उत्तर प्रदेश में आज दूसरे चरण का मतदान हुआ, जिन 55 सीटों पर वोट डाले गए उनमें से ज्यादातर सीटें ऐसे इलाकों में हैं जहां मुसलमानों की तादाद ज्यादा है। बड़ी संख्या में लोग वोट डालने आए और 60 परसेंट से ज्यादा वोटिंग हुई। उत्तराखंड में भी करीब 60 प्रतिशत मतदान हुआ और गोआ की 40 सीटों पर 80 फीसदी वोट पड़े। Aaj Ki Baat में देखिए चुनावों के साथ- साथ आज की सभी बड़ी खबरों का विश्लेषण
हिजाब के मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई कल तक के लिये टल गई है। कल दोपहर ढाई बजे फिर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। लेकिन उससे पहले ही आज यूपी चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में हिजाब विवाद फिर तूल पकड़ने लगा। इसी पर देखिए आज की बहस मुक़ाबला में।
Nighasan Assembly Seat Uttar Pradesh के Lakhimpur Kheri District के अंतर्गत आती है. कभी इस सीट पर कांग्रेस की सत्ता काबिज रहती थी. लेकिन बदलते सियासी समीकरणों के चलते आज यहां BJP का कब्जा है. निघासन विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा का केंद्र भी बनी हुई है. इसका मुख्य कारण Union Minister of State Ajay Mishra Teni हैं. जो हाल ही में अपने बेटे Ashish Mishra द्वारा किसानों पर गाड़ी दौड़ाने को लेकर खूब सुर्खियां बटौर चुके हैं. टेने ने भी 2012 में भाजपा की टिकट पर निघासन से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. निघासन विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की बहुलता है. लेकिन चुनाव में पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 2017 में भाजपा के Ramukar Verma Patel ने यहां जीत हासिल की थी. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें उनके पुत्र Shashank Verma ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इस बार निघासन सीट पर 23 फरवरी को वोटिंग होगी. सियासी दलों ने इस सीट पर जीत के लिए कमर कस ली है. इसी चुनाव समर के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम निघासन विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly election 2022) के 9 Districts की 55 सीटों पर आज 14 फरवरी को Second Phase का Voting हो रहा है। दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की 55 सीटों पर कुल 586 उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले चुनाव में इन सीटों में से 38 सीटें BJP, दो Congress और 15 SP के पास थीं। दूसरे चरण के चुनाव के प्रमुख चेहरों में Chandauli से Gulab Devi, Nakur से Dharam Singh Saini, Suar से Abdullah Azam, Rampur से Aajam Khan, Shahjahanpur से Suresh Khanna और Amroha से Mehboob Ali शामिल हैं।
Mehnaun Assembly Seat Uttar Pradesh के Gonda district के अंतर्गत आती है. यहां इस बार पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा. इस विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता है. जिनमें सबसे अधिक सवर्ण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. लेकिन चुनाव में क्षेत्र की अनुसूचित जाति के मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं. 2017 के Assembly Election में BJP के Vinay Kumar ने BSP के Arshad Ali Khan को 36 हजार से भी अधिक वोटों से यहां मात दी थी. इस मेहनौन विधानसभा क्षेत्र की जनता के मन में क्या है? इलाके के मतदाता मौजूदा विधायक के कार्यों से कितने संतुष्ट हैं? सियासत से जुड़े इन तमाम सवालों के जवाबों की तलाश में 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम मेहनौन विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
हरगांव Assembly Seat Uttar Pradesh के Sitapur district के अंतर्गत आती है. हरगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल पौने पांच लाख मतदाता हैं. इलाके की अधिकांश आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. यहां दलित समाज के वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. वहीं इलाके में ब्राह्मण और क्षत्रित मतदाता भी अच्छी तादा में हैं. इस बार हरगांव विधानसभा सीट पर 23 फरवरी को मतदान होगा. 2017 में हरगांव विधानसभा सीट पर BJP के Suresh Rahi ने जीत हासिल की थी. बीते पांच सालों में भाजपा विधायक ने क्षेत्र का कितना विकास किया? इलाके की जनता भाजपा विधायक के काम से कितनी संतुष्ट है? ऐसे कई सवालों को लेकर इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हरगांव विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
