अलवर के रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा, ‘‘मैंने जो भी कहा वह पार्टी के हित में कहा। मेरे वीडियो के जारी करने के बाद मुझे वसुंधरा राजे के समर्थकों के फोन आये तो मैंने उन्हें बताया कि उन्हें एक व्यक्ति के अलावा पार्टी के बारे भी बात करनी चाहिए।’’
सातवें चरण से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, भाजपा को छह चरणों में ईमानदारी का नुकसान है, यदि बेईमानी करते हैं तो कम नुकसान होगा, सरकार से लोग नाराज हैं। हालांकि आंकड़ा नहीं बता सकता लेकिन काफी नुकसान है।
बीते गुरुवार बसपा सुप्रीमो Mayawati ने Varanasi में एक जनसभा को संबोधित किया. यहां मायावती ने कहा कि Congress के बाद SP और BJP के शासनकाल में जनता दुखी रही है. BSP अपने दम पर अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कुछ सालों से प्रदेश में धर्म के नाम पर सिर्फ तनाव है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम भी वहां मौजूद थी. मायावती की रैली में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे. बहुत लोग बहन जी को सुनने के लिए बसों से आए थे. कुछ लोगों ने चर्चा के दौरान कहा कि मायावती ने ही उनके इलाके का विकास किया है. मायवती ही उनकी नेता हैं. जब चंद्रशेखर के बारे में पूछा गया तो लोगों ने कहा कि उन्हें अभी सीखने की ज़रूरत है.
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है. प्रदेश में छह चरणों की वोटिंग के बाद अब राज्य में सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा. जिसमें सूबे की 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. सातवें और अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. विपक्ष में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. Varanasi में Akhilesh Yadav, Jayant Chaudhary and Mamta Banerjee ने रैली को संबोधित किया. रैली में अखिलेश और ममता ने राज्य की Yogi सरकार पर जमकर हमला बोला. रैली में अखिलेश के साथ उनके चाचा Shivpal Yadav और सुभासपा प्रमुख Om Prakash Rajbhar ने भी अपने अंदाज में BJP पर हमला बोला. इस रैली के दौरान सपा समर्थकों ने इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम के साथ आगामी चुनाव को लेकर क्या कुछ कहा आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh का Gorakhpur इस चुनावी समर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. जिसका एक कारण Yogi Adityanath हैं जो इस बार यहां से Assembly Election लड़ रहे हैं. गोरखपुर की पहचान यहां की प्रसिद्ध टेराकोटा शिल्प से भी है. गोरखपुर के Gulhira Bazaar के Aurangabad Village को टेराकोटा शिल्प का गढ़ माना जाता है. यहां कई परिवार ऐसे हैं जो सालों से इस विशेष कला को जीवित रखे हुए हैं. अकेले औरंगाबाद गांव में ही 200 परिवार कई दशकों से कारोबार में रहकर इस कला को नई पहचान दिला रहे हैं. सूबे कि सरकार ने इसकी महत्ता को समझते हुए इसे 'One District One Product' के रूप में मान्यता दी. जिससे इस कला को ग्लोबल पहचान मिलने में मदद हुई. इस उत्पाद को जीआई टैग भी मिल चुका है. जिससे इसकी मान्यता अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो गई है. प्रदेश में मचे चुनावी घमासान के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने इस कला को जीवित रखने वाले कलाकारों के बीच पहुंचकर इसके बारे में और अधिक जानने की कोशिश की.
अमित शाह ने कहा कि 4 राज्यों में जहां बीजेपी सत्ता में हैं, वहां बीजेपी फिर से वापसी करेगी और पंजाब में हमारी स्थिति मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये अलग बात है कि जो हमारी टोपी बदनाम करते थे, उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें टोपी पहनने के लिए मजबूर कर दिया है। यादव ने तंज किया कि यह अलग बात है कि उन्होंने रंग बदलकर टोपी पहनी है, ये रंग बदलने वाले लोग हैं।
वाराणसी में 7 मार्च को आखिरी चरण का मतदान होगा. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे. पिछले चुनाव में भी आखिरी चरण में प्रधानमंत्री वाराणसी आए थे. इस बार भी पीएम आए. प्रधानमंत्री के वाराणसी में रैली करने से पहेल इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम भी वहां पहुंच गई थी. बाबा विश्वनाथ के जनता भी देगी आशीर्वाद? होली से पहले लहराएगा भगवा रंग? ऐसे तमाम सवाल टीम ने जनता से किए. जवाब में जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh में Assembly Election को लेकर सियासी समीकरण बनते-बिगड़ते रहे. ऐसा ही कुछ सूबे की Bairia Assembly Seat पर भी देखने को मिला. बैरिया विधानसभा सीट इस चुनाव में चर्चा का केंद्र रही. जिसकी वजह यहां के बागी विधायक Surendra Singh रहे. भाजपा ने इस बार सुरेंद्र सिंह का टिकट काटकर उनकी जगह Anand Swaroop Shukla को अपना उम्मीदवार घोषित किया. हांलाकि सुरेंद्र सिंह ने ही 2017 में पहली बार इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. अब बागी विधायक सुरेंद्र सिंह ने BJP से टिकट नहीं मिलने के बाद वीआईपी पार्टी की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा. जिसके कारण बैरिया विधानसभा और सुरेंद्र सिंह की चर्चा न केवल जिले में ही हो रही है, बल्कि पूरे प्रदेश में ये सीट चर्चा का केंद्र बनी रही. बीते 3 मार्च को इस सीट पर वोटिंग होने के बाद उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. 10 मार्च को चुनाव परिणाम से पूर्व इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने बैरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचकर यहां के सियासी समीकरण को परखने की कोशिश की.
मोदी ने कहा, कैराना से लेकर काशी तक, बांदा से लेकर बहराइच तक, हर नागरिक ‘डबल इंजन’ की सरकार के लिए ही हुंकार भर रहा है।
राहुल गांधी ने वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मंत्री अजय राय के समर्थन में शुक्रवार को आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
मैनपुरी से लोकसभा सदस्य यादव ने जौनपुर में कहा कि गरीबों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं है, शिक्षित युवा बेरोजगार हैं।
Ballia District के Bansdih Assembly में BJP और SP के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. यहां बीजेपी प्रत्याशी Ketki Singh का मुकाबला नेता प्रतिपक्ष Ramgovind Chaudhary से है. वोटिंग के दौरान बांसडीह के केतकी बूथ पर हंगामा की खबर सामने आई. खुद बीजेपी प्रत्याशी केतकी सिंह का कुछ बोलते हुए एक वीडियो सपा ने ट्वीट किया. 2017 में यह सीट बीजेपी ने समझौते के तहत Omprakash Rajbhar की पार्टी SBSP को दे दिया था. इसके बाद केतकी सिंह ने पार्टी से विद्रोहह कर दिया था. वह निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गईं और रामगोविंद को कड़ी टक्ककर दी थी. सपा उम्मीदवार रामगोविंद महज 1687 वोट से ही जीत पाए थे. अब गठबंधन टूट चुका है और केतकी सिंह ने दोबारा बीजेपी में वापसी कर चुनाव मैदान में हैं. अब 10 मार्च को देखना होगा यहां कि जनता किसको चुनती है? जनता का मूड समझने इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम बांसडीह विधानसभा पहुंची थी. जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
7 दिसंबर 2021 के दिन Gorakhpur को सबसे बड़ा उपहार प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Gorakhpur) के रूप में दिया । AIIMS का उद्घाटन होते ही Uttar Pradesh के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों में जीवन जीने का उत्साह भर गया. क्योंकि जिस अच्छे उपचार के लिए यहां के लोगों को दिल्ली जाना पड़ता था, वो अब गोरखपुर में ही उपलब्ध है. करीब 100 एकड़ में फैले इस संस्थान में रैन बसेरे भी बनाए गये हैं. यहां मरीज के साथ आये लोग भी आराम से रह सकते हैं. जब से यह संस्थान जनता के लिए खोला गया है, तब से यहां काफी संख्या में लोग अपना इलाज़ करा चुके हैं. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के सभी इलाके में पहुंच रही है. पांच साल में कितना बदला है प्रदेश? इस सवाल पर जनता से चर्चा कर रही है. इसी सिलसिले में टीम गोरखपुर एम्स पहुंची थी. यहां की सुविधाओं को करीब से देखा-समझा. इस संस्थान के बारे में विस्तृत बातचीत हुई. आप भी सुनिए.
Jaunpur की Malhani Assembly Seat से चुनाव लड़ने के लिए जब से JDU ने बाहुबली Dhananjay Singh को टिकट दिया है, यह सीट काफी चर्चा में आ गई है. इस सीट के पिछले दो दशक के इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यहां BJP, SP और BSP जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. कहा जाता है कि मल्हनी के बड़े वोट बैंक पर धनंजय सिंह का इतना प्रभाव है कि वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का इशारा कर देते हैं, उसी की जीत तय हो जाती है. 2002 में पहली बार धनंजय सिंह रारी सीट (अब मल्हानी) से निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2007 में बीजेपी-JDU के साझा उम्मीदवार के तौर पर जीते. 2009 में हाथी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. सांसद बनने के बाद धनंजय सिंह के पिता BSP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. 2012 में BSP ने सीटिंग विधायक धनंजय सिंह के पिता का टिकट काटकर Panini Singh को मैदान में उतारा. लेकिन 2012 में यहां सपा के पारसनाथ यादव चुनाव जीते. 2017 के चुनाव में फिर से पारसनाथ विजयी रहे, लेकिन 2019 में उनेक निधन के बाद उनके बेटे लकी यादव उपचुनाव जीतकर विधायक बने. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनावी मैदान में उतर आये हैं. मल्हनी की जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मल्हनी विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा की. जनता को कौन पसंद है? आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh का Kushinagar District अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यह भूमि बौद्ध धर्म के लिए एक पवित्र स्थान है. यहीं पर भगवान बुद्ध को निर्वाण प्राप्त हुआ था. यहां पर कई प्राचीन स्तूप हैं जिनका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था. इस जगह की बढ़ती लोकप्रीयता को देखते हुए यहां 260 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट बनाया गया है. यह ज़िला Gorakhpur से 51 कीलोमीटर दूर स्थित है. इस जगह की महिमा को करीब से समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम कुशीनगर पहुंची थी. यहां के संरक्षक ने जो कुछ बताया आप भी सुनिए.
Ghazipur District की Jahurabad Assembly में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. इस विधानसभा में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. यह सीट काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से सुभासपा प्रमुख Omprakash Rajbhar, BSP उम्मीदवार Shadab Fatima और BJP उम्मीदवार Kalicharan Rajbhar के बीच कड़ा मुकाबला है. शादाब फातिमा 2007 में गाजीपुर सदर से सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. 2012 में सपा ने शादाब फातिमा को जहूराबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. तब फातिमा ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को हराया दिया था. 2017 में सुभासपा और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. तब यहां की जनता ने ओमप्रकाश राजभर को विधायक चुना. 2022 में सपा और सुभासपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पांच साल में जहूराबाद विधानसभा में कितना विकास हुआ है? यहां कि जनता ओपी राजभर के विकास कार्य से कितना प्रभावित है? कहीं जनता ओपी राजभर को दलबलू तो नहीं समझती? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम जहूराबाद विधानसभा पहुंची थी. यहां कि जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
विधानसभा चुनाव में फिर उतरे विधायकों (एमएलए या एमएलसी) में से 284 विधायकों (94 प्रतिशत) की संपत्ति शून्य प्रतिशत से 22057 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि 17 प्रतिशत विधायकों (एमएलए-एमएलसी) की संपत्ति एक प्रतिशत से 36 प्रतिशत तक कम हुई है।
यूपी की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को 2017 में यहां पहली बार सफलता मिली थी। दारा सिंह चौहान ने बीजेपी की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। उन्होंने चुनाव में कांग्रेस के अमरेश चंद्र पांडेय को पराजित किया था।
Azamgarh Sadar Assembly Seat SP का मजबूत गढ़ मानी जाती है. इस सीट से Durga Prasad Yadav आठ बार से विधायक हैं. नौवीं जीत अपने नाम करने के लिए दुर्गा प्रसाद एक बार फिर चुनावी मैदान में उतर आए हैं. यह सीट यादव बाहुल्य सीट मानी जाती है. इस विधानसभा में सवर्ण मतदाताओं की भी बड़ी तादाद है. अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित मतदाता भी इस विधानसभा में चुनाव परिणा निर्धारित करने में निर्णयाक भूमिका निभाते हैं. विधायक दुर्गा प्रसाद का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र का बहुत विकास हुआ है, यही वजह है कि यहां कि जनता उनको हर बार अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा भेजती है. हालांकि विपक्ष का कहना है कि विधायक के दावे में कोई दम नहीं है. वैसे सच्चाई जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम आजमगढ़ की सदर विधानसभा पहुंची थी. टीम ने जनता से पूछा- आखिर क्यों हर बर दुर्गा प्रसाद ही यहां से चुनाव जीतते हैं? जनता ने क्या कहा आप भी सुनिए.
संपादक की पसंद