सोनभद्र में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले यहां हर पार्टी के उम्मीदवार खुद को जीताने के लिए जनता के सामने हाथ-पैर जोड़ रहे हैं. लेकिन यहां की समस्याएं क्या हैं और कितनी सामाप्त हुई हैं? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम सोनभद्र पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां के लोगों ने कहा कि ‘हम अभी भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. हमारी घर की औरतें अभी भी नदी तक जाती हैं पानी लाने के लिए.’
लखनऊ पश्चिम में चौथे चरण में 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 2017 में यहां BJP प्रचंड बहुमत से जीती थी. भाजपा से Suresh Kumar Srivastava विधानसभा पहुंचे थे. हालांकि कोरोना के चलते सुरेश कुमार का निधन हो गया, तब से यह सीट खाली थी. इस बार के चुनाव में भाजपा ने Anjani Srivastava को टिकट दिया है. वहीं SP से अरमान अली तो BSP से kaim raza khan चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहता है. इस बार यहां की जनता किसको बनाएगी यहां का नेता? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम लखनऊ पश्चिम विधानसभा पहुंचकर लोगों से बात की.
Unnao Assembly Seat पर सबसे ज्यादा SP का कब्जा रहा है. 2017 में मोदी लहर में BJP ने कब्जा कर लिया था. इस बार क्या चाहता है उन्नाव का वोटर? क्या उन्नाव में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं? क्या उन्नाव क्राइम का गढ़ बनता जा रहा है? कांग्रेस ने उन्नाव पीड़िता की मां को टिकट दिया है. क्या उन्नाव पीड़िता की मां बनेंगी विधायक? उन्नाव के लोगों को सरकार पर भरोसा क्यों नहीं? क्या उन्नाव में बेटियों की होती है प्रताड़ना? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम उन्नाव पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां के लोगों ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
बीजेपी विधायक ने स्वीकार किया कि उन्होंने पांच दिन पहले यह टिप्पणी की थी, लेकिन उन्होंने कहा कि यह एक अन्य संदर्भ में, एक उदाहरण के रूप में कहा गया था और उनका 'किसी को भी धमकी देने का कोई इरादा नहीं था।'
Uttar Pradesh का Raebareli वैसे को गांधी परिवार की वजह से सियासी गलियारों में मशहूर रहा है. लेकिन यहां गांधी परिवार के अलावा बीते तीन दशकों से Akhilesh Singh की सियासी बादशाहत किसी से छिपी हुई नहीं है. 2017 में उन्होंने अपनी बेटी Aditi Singh को RaeBareli Assembly Seat से विधायक बनाकर अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना दिया था. इससे पहले अखिलेश सिंह रायबरेली सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन उनके निधन के बाद उनकी बेटी अदिति सिंह ने Congress छोड़ दी. पिछले साल नवंबर में अदिति सिंह BJP में शामिल हो गई. भाजपा ने भी इस बार अदिति सिंह को रायबरेली से पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है. रायबरेली में पिता की विरासत को अदिति कितना आगे ले जाने में कामयाब होती ये समय ही बताएगा. अदिति सिंह ने इस सीट जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. रायबरेली में अदिति सिंह के काम से कितनी संतुष्ट है क्षेत्र की जनता. इसका जायजा लेने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने रायबरेली विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच पहुंचा. जहां पहुंचकर वोटरों का मिजाज जानने की कोशिश की.
वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में इन 59 में से 51 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा सपा को चार, बसपा को तीन और भाजपा के सहयोगी अपना दल-सोनेलाल को एक सीट मिली थी।
समाजवादी पार्टी ने इस बार रईस चंद्र शुक्ला को टिकट दिया है। उनकी गिनती इस इलाके के दिग्गजों में होती है। यही वजह है कि सपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी चुना है। कांग्रेस के लिए अल्पना निषाद चुनाव मैदान में हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में हर पार्टी जनता को लुभाने में जुटी हुई है। बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कतार में नज़र आ रहे हैं।
सुल्तानपुर से भारतीय जनता पार्टी ने जहां विनोद सिंह को उम्मीदवार बनाया है, वहीं गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी के अनूप संदा मैदान में हैं।
अमेठी से भारतीय जनता पार्टी ने जहां संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है, वहीं गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी के महाराजी प्रजापति मैदान में हैं।
गौरीगंज से भारतीय जनता पार्टी ने जहां चंद्रप्रकाश मिश्रा मटियारी को उम्मीदवार बनाया है, वहीं गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी के राकेश प्रताप सिंह मैदान में हैं।
अब 2022 के विधानसभा चुनावों में कौशांबी जिले की इकाई को एक बार फिर अपने बड़े नेता स्टार प्रचारक केशव प्रसाद मौर्य से काफी उम्मीदे हैं। बीजेपी की सिराथू इकाई को इस बार भी पटेल मतदाताओं के साथ की उम्मीद है।
अखिलेश ने योगी पर हमले जारी रखते हुए कहा "हारने वाला पहलवान ही खिसियाता है। आपने बाबाजी की शक्ल देखी है। बताइए उस पर 12 बज गए कि नहीं। अब तो गोरखपुर वाले भी उनके लिए एक गाना गाने लगे हैं।
जैदपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर करीब 3,88,068 वोटर हैं । जिनमें सबसे अधिक संख्या मुसलमान वोटरों की है । क्षेत्र की करीब 25 फीसदी आबादी मुस्लिम समुदाय से आती है । 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उपेंद्र रावत ने यहां जीत हासिल की थी ।
हिजाब का विवाद कर्नाटक में शुरू हुआ। जनवरी की शुरुआत में नेशनल मीडिया में ये विवाद ख़बरों में आने लगा। और अब फरवरी का महीना ख़त्म होने जा रहा है। लेकिन हिजाब का मुद्दा और तेज़ हो गया है। दो महीनों के अंदर ये मुद्दा इतना बड़ा बन चुका है कि अब उत्तर प्रदेश का चुनाव भी हिजाब के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश जहां की आबादी क़रीब 24 करोड़ है। जहां के मुद्दे अपने आप में इतने बड़े हैं। कि देश के बाक़ी मसले छोटे पड़ जाते हैं। ऐसे में जब यूपी में हिजाब के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। और इसके समर्थकों की रेस में असदुद्दीन ओवैसी सबसे आगे हैं।
मानिकपुर विधानसभा में कुल साढ़े तीन लाख के करीब मतदाता हैं । जिसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाता अधिक संख्या में हैं । वहीं चुनाव में ब्राह्मण, यादव, पटेल, पाल और निषाद बिरादरी के वोटर अहम भूमिका निभाते हैं ।
यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में कुल 624 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इस चरण में बुधवार 23 फरवरी को जिन नौ जिलों में मतदान होना है, उनमें - पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर- शामिल हैं।
ADR द्वारा जारी किए गए विश्लेषण के आंकड़ों के अनुसार, सपा के 59 उम्मीदवारों में से लगभग 42 का आपराधिक रिकॉर्ड है। अपना दल ने सात उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिनमें से चार का आपराधिक रिकॉर्ड है।
केजरीवाल ने लखनऊ में आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रविवार को समाजवादी पार्टी को घेरने के लिए अहमदाबाद बम धमाकों समेत ऐसी विभिन्न घटनाओं में साइकिल का इस्तेमाल किए जाने संबंधी तंज को साइकिल चलाने वाले गरीबों पर चोट करार दिया।
मेनका को वर्ष 2014 और वरुण गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में पांच-पांच लाख से अधिक वोट मिले थे। हालांकि किसान आंदोलन से जुड़े सवाल उठाने के बाद भाजपा ने वरुण गांधी को स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया था।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़