अमेरिका में नया प्रशासन मैन्यूफैक्चरिंग को चीन से दूर ले जाने और अमेरिका में ही रोजगार सृजन की योजना बना रहा है। ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान चीन से माल पर 60 प्रतिशत शुल्क और हर दूसरे अमेरिकी आयात पर 20 प्रतिशत तक के शुल्क का प्रस्ताव रखा था।
अमेरिका और चीन में तनातनी के बावजूद दोनों देश आर्थिक नुकसान नहीं उठाना चाहते। दोनों देशों की मल्टीनेशनल कंपनियां एक दूसरे देश में संचालित हैं। अरबों डॉलर का वार्षिक व्यापार भी होता है। इसलिए अमेरिका और चीन अब रिश्ते सुधारने की पहल कर रहे हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ संभावित टकराव के लिए अमेरिका की सेना को तैयार रहना चाहिए।
अमेरिका ने चीन के कुछ प्रोडक्ट्स पर रोक लगाते हुए इस संबंध में आदेश जारी किया है।
कच्चे माल और कुशल श्रमिक के हिसाब से भारत की स्थिति मजबूत
चीन ने अमेरिका के 75 अरब डॉलर के सामानों पर लगे दंडात्मक शुल्क में 50 प्रतिशत कटौती करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। यह कटौती आगामी 14 फरवरी से लागू होगी।
अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से उत्साहित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में 1,624 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
पिछले साल चीन की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 6.1 प्रतिशत रही, जो कि पिछले तीन दशक में सबसे धीमी है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिका के शेयर सूचकांक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और एसएंडपी 500 ने रिकॉर्ड बनाया।
अमेरिका ने बुधवार (15 जनवरी) को चीन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक बताया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि चीन के उप-प्रधानमंत्री लियू हे अमेरिका के साथ 'पहले चरण' का व्यापार समझौता करने के लिए सोमवार को अमेरिका जाएंगे।
भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल का असर देखने को मिलेगा।
समझौते को राष्ट्रपति ट्रंप की अंतिम मंजूरी मिलना अभी बाकी है। हालांकि ट्रंप ने गुरुवार की सुबह ट्वीट कर कहा कि चीन के साथ व्यापार समझौते के बेहद करीब।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कॉटन यार्न उद्योग में मंदी की बात स्वीकार करते हुए रविवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के कारण मौजूदा हालात पैदा हुए हैं।
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारत को व्यापार मोर्चे पर फायदा पहुंचा है। भारत ने 2019 की पहली छमाही में अमेरिका को 75.5 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निर्यात किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह चीन के साथ बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते के पहले चरण पर आयोवा में हस्ताक्षर करने पर विचार कर रहे हैं।
अमेरिका- चीन के बीच व्यापार समझौते को लेकर उम्मीद बढ़ने और कंपनियों के तिमाही परिणाम उत्साहवर्धक आने से निवेशकों की लिवाली का जोर रहा जिससे बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक मंगलवार को 582 अंक उछल गया।
चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 2019 की तीसरी तिमाही में करीब तीन दशक के निचले स्तर पर आ गयी।
दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी शुल्क लगाया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सितंबर के पहले पखवाड़े में शुद्ध लिवाल रहे। एफपीआई ने पूंजी बाजारों में 1,841 करोड़ रुपए की पूंजी डाली। इससे पहले लगातार दो महीने पीएफआई शुद्ध बिकवाल रहे थे।
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