छोटे शहरों में लोगों द्वारा ऑनलाइन लेनदेन को अधिक अपनाए जाने की वजह से टियर-2 और 3 शहरों में इसमें 92 फीसदी तक इजाफा हुआ। ऑनलाइन बिल भरने में 357 फीसदी का उछाल दर्ज
देश के सबसे बड़े सरकारी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने UPI यूज करने वाले ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना की जानकारी ट्वीट करके दी है।
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि एक जनवरी, 2021 से यूपीआई के जरिये पैसा भेजने या प्राप्त करने पर शुल्क लगाये जाने की रिपोर्ट गलत है।
1 जनवरी 2021 से साल ही नहीं बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कई सेवाओं के नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है।
खबर में दावा किया जा रहा है कि नए साल यानि 1 जनवरी 2021 से यूपीआई ट्रांज़ैक्शन महंगे हो जाएंगे।
व्हाट्सए ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि आज से भारत में लोग व्हाट्सएप के जरिये पैसा भेजने और प्राप्त करने की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से पैसा ऐड करना तो बिल्कुल फ्री है, लेकिन इन वॉलेट से पैसे बैंक में ट्रांसफर करने पर यूजर्स को चार्ज देना पड़ता है।
सीबीडीटी ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर अगर कोई शुल्क लगाया गया तो तुरंत उसे ग्राहकों को वापस किया जाए। सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि बैंक आगे इन इलेक्ट्रॉनिक मोड से ट्रांजेक्शन पर शुल्क नहीं लेगें।
जानकारी मिली है कि कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं। वे एक निश्चित सीमा तक नि:शुल्क लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद शुल्क वसूल रहे हैं।
यूपीआई के जरिए फंड ट्रांसफर करने की फिलहाल अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये है। बैंक और वित्तीय संस्थान अपने हिसाब से पेमेंट की लिमिट और हर दिन की पेमेंट की सीमा तय करते हैं।
एनपीसीआई ने उपभोक्ताओं और दुकानदारों को अधिक सुरक्षा और सुविधा प्रदान करने के लिए यूपीआई 2.0 को लॉन्च किया है।
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा 25 मार्च से देश में लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेन पर विपरीत असर पड़ा है।
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एनपीसीआई ने सर्कुलर जारी कर कहा कि वह 1 जनवरी, 2020 से पूर्वव्यापी प्रभाव वाले सभी घरेलू यूपीआई मर्चेट (पी 2 एम) लेनदेन के लिए यूपीआई इंटरजेंज और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर शुल्क को 'जीरो' संशोधित करने के लिए सहमत हो गया है।
फेसबुक के स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप को डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म Whatsapp Pay के लिए नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑइ इंडिया (NPCI) की मंजूरी मिल गई है।
रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मद्देनजर अब यूपीआई के जरिए भी स्वत: आवर्ती भुगतान (रिकरिंग पेमेंट) करने की सुविधा प्रदान कर दी है।
डिजिटल ट्रांजक्शन को भारत में बढ़ावा देने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स ने फीचर फोन यूजर्स के लिए एक पेमेंट सिस्टम तैयार करने की प्रतियोगिता रखी है।
क्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान देश में 2.08 लाख एटीएम थे, जिनकी संख्या एक साल में 10,000 कम हुई है।
यूपीआई के जरिये मासिक ऑनलाइन लेन-देन सितंबर महीने में माह-दर-माह आधार पर 30 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 40.58 करोड़ पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने गुरुवार को यूपीआई का दूसरा संस्कण (2.0) पेश किया। यह ग्राहकों को व्यापारियों को भुगतान के लिए ओवरड्रापफ्ट सीमा के उपयोग की अनुमति देगा।
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