चांदी की कीमतों में लगातार तीसरे दिन भी गिरावट जारी रही। इंडस्ट्रियल यूनिट्स और कॉइन मेकर्स की कमजोर मांग के कारण चांदी की कीमतों में देखने को मिली।
अमेरिका के फेडरल रिजर्व की प्रमुख जानेट येलेन ने अमेरिकी की आर्थिक ग्रोथ को लेकर भरोसा जताया और कहा कि केंद्रीय बैंक ब्याज दर में धीरे-धीर बढ़ोतरी करेगा।
दुनिया की तमाम बड़ी एजेंसियां कीमतों में गिरावट भविष्यवाणी कर रहे थे, इसी बीच सोना कब 30 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया किसी को नहीं पता चला।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी नीतिग ब्याज दर अपरिवर्तित रखी है और कहा है कि वह विश्व अर्थव्यवस्था पर बारीक निगह रखे हुए है।
लूम, बूम और डूम रिपोर्ट के लेखक मार्क फैबर ने कहा है कि अमेरिका आर्थिक मंदी के मुहाने पर खड़ा है। वहीं जेनेट ऐलन का कहना है कि स्थिति में सुधार आ रहा है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी से निपटने के लिए तैयार है। यह बात मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने आज कही।
एक दशक बाद अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर असर दिखना शुरू हो गया है। कारोबार के शुरुआती में आई तेजी गायब होती नजर आ रही है।
अमेरिकी सेंट्रेल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी का फैसला किया है। यह बढ़ोत्तरी करीब 10 साल (2006) के बाद पहली बार हुई है।
अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी हुई तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 1000 रुपए तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। फेड की बैठक आज खत्म होगी।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कि इस हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कुछ उभरते बाजारों के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज के शुरूआती कारोबार में 176 अंक फिसलकर 25,000 और एनएसई निफ्टी 59.40 अंक टूटकर 7,600 के स्तर से नीचे आ गया।
पूरे हफ्ते के उतार-चढ़ाव के बाद घरेलू बाजार में सोना 290 रुपए की रिकवरी के साथ 26,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर बंद होने में कायम रहा है।
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते 0.25 फीसदी ब्याज दरों बढ़ोत्तरी कर सकता है। इसका असर सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
Gold की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में अब तक करीब 9.5 फीसदी गिर चुकी हैं, इसकी मुख्य वजह 15 दिसंबर को अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर होने वाली फेड बैठक है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के साफ संकेत दिए हैं। एक दशक बाद अमेरिका में दिसबंर में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
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