आज जहां यूपी में दूसरे चरण के मतदान चल रहे हैं, वहीं PM मोदी कानपुर देहात के दौरे पर रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि BJP जीत रही है और मुस्लिम बहनों का आशीर्वाद उनके साथ है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) को लेकर प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. Khalilabad Assembly Seat पर इस बार 3 मार्च को वोटिंग होगी. लेकिन वोटिंग से पहले पूरा क्षेत्र चुनावी माहौल में रंग चुका है. इस सीट पर हर जाति के लोग निवास करते हैं. लेकिन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. इस सीट पर लगातार किसी एक दल का कब्जा नहीं रह पाया है. 2017 में खलीलाबाद विधानसभा सीट पर BJP ने कब्जा किया था. भाजपा के Digvijay Narayan alias Jay Choubey यहां कमल खिलाने में सफल रहे थे. 2022 में भाजपा के सामने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है. क्या भाजपा बदल पाएगी इतिहास? 2022 में यहां फिर से कमल खिल पाएगा? इन तमाम सवालों के जवाब की तलाश में 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
संगम नगरी प्रयागराज की South Assembly Seat पर कभी BJP की तूती बोला करती थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता Kesarinath Tripathi 6 बार इस सीट से विधायक बने. भाजपा ने इस सीट पर 1989 में अपनी जीत की शुरुआत की जो 2007 तक कायम रही. लेकिन 2007 में BSP प्रत्याशी Nand Gopal Gupta ने केसरीनाथ त्रिपाठी को हराकर इस सीट पर कब्जा कर लिया. 2012 में SP ने बसपा से यह सीट छीन ली थी. 2017 में भाजपा ने फिर से यहां वापसी करते हुए जीत हासिल की. इस बार नंद गोपाल नंदी ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. भाजपा ने एक बार फिर से नंद गोपाल नंदी पर भरोसा जताया है. प्रयागराज दक्षिण विधानसभा सीट पर 27 फरवरी को वोटिंग होगी. क्षेत्र में करोबारी वर्ग की अधिकता है. इसके साथ मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाता भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. इस बार प्रयागराज दक्षिण सीट से किस दल का उम्मीदवार जीतेगा इसका फैसला 10 मार्च को हो जाएगा. इसी चुनावी समर के बीच 'इंडिया टीवी' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है' की टीम प्रयागराज दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
Prayagraj Meja Assembly में कभी Revathi Raman Singh का सिक्का चलता था. लेकिन परिसीमन के बाद रमण सिंह का प्रभाव खत्म हो गया. मेजा विधानसभा पहले Karchana Assembly Constituency में ही शामिल था. पुनर्गठन के बाद हुए Assembly Elections में सबसे पहले मेजा क्षेत्र से SP के Gamma Pandey जीते. 2017 में BJP से Neelam Karwaria विधायक बनीं. नीलम ने SP के Ram Sevak Patel को हराया था. यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है. यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं. इस बार भी नीलम को BJP ने दिया टिकट है. अब मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है? उनका मन टटोलने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मेजा पहुंचकर लोगों से चर्चा की.
Lakhimpur District की Dhaurahra Assembly को गांजर क्षेत्र भी कहा जाता है. शारदा नदी की बाढ़ से प्रभावित रहता है यह क्षेत्र. 2017 में BJP से Bala Prasad ने यहां से जीत दर्ज की थी. यहां चौथे चरण मे 23 फरवरी को वोटिंग होगी. BJP ने Vinod Shankar Awasthi को टिकट दिया है. वहीं SP ने यहां से Varun Chowdhary को चुनावी मैदान में उतारा है. BSP Anand Mohan Trivedi को इनके खिलाफ खड़ा की है. वहीं Congress ने Jitendri Devi को यहां से टिकट दिय है. क्या BJP फिर कर पाएगी वापसी? धौरहरा की जनता क्या चाहती है? यहां के मुद्दे क्या है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम धौरहरा विधानसभा पहुंचकर लोगों से बात की.
