आरबीआई ने कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई के अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार, भारत में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या करीब 118 करोड़ है। इसमें 74 करोड़ स्मार्टफोन हैं जबकि शेष फीचर फोन हैं।
अक्टूबर 2021 में, मूल्य के मामले में यूपीआई के जरिये 7.71 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया। अक्टूबर में यूपीआई के माध्यम से 421 करोड़ लेनदेन किए गए।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई के लिए बाजार हिस्सेदारी पर एक सीमा तय की है। यहां ऐसी कोई कंपनी नहीं हो सकती, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक हो।
भारत का मौजूदा फिनटेक बाजार 31 अरब डॉलर का है जो कि साल 2025 तक 84 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। पिछले महीने यूपीआई के जरिये रिकॉर्ड 3.6 अरब लेन देन किये गये
व्हाट्सएप भारत में पहले से ऑनलाइन भुगतान खंड में अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, जिसमें पेटीएम, गूगल पे, फोनपे, अमेजन पे सहित मजबूत खिलाड़ी पहले से ही अपनी स्थिति मजबूत कर चुके हैं।
क्रेडिट को निर्धारित समय अवधि के भीतर सम्पन्न किया जाना चाहिए और ऐसा न कर पाने की स्थिति में लाभार्थी को क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी।
यूपीआई डिजिटल भुगतान में समानता लाने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने किसी तीसरे पक्ष की ओर से चलाई जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा के लिए लेनदेन की सीमा कुल लेनदेन की संख्या की 30 प्रतिशत तय करने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं।
एनपीसीआई ने इस सुविधा को भीम एप पर भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों के लिए चालू किया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवेदनों के लिए तेजी से निर्बाध भुगतान को पेटीएम यूपीआई हैंडल को मंजूरी दे दी है।
कोरोना संकट की वजह से लोग लगातार नए तकनीक और आइडिए का इस्तेमाल कर जरूरी समारोह कर रहे हैं। आने वाले समय में ऐसे हिट आइडिए के आम चलन में आने की पूरी उम्मीद बन गई है।
छोटे शहरों में लोगों द्वारा ऑनलाइन लेनदेन को अधिक अपनाए जाने की वजह से टियर-2 और 3 शहरों में इसमें 92 फीसदी तक इजाफा हुआ। ऑनलाइन बिल भरने में 357 फीसदी का उछाल दर्ज
देश के सबसे बड़े सरकारी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने UPI यूज करने वाले ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना की जानकारी ट्वीट करके दी है।
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा कि एक जनवरी, 2021 से यूपीआई के जरिये पैसा भेजने या प्राप्त करने पर शुल्क लगाये जाने की रिपोर्ट गलत है।
1 जनवरी 2021 से साल ही नहीं बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कई सेवाओं के नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है।
खबर में दावा किया जा रहा है कि नए साल यानि 1 जनवरी 2021 से यूपीआई ट्रांज़ैक्शन महंगे हो जाएंगे।
व्हाट्सए ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि आज से भारत में लोग व्हाट्सएप के जरिये पैसा भेजने और प्राप्त करने की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से पैसा ऐड करना तो बिल्कुल फ्री है, लेकिन इन वॉलेट से पैसे बैंक में ट्रांसफर करने पर यूजर्स को चार्ज देना पड़ता है।
सीबीडीटी ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर अगर कोई शुल्क लगाया गया तो तुरंत उसे ग्राहकों को वापस किया जाए। सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि बैंक आगे इन इलेक्ट्रॉनिक मोड से ट्रांजेक्शन पर शुल्क नहीं लेगें।
जानकारी मिली है कि कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं। वे एक निश्चित सीमा तक नि:शुल्क लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद शुल्क वसूल रहे हैं।
यूपीआई के जरिए फंड ट्रांसफर करने की फिलहाल अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये है। बैंक और वित्तीय संस्थान अपने हिसाब से पेमेंट की लिमिट और हर दिन की पेमेंट की सीमा तय करते हैं।
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