अमेरिकी सेना ने उत्तरी सोमालिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के आतंकी बिलाल अल-सूडानी को उसके लगभग 10 साथियों को मार गिराया है।
Area 51: एरिया 51 अमेरिका के नेवादा राज्य के मरुस्थल में है। ये जगह अमेरिकी सरकार से जुड़े रहस्यों और एलियन तकनीक की खोज को लेकर जानी जाती है। यहां की ताजा तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
Taliban Military Parade: तालिबान के सैकड़ों लड़ाके अमेरिका में बनी एम-4 राइफल के साथ परेड में दिखाई दिए। इसके साथ ही तालिबान ने इंटरनेशल M1124 मैक्स प्रो एंटी माइन एंबुश प्रोटेक्ट वेहिकल की पूरी फ्लीट का प्रदर्शन किया। दरअसल अमेरिकी सेना जल्दबाजी में बीते साल अगस्त महीने में अफगानिस्तान से निकली थी।
Chinook Helicopter: वायुसेना फिलहाल 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है। मामले से परिचित लोगों में से एक ने कहा, 'आईएएफ का चिनूक बेड़ा हमेशा की तरह काम कर रहा है।' इस मामले पर भारतीय वायुसेना या ‘बोइंग इंडिया’ की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
Taliban Parade: यह कार्यक्रम काबुल के उत्तर में बगराम एयर बेस पर आयोजित किया गया था। अफगानिस्तान में संचालित दो दशकों के दौरान बगराम एयरफील्ड अमेरिकियों का सबसे बड़ा सैन्य मुख्यालय था। इसका उपयोग तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियानों की योजना बनाने और समन्वय करने के लिए किया गया था।
Al-Qaeda Chief Ayman al-Zawahri | US Air Strike | US Done Strike Update | अमेरिका ने Al-Qaeda Chief Ayman al-Zawahri को Afghanistan के Kabul में ढेर कर दिया है। इसकी पुष्टि स्वयं US President Joe Biden ने की है। #Alqaeda #AymanalZawahri #AirStrike #JoeBiden #America #Kabul
America Army Vaccination: अमेरिका में ‘आर्मी नेशनल गार्ड’ के करीब 40 हजार सैनिकों ने कोविड-19 से बचाव के लिए गुरुवार को तय अंतिम समय सीमा तक अनिवार्य रूप से टीका लगवाने की शर्त को पूरा नहीं किया जबकि 14 हजार सैनिकों ने टीका लगवाने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है, जिससे उनपर बर्खास्तगी का खतरा मंडरा रहा है।
राजस्थान के बीकानेर में महाजन फायरिंग रेंज में सैन्य अभ्यास जारी
इस वीडियो में कम से कम 4 सुपर टुकानों फाइटर प्लेन्स दिख रहे हैं। एक एक प्लेन की कीमत 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा है लेकिन चूंकि उन्हें उडाने वाला कोई नही है, अफगानिस्तान एयरफोर्स के पायलट्स ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर रहे इसीलिए 8000 करोड़ से ज्यादा की कीमत वाले ये विमान अब झूला झूलने के काम आ रहे हैं।
राशिद अहमद ने बताया कि तोरखाम सीमा से करीब 2,192 लोग पाकिस्तान आए हैं जबकि 1,627 लोग विमानों से इस्लामाबाद पहुंचे। इनके अलावा कुछ लोग चमन सीमा से आए, हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है।
15 अगस्त तक अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान का कब्जा हो चुका था और अमेरिका के नियंत्रण में सिर्फ काबुल एयरपोर्ट बचा था। लेकिन 30 अगस्त की रात को अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की पूरी होने की घोषणा कर दी... इस घोषणा के साथ ही सामने आई एक तस्वीर, जो हमेशा अमेरिका के जेहन में हार रूपी कांटे के रूप में चुभेगी।
ट्रंप ने कहा, "इनके अलावा, सभी उपकरणों को तुरंत अमेरिका को वापस करने की मांग की जानी चाहिए क्योंकि उसके करीब 85 अरब डॉलर लगे हैं। अगर उन्हें वापस नहीं किया गया तो हमें जाहिर तौर पर सेना भेज उन्हें वापस लाना चाहिए या कम से कम उन पर बम गिराने चाहिए।"
रविवार रात को काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाकर 5 रॉकेट दागे गए थे, जिन्हें अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर नाकाम कर दिया।
नांगरहार में एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिका ने काबुल में अमेरिकन एंबेसी के जरिए अपने नागरिकों को सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट के सभी गेट से फौरन हट जाने को कहा है।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि कई अमेरिकी भी काबुल हमले में हताहत हुए हैं। हमले के बाद का खौफनाक मंजर सामने आया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपने बलों की वापसी के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि इतिहास में यह कदम ‘‘तार्किक और उचित निर्णय’’ के रूप के दर्ज किया जाएगा।
अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाके कम संख्या, कम उन्नत हथियारों और बिना हवाई शक्ति के बेहतर बल साबित हुए। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने उनकी श्रेष्ठता के दायरे को काफी हद तक कम करके आंका।
अफगानिस्तान की एयरफोर्स ने मंगलवार को तालिबान आतंकवादियों के ठिकाने पर बम बरसाए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार कंधार के दांड जिला, जिसे तालिबान आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है, वहां पर एक आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक की।
वाशिंगटन पोस्ट ने अपने संपादकीय में कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बाइडन की योजना क्षेत्र के लिए घातक हो सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि लंबे समय तक आतंकवादी संगठनों पर रोक लगा पाना मुश्किल हो सकता है। ऐसा ही कुछ विचार वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी प्रकाशित किया है।
पाकिस्तान से लगती सीमा के पास स्थित क्षेत्र में भारतीय सैनिकों के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए अमेरिकी सैनिकों का एक दल शनिवार को राजस्थान पहुंचा।
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