Prayagraj के Karachhana Assembly में BJP आज तक जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. यहां SP नेता Revathi Raman Singh का लंबे समय से वर्चस्व रहा है. 2017 में सपा से Ujjwal Raman Singh विधायक चुने गए . रेवती रमण के बेटे हैं उज्जवल रमण सिंह. करछना में कमल खिलाना BJP के लिए बड़ी चुनौती है. यहां करीब साढ़े 3 लाख मतदाता हैं. इस बार सपा के गढ़ में BJP करेगी सेंधमारी? क्या चाहता है करछना क्षेत्र का वोटर? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम करछना विधानसभा पहुंची और वहां के लोगों से बात की.
Azamgarh की Sagri Assembly Seat SP का गढ़ मानी जाती है. लेकिन 2017 में इस सीट BSP ने कब्जा कर लिया था. बसपा से Vandana Singh चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थी. लेकिन वंदना सिंह को फिर बसपा ने निष्कासित कर दिया था. अब वंदना सिंह BJP में शामिल हो चुकी हैं. और BJP ने भी सगड़ी सीट से वंदना सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया है. अब देखना होगा 2017 में बसपा को जीता चुकी वंदना इस बार BJP को जीत दिलाने में कामयाब हो पाती हैं? सगड़ी विधान सभा की गिनती पिछडे इलाके में होती है. 7 मार्च को यहां वोट डाले जाएंगे. अब ऐसे में यहां की जनता में मन में क्या चल रहा है? विधायक जो क्षेत्र में विकास का दावा कर रही हैं, उसका लाभ जनता को कितना मिल पाया है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम सगड़ी विधानसभा पहुंची और लोगों से चर्चा की.
Lakhimpur District की Mohammadi Assembly में जनता हर बार विधायक बदलती रहती है. वैसे इस सीट पर Congress-BJP का दबदबा रहा है. SP-BSP को एक-एक बार मिला मौका है. 2017 में BJP के Lokendra Singh को यहां की जनता ने जीताकर विधानसभा भेजा था. आज भी इस विधानसभा में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. यहां बिजली, पानी, शिक्षा महत्वपूर्ण मूद्दे हैं. पिछले पांच सालों यहां की समस्याएं कितनी कम हो पाई? क्या मौजूदा विधायक ने इतना काम किया है कि जनता फिर से BJP को चुन सके? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम मोहम्मदी विधासभा पहुंचकर लोगों से जानने की कोशिश की.
काली मिट्टी के बर्तन यानी ‘ब्लैक पॉटरी’ जी हां ब्लैक पॉटरी किसी परिचय का मोहताज नहीं है. Azamgarh के Nizamabad में बनने वाले ये बर्तन देश-विदेश में मशहूर हैं. सरकार भी प्रसिद्धी देखते हुए इसको बढ़ावा दे रही है. यह ODOP उत्पाद के रूप में चयनित है. लेकिन सरकार से मिल रहे सहयोग के बावजूद भी ब्लैक पॉटरी कारीगरों को और परेशानियां क्या हैं? क्या आसानी से इन्हें कच्चे माल मिल जाता है? क्या मेहनत के मुताबिक बर्तनों का दाम मिल पाता है? इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम इन सभी सवालों के साथ निजामाबाद ब्लैक पॉटरी बनाने वाले कारिगरों के पास पहुंची. आप भी सुनिए कारिगरों ने क्या कहा? साथ ही देखिए ये बर्तन बनाए कैसे जाते हैं?
Uttar Pradesh की Sahaswan Assembly Seat पर SP का कब्जा है. इस सीट पर सपा की ताकत या यूं कहें कि जीत का समीकरण इसी से समझिए कि 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद BJP जीत नहीं पाई, बल्कि चौथे नंबर पर चली गई. सपा के Omkar Yadav ने BSP के Arshad Ali को हराया था. यह विधानसभा बदायूं जिले का हिस्सा है और इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1957 में हुआ था. Mulayam Singh Yadav भी इस सीट से 1996 में चुनाव जीत चुके हैं. इस बार सपा ने ओमकार सