते।
साल 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतवंशी विवेक रामास्वामी काफी लोकप्रिय उम्मीदवार बने हुए हैं। वह पहले ऐसे नेता हैं जो खुलकर पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के समर्थन में आए हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भले ही भारत नहीं आ रहे हों, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का नई दिल्ली आने का शेड्यूल तय हो गया है। वह 7 सितंबर को भारत पहुंचेंगे और दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी और जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी।
’ रामास्वामी के दो बेटे कार्तिक (तीन) और अर्जुन (एक) हैं। उन्होंने उनके परिवार के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘वे (रामास्वामी के बेटे) हमारी इस यात्रा को लेकर वास्तव में उत्साहित हैं। कार्तिक कह सकता है कि उसके पिता राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं। मैं नहीं जानता कि क्या उसे इस बात की समझ है।
विवेक रामास्वामी के माता-पिता भारत के केरल से अमेरिका जाकर बस गए थे। रामास्वामी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सबसे कम उम्र का उम्मीदवार भी बताया जा रहा है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जॉर्जिया की ग्रैंड ज्यूरी ने उन्हें वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में धोखाधड़ी और गुंडागर्दी का दोषी करार दिया है। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति की आगामी चुनाव में राह मुश्किल हो सकती है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनपर वर्ष 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार टालने के लिए चुनाव परिणाम पलटने के आरोप में अभियोग तय किया गया है। अब ट्रंप पर मुकदमा चलेगा। ऐसे में वर्ष 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की राह और मुश्किल हो गई है।
दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र अमेरिका और भारत में एक साथ 2024 में चुनाव होने जा रहे हैं। भारत में अप्रैल में, जबकि अमेरिका में जनवरी में चुनाव होंगे। दोनों ही देशों की जनता अपने देश के नए भविष्य का फैसला करेगी। इससे पहले भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बताया है कि नेताओं की जीत कैसे और किसकी होगी?
अमेराका के ह्वाउस में उस वक्त अफऱातफरी मच गई। जब वहां सफेद पाउडर पाया गया। यह काफी संदिग्ध था। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गयाा है। सुरक्षा एजेंसियां संदिग्धों का पता ढूंढ़ रही हैं। बरामद सफेद पाउडर कोकीन था।
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी अपना दावा ठोंक दिया है। ऐसे में ट्रंप की चुनौती और भी बढ़ गई है। रिपब्लिकन नेता माइक पेंस अपने पूर्व बॉस ट्रंप को चुनौती देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव-2024 में पूर्व प्रेसिडेंट डोनॉल्ड ट्रंप की राह और मुश्किल होती जा रही है। अब 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनॉल्ड ट्रंप का मुकाबला जो बाइडेन से पहले फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसेंटिस से होगा।
व्हाइट हाउस रोज गार्डन में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन के हाथ में एक छोटी सी चीट-शीट कैमरे में कैद हो गई। दिलचस्प बात यह है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उसी रिपोर्ट को पहले बुलाया गया था और उसका अंतिम नाम (सुब्रमण्यन) राष्ट्रपति द्वारा बोला गया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए 2024 का चुनाव लड़ेंगे। उनकी उम्र ने डेमोक्रेटिक मतदाताओं के बीच भी राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उपयुक्तता पर सवाल उठाया है।
इससे पहले भी जो बाइडेन बोल चुके हैं कि उनका इरादा है कि वे दूसरी बार राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लें। लेकिन इसका फैसला वे परिवार से सलाह मशवरा लेने के बाद ही करेंगे।
वकील टैकोपिना ने कहा मुझे नहीं लगता कि वे इसे एक सर्कस बनने की अनुमति देने जा रहे हैं। सीबीएस टीवी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ट्रम्प बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं, लेकिन वह इस बात से नाराज हैं कि उन्हें राजनीतिक रूप से सताया जा रहा है।
न्यूयॉर्क की ग्रांड जूरी 2016 में पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए 1.30 लाख डॉलर के भुगतान में ट्रंप की संलिप्तता की जांच कर रही है।
जो बाइडन का दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सदस्य बाइडन की दावेदारी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। दरअसल कुछ डेमक्रेट इस पक्ष में नहीं हैं कि जो बाइडन दोबारा चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी करें। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी बढ़ती हुई उम्र है।
श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश तो कंगाल हैं ही, लेकिन इसके अलावा भी कई बड़े-बड़े देश कर्ज में डूबे हुए हैं। अगर उनका नाम सुनेंगे तो आप हैरत में पड़ जाएंगे। यह देश कोई और नहीं, बल्कि सुपर पॉवर अमेरिका है।
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