US फेडरल रिजर्व उम्मीद के विपरीत अधिक आक्रामक हुआ है और उसने नीतिगत दर साल के अंत तक बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत करने का संकेत दिया है।
US Fed: बीएसई सेंसेक्स 93.81 टूटकर 59,362.97 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 27.75 अंक लुढ़कर 17,690.60 अंक पर पहुंच गया है।
यूरोप में यूक्रेन और रूस के बीच लंबे खिंचते युद्ध ने भी कच्चे तेल को स्थाई रूप से 100 डॉलर के पार पहुंचा दिया है। महंगे क्रूड के आयात के कारण इसी सप्ताह भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 6 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है।
US Federal Reserve : अमेरिका में Inflation के 40 साल में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने पर मार्च से अब तक American Fed ने ब्याज दरों में 225 besis Point की बढ़ोतरी कर दी है।
US Fed: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आज रात तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। लेकिन 0.75 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी के अनुमान को बाजार ने पहले ही आत्मसात कर लिया है।
ब्याज दरों में यह बढ़ोत्तरी अमेरिका में महंगाई को जरूर थाम सकती है, लेकिन इससे भारत में कीमत वृद्धि का नया दौर शुरू हो सकता है।
अगर फेड ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी करता है तो दुनियाभर के बाजारों में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा।
अमेरिका में मुद्रास्फीति के बढ़ते स्तर से परेशान फेडरल रिजर्व के इस कदम की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी।
जब 2020 में कोविड -19 ने दुनिया को अपनी चपेट में लिया, तब अमेरिकी फेडरल रिजर्व वैश्विक मंदी को रोकने में सबसे आगे रहा था।
अमेरिकी सरकारी अधिकारी अमेरिका में वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालयों समेत संघीय एंजेंसियों के नेटवर्क हैक होने के मामले की जांच कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के फैसलों की घोषणा के बाद पॉवेल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह वाकई में अच्छी खबर है, यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छा फैसला है।
फेडरल रिजर्व ने पिछले साल के बाद पहली बार ब्याज दर में कटौती की है। पिछले साल उसने तीन बार ब्याज दरों में कटौती की थी।
ट्रंप अर्थव्यवस्था में सुस्ती के लिए अक्सर फेडरल रिजर्व पर निशाना साधते हैं।
यूएस फेडरल रिजर्व चेयरमैन द्वारा ब्याज दर में कटौती का संकेत दिए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोने का भाव एक हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल बैंक ने दो दिन चली बैठक के बाद ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है।
कच्चे तेल की अधिक कीमतों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपए की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
अमेरिका के सेंट्रल बैंक US Federal Reserve ने बुधवार रात को ब्याज दरों में बढ़ोतरी की की घोषणा की है जिसके बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दबाव देखा जा रहा है और इसका असर आज भारतीय शेयर बाजार पर भी दिख सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सेंसेक्स और निफ्टी आज कमजोरी के साथ शुरात कर सकते हैं
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। फेडरल रिजर्व की मौजूदा अध्यक्ष जेनेट येलेन के स्थान पर इस सप्ताह जेरोमी पॉवेल मोर्चा संभालेंगे।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि अमेरिकी वित्त विभाग को भारत को ‘मुद्रा में गड़बड़ी करने वाला’ नहीं बताना चाहिए।
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