एक दशक बाद अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर भारतीय बाजारों पर असर दिखना शुरू हो गया है। कारोबार के शुरुआती में आई तेजी गायब होती नजर आ रही है।
अमेरिकी सेंट्रेल बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी का फैसला किया है। यह बढ़ोत्तरी करीब 10 साल (2006) के बाद पहली बार हुई है।
अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी हुई तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में 1000 रुपए तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। फेड की बैठक आज खत्म होगी।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कि इस हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कुछ उभरते बाजारों के लिए जोखिम पैदा हो सकता है।
बंबई शेयर बाजार का सूचकांक आज के शुरूआती कारोबार में 176 अंक फिसलकर 25,000 और एनएसई निफ्टी 59.40 अंक टूटकर 7,600 के स्तर से नीचे आ गया।
पूरे हफ्ते के उतार-चढ़ाव के बाद घरेलू बाजार में सोना 290 रुपए की रिकवरी के साथ 26,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर बंद होने में कायम रहा है।
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते 0.25 फीसदी ब्याज दरों बढ़ोत्तरी कर सकता है। इसका असर सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
Gold की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में अब तक करीब 9.5 फीसदी गिर चुकी हैं, इसकी मुख्य वजह 15 दिसंबर को अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर होने वाली फेड बैठक है।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के साफ संकेत दिए हैं। एक दशक बाद अमेरिका में दिसबंर में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
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