यूपीआई ब्लॉक सिस्टम के तहत ग्राहक अपने बैंक खातों में ब्लॉक की गई राशि के आधार पर शेयर बाजार में लेनदेन कर सकते हैं। यह सुविधा वर्तमान में निवेशकों के लिए वैकल्पिक है और ट्रेडिंग सुविधा देने वाली फर्म के लिए इसे ग्राहकों को सेवा के रूप में पेश करना जरूरी नहीं है।
यूपीआई ने साल-दर-साल 57 प्रतिशत की लेन-देन मात्रा के साथ अपनी उल्लेखनीय वृद्धि जारी रखी है। पेमेंट ट्रांजैक्शन के मूल्य की बात करें तो यह इसी अवधि में बाजार की वृद्धि 265 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी होकर 593 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
UPI ID को आम तौर पर मोबाइल नंबर और UPI प्रदाता का एक्सटेंशन होता है। इसका फायदा घोटालेबाज उठाते हैं। मोबाइल नंबर और विवरण आसान लक्ष्य होते हैं क्योंकि फोन नंबर अक्सर ई-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग स्थल आदि जगहों पर साझा किए जाते हैं।
UPI पेमेंट के लिए NPCI जल्द डेलिगेटेड पेमेंट सिस्टम लाने की तैयारी में है। इस सिस्टम के जरिए वो लोग भी UPI सर्विस का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनके पास खुद का बैंक अकाउंट नहीं है। NPCI की इस नई सर्विस के आने के बाद UPI पेमेंट्स में 20 से 30 प्रतिशत तक इजाफा होने की संभावना है।
UPI पेमेंट के नियमों में बड़े बदलाव पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने खास तैयारी कर ली है। सरकारी एजेंसी ने Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे स्टेकहोल्डर्स के साथ इसके लिए मीटिंग की है।
UPI पेमेंट वाल एक नया स्कैम सामने आया है, जिसमें यूजर्स से बैंक KYC अपडेट के नाम पर ठगी की जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की ठगी क एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें स्कैमर यूजर से UPI पेमेंट करने के नाम पर ठगी करने की कोशिश कर रहा है।
भारत अब जल्द ही मालदीव में भी यूपीआई सेवा शुरू करने वाला है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने मालदीव दौरे के दौरान इसकी घोषणा की है।
NPCI जल्द ही UPI पेमेंट सिस्टम को अपग्रेड करने वाली है। यूजर्स को पेमेंट करने के अब पिन या किसी भी तरह के सीक्रेड कोड को याद रखने की जरूरत नहीं होगी। वो इस नए सिस्टम का इस्तेमाल करके UPI पेमेंट कर पाएंगे।
इस दौरान यूपीआई ट्रांजैक्शन सहित कई बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। ऐसे में अगर आपको 10 अगस्त को तय समय के दौरान बैंकिंग से जुड़ा कोई काम है तो बेहतर होगा कि इसे पहले निपटा लें।
शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। बताते चलें कि आरबीआई ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है और इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आरबीआई ने यूपीआई ट्रांजैक्शन की लिमिट में 5 गुना बढ़ोतरी करते हुए इसे 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है। फिलहाल ये लिमिट सिर्फ 1 लाख रुपये है।
स्मार्टफोन चोरी हो जाए तो सबसे ज्यादा चिंता बैंकिंग डिटेल्स को लेकर होती है। आज हम आपको कुछ ऐसे आसान तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आप चोरी हुए स्मार्टफोन से अपनी UPI ID को ब्लॉक कर सकते हैं। ब्लॉक करने के साथ ही आप आईडी को डिलीट भी कर सकते हैं।
यह शोध 120 शहरों में ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीके से 6,000 से अधिक उपभोक्ताओं और 1,000 से अधिक व्यापारियों के बीच किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है।
सर्वे के मुताबिक, गैर-कृषि असंगठित क्षेत्र की इकाइयों की औसत फिक्स्ड एसेट्स की वैल्यू 2022-23 में 3.18 लाख रुपये रही है, जो पहले 2.81 लाख रुपये थी, जो दर्शाता है कि इस सेक्टर में पूंजीगत निवेश बढ़ा है।
स्विगी की इस सेवा की शुरुआत ऐसे समय में शुरू हुई है जब ज़ोमैटो ने अपने फिनटेक प्ले को कम करते हुए पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस को सरेंडर कर दिया है और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के लिए अपना एप्लीकेशन वापस ले लिया है।
जून में यूपीआई औसत दैनिक लेन-देन की संख्या 46.3 करोड़ थी और औसत दैनिक राशि 66,903 करोड़ रुपये थी। विश्व के डिजिटल लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 46% है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहले बैंकों को अपने टीडी (टेक्निकल डिक्लाइन) को 1% से कम करने की सलाह दी थी। बीते मई में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का टीडी 2.06% था, जबकि बंधन का 1.6% और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 1.57% था।
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने एक नए सेगमेंट में एंट्री कर दी है। फ्लिपकार्ट ने अब यूपीआई पेमेंट की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। कंपनी अपने ग्राहकों के लिए नया पेमेंट ऐप लेकर आई है। फ्लिपकार्ट का दावा है कि इस नए पेमेंट ऐप में ग्राहकों को डायरेक्ट कैशबैक ऑफर दिया जाएगा।
तकनीकी डिफ़ॉल्ट, बैंक या एनपीसीआई की तरफ से नेटवर्क संबंधी समस्याओं की वजह से होते हैं। बिजनेस डिक्लाइन कस्टमर की गलती जैसे इनवैलिड पिन या गलत अकाउंट नंबर डालने या प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट पार करने के कारण होता है।
यूपीआई ट्रांजैक्शन में अकाउंट बदलने या हटाने से जुड़ी समस्याएं, अकाउंट की जानकारी लिंक करने या पाने में परेशानी या डीरजिस्टर करने के समय आने वाली चुनौतियां सहित कई शिकायतें शामिल हो सकती हैं।
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