यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, बीजेपी के लोग कहते थे कि हवाई चप्पल पहनने वाले को हवाई जहाज की यात्रा कराएंगे।
उन्होंने कहा, 'घोर परिवारवादी लोग गरीब के सपनों को कभी पूरा नहीं कर सकते। सरकार चलाने का इन माफियावादियों का तरीका रहा है कि उत्तर प्रदेश को लूटो और गरीबों के सपनों को कुचलो।'
Jaunpur District के Malhni Assembly Constituency में एक गांव Madhopatti है. यह गांव अफसरों के गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव के लगभग हर घर में एक व्यक्ति IAS या IPS है. यहीं नहीं गांव के कई प्रतिभाशाली लोग इसरो, मनीला और इंटरनेशनल बैंक में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस गांव के पहले IAS अधिकारी Mustafa Hussain, मशहुर कवि Wamiq Jaunpuri के पिता थे. 1914 में मुस्तफा हुसैन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास किए और अफसर बने. हुसैन के बाद IAS Indu Prakash थे, जिन्होंने 1951 में सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की और IFS ऑफिस बने. वह करीब 16 देशों में भारत के राजदूत भी रहे. कहा जाता है हर साल इस गांव से कोई अधिकार जरूर बनता है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम चुनावी माहौल में इस गांव में जनता का मूड समझने पहुंची थी. बातचीत के दौरान यहां के लोगों ने कहा कि अफसरों के गांव में नेताओं की ज़रूरत नहीं हैं. बिना सरकार के भी यहां की कानून व्यवस्था अच्छी रहती है.
Jaunpur District Varanasi के पड़ोस में स्थित है. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर नज़र डालें तो इस शहर की स्थापना फिरोज शाह तुगलक ने अपने चचेरे भाई मोहम्मद बिन तुगलक की याद में की थी. जौनपुर में गोमती नदी के किनारे स्थित शाही किला ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है. अटाला मस्जिद, 1458 से 1478 में बनी जामा मस्जिद, 1450 के करीब निर्मित लाल दरवाजा मस्जिद भी हैं. लाल दरवाजा मस्जिद में पुराना मदरसा भी जिसे लेकर कहा जाता है कि सासारम के शासक शेर शाह सूरी ने यहीं से शिक्षा ग्रहण की थी. जौनपुर में शिक्षा का बोबाला शुरू से ही रहा है. यहां की धरती ने देश को कई अधिकारी दिए. लेकिन बीते कुछ सालों में यहां माफिया राज होने के चलते शिक्षा को काफी नुकसान पहुंचा. पर अभी उत्तर प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं. हर विधानसभा इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम पहुंच रही है. वहां का विकास समझ रही है. समस्या समझ रही है. जनता का मूड समझ रही है. इसी सिलसिले में टीम जौनपुर पहुंची थी. चर्चा के दौरान शिक्षा पर बोलते हुए लोगों ने कहा कि अब यहां माफिया राज खत्म हो चुका है. युवा शिक्षा की तरफ बढ़ चुके हैं.
पीएम मोदी ने कहा- अपने वोट के साथ इस उत्सव में जरूर शामिल हों। आपका एक-एक मत, लोकतंत्र की ताकत!’’
Sitapur में गोमती नदी के तट पर स्थित प्राचीन शिव स्थान को Rudravart तीर्थ के नाम से जाना जाता है. आदि गंगा गोमती नदी के किनारे पर नदी के अंदर एक शिवलिंग स्थापित है. शिवलिंग पर ओम नम: शिवाय के उच्चारण के साथ बेल पत्र, दूध, फल और जल अर्पित करने पर वह सीधा जल में समा जाता है. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. इस स्थान की महिमा को समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम रुद्रावर्त तीर्थ पहुंची थी. चर्चा के दौरान मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस स्थान का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है.
सीएम योगी ने कहा- आपका एक वोट राज्य को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने में साबित होगा।
Jaunpur की Malhani Assembly Seat से चुनाव लड़ने के लिए जब से JDU ने बाहुबली Dhananjay Singh को टिकट दिया है, यह सीट काफी चर्चा में आ गई है. इस सीट के पिछले दो दशक के इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यहां BJP, SP और BSP जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. कहा जाता है कि मल्हनी के बड़े वोट बैंक पर धनंजय सिंह का इतना प्रभाव है कि वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का इशारा कर देते हैं, उसी की जीत तय हो जाती है. 2002 में पहली बार धनंजय सिंह रारी सीट (अब मल्हानी) से निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2007 में बीजेपी-JDU के साझा उम्मीदवार के तौर पर जीते. 2009 में हाथी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. सांसद बनने के बाद धनंजय सिंह के पिता BSP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. 2012 में BSP ने सीटिंग विधायक धनंजय सिंह के पिता का टिकट काटकर Panini Singh को मैदान में उतारा. लेकिन 2012 में यहां सपा के Parasnath Yadav चुनाव जीते. 2017 के चुनाव में फिर से पारसनाथ विजयी रहे, लेकिन 2019 में उनेक निधन के बाद उनके बेटे Lucky Yadav उपचुनाव जीतकर विधायक बने. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनावी मैदान में उतर आये हैं. मल्हनी की जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मल्हनी विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा की. जनता को कौन पसंद है? आप भी सुनिए.
राकेश टिकैत ने लोगों से एक दिन पहले बिस्तर के साथ पहुंचने के लिए कहा क्योंकि उन्हें 10 मार्च को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी।
Mau District की Ghosi Assembly Seat पर 2017 में BJP ने जीत दर्ज की थी. यहां की जनता ने फागु सिंह को विधायक बनाकर विधानसभा भेजा था. Fagu Singh Chauhan के राज्यपाल बनने के बाद 2019 में यहां उपचुनाव हुए. इस बार बार बीजेपी ने ही यहा जीत दर्ज की. इस क्षेत्र के जानकारों की मानें तो इस सीट पर स्थानीय मुद्दों के अलावा हिंदू-बनाम-मुस्लिम का समीकरण चुनाव में जीत-हार दिलाता है. दल कोई भी हो लेकिन परिणाम में ध्रुवीकरण स्पष्ट दिखता है. यह सीट उस वक्त काफी चर्चा में आ गई, जब Yogi सरकार के मंत्री रहे Dara Singh SP का दामन थाम लिए. सपा ने इस सीट से दारा सिंह को टिकट भी दिया है. अब 10 मार्च को पता चलेगा दारा सिंह के सपा में जाने से बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचता है और सपा को कितना फायदा? वैसे जनता के मन में क्या चल रहा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम घोसी विधानसभा पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां के लोगों ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Azamgarh की Mubarakpur Assembly Seat SP, BJP और BSP के लिए हॉट सीट बनती जा रही है. Shah Alam alias Guddu Jamali 2012 से 2017 तक लगातार इस सीट से बसपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि अब जमाली बसपा का दामन छोड़ सपा के घर पहुंच गए हैं. 1996 से ही यह सीट बसपा के कब्जे में है. सपा, बसपा के इस मजबूत किले में सेंधमारी करने के लिए जमाली को अपनी पार्टी में शामिल कर चूकी है. वहीं भाजपा अब तक इस सीट पर जीत हासिल कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई है. देखना होगा 2022 के चुनाव में यहां किस करवट ऊंट बैठता है? यहां की जनता के मन में क्या कुछ चल रहा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मुबारकपुर विधानसभा पहुंची. यहां कि जनता क्या चाहती है? आप भी सुनिए.
Bahraich District की Balha Assembly कृषि प्रधान क्षेत्र है. धान, गेहूं, आलू के साथ-साथ गन्ने की यहां अच्छी पैदवार होती है. यहां का गुड़ काफी स्वादिष्ट होता है. इस वक्त प्रदेश में Assembly Election चल रहे हैं. ऐसे में नेता जहां विकास का दावा कर रहे हैं, तो वहीं जनता दावों की पोल खोल रही है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हर क्षेत्र में पहुंचकर जनता के मन की बात सबके समाने रख रही है. इसी सिलसिले में टीम बलहा में गन्ना किसानों के पास पहुंची थी. गन्ना किसानों ने क्या अपनी समस्याएं बताई? आप भी सुनिए.
जहूराबाद सीट पर SBSP के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, बीजेपी के उम्मीदवार कालीचरण राजभर और बीएसपी की सैयदा शादाब फातिमा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।
आजमगढ़ की सगड़ी विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की उन सीटों में शुमार हैं जहां आजतक भाजपा का खाता नहीं खुल पाया है । इस सीट पर तीन बार सपा तो चार बार बसपा ने कब्जा किया है ।
प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि किसान मुआवजे के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी का इंतजार कर रहे हैं जबकि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने दोनों पर ही कदम नहीं बढ़ाया है।
गोपालपुर विधानसभा सीट यूपी के आजमगढ़ जिले के अंतर्गत आती है । यहां पर सबसे अधिक यादव बिरादरी के मतदाताओं की संख्या है । वहीं चुनाव में दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं ।
जौनपुर की जनता ने कहा- ' जौनपुर में शांति है। पुल बन रहा है। बिजली समय से मिल रही है, पर रोजगार नहीं मिल पाने से नाराज़गी है।' एक महिला ने कहा- 'सरकार गरीबों को राशन दे रही है, पर कुछ लोग धांधली कर रहे हैं।'
बेहद भावुक होकर उन्होंने कहा-'मैं एक योगी हूं। मैंने राष्ट्रधर्म की शपथ ली है। मैंने अपने परिवार के लिए शपथ नहीं ली है। एक योगी हमेशा लोक कल्याण के लिए काम करता है। यूपी के लोग ही मेरा परिवार हैं।'
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और वरुण गांधी एवं उनकी माताजी मेनका गांधी, दोनों ही चुनाव प्रचार से पूरी तरह अलग हैं। भाजपा के पक्ष में बयान देना या भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने की अपील करने की बजाय वरुण ने तो अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सोनभद्र जैसे देश के अनेक जिले हैं जिनको प्रकृति ने अपने खजाने से समृद्ध किया है लेकिन अनेक वर्षों तक जो लोग सरकार में रहे उन्होंने यहां की खनिज संपदा को अपनी मर्जी भर लूटा और यहां के लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया।
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