मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को दिल्ली में आवास की मांग के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने अब तक इस योजना के तहत आवास बनाने का कोई प्रस्ताव केन्द्र सरकार को केन्द्रीय अंशदान हेतु अनुमोदन के लिए नहीं भेजा है।
पुरी ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत की आबादी में शहरी आबादी का हिस्सा 40 फीसदी हो जाएगा, जोकि अभी 30 फीसदी है और आजादी के समय 17 फीसदी था।
शहरी क्षेत्र में घरों की मांग 2020 तक 41.56 लाख यूनिट की होगी, इसके विपरीत निजी डेवलपर्स केवल 10.23 लाख यूनिट की ही आपूर्ति कर पाने में सक्षम होंगे।
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