नड्डा ने कहा कि गुंडा शब्द सपा वालों के लिए बहुत हल्का है, सपा वाले तो आतंकवादियों के साथ मिले हुए हैं।
लखनऊ और कानपुर में आयोजित जनसभाओं में योगी ने कहा कि अहमदाबाद धमाका मामले में विशेष अदालत ने 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जिनमें से कई के संबंध उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी से हैं।
समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए शिवपाल सिंह यादव को जसवंतनगर सीट से सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया। मौजूदा समय में जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र से शिवपाल सिंह यादव विधायक भी हैं।
ओवैसी ने रविवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "योगी और अखिलेश एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।'' उन्होंने जनता के सामने तीसरे विकल्प के रूप में 'भागीदारी परिवर्तन मोर्चा' पेश किया।
2017 के विधानसभा चुनाव में BJP ने वीर विक्रम सिंह (Veer Vikram Singh) को पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। वीर विक्रम सिंह ने चुनाव में SP के राजेश यादव (Rajesh Yadav) को हराकर यह सीट BJP की झोली में डाली थी।
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है। लोग भारी संख्या में मतदान करने पहुंच रहे हैं। शामली और जेवर में पोलिंग बूथ पर लंबी कतारें देखी गईं।
यूपी चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश पहुंची हैं। यहां वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ चुनाव प्रचार कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने अखिलेश को अपना 'भाई' बताया।
इस बीच ममता बनर्जी भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए लखनऊ पहुंच गई हैं। अमौसी स्थित हवाई अड्डे पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका स्वागत किया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का गुरुवार को बुलंदशहर में आमना-सामना हुआ।
यूपी चुनाव में अब गोलियां भी चलने लगी हैं। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर हमला हुआ है।
पूजा शुक्ला तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने जून 2017 में सरकारी नीतियों के खिलाफ 10 अन्य लोगों के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय की सड़क पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को रोकने की कोशिश की और उन्हें काला झंडा दिखाया।
दरअसल, एक तरफ सपा ने इस लिस्ट में 30 से ज्यादा मुसलमानों को टिकट दे चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, अखिलेश यादव ने दागियों को भी टिकट देने से परहेज नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश में सियासी दंगल शुरू हो गया है। हाल ही में कैराना में डोर-टू-डोर कैंपेन के दौरान अमित शाह ने पलायन का मुद्दा उठाया था। क्या पलायन के मुद्दे से अखिलेश यादव को चुनाव में नुकसान हो सकता है?
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे। यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश पर जाकर समाप्त होगा।
भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तारीखों (Poll Dates) का ऐलान कर दिया है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोगी ने रैली, जनसभाओं पर 15 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी है। ऐसे में सभी पार्टियों के लिए वर्चुअल रैली ही एकमात्र विकल्प है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के ज्यादातर लोगों ने योगी सरकार के कामकाज पर खुशी जाहिर की है और दोबारा यूपी में योगी को मुख्यमंत्री बनाने की कवायद की है।
अखिलेश यादव भी इस रैली में शामिल होने वाले थे, लेकिन परिवार के कुछ सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से उन्होंने खुद को सार्वजनिक कार्यक्रमों से अलग रखने का फैसला किया है।
ऐसी कई जातियां हैं जो लगातार आर्थिक तौर पर पिछड़ रही हैं, ऐसे में अगर जनगणना होती है तो उन्हे भी विकास की धारा के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी।
अब राजनीतिक दल ये जान गए हैं कि सत्ता की कुर्सी में महिला वोटर एक निर्णायक भूमिका में आ गई हैं। ये बात स्पष्ट हो चुकी है कि महिलाओं ने खुद को एक बड़े गेम चेंजर के तौर पर सामने रखा है। ऐसे में हर राजनीतिक दल चुनावी मैदान में इनका साथ पाने की जुगत में लगा हुआ है ।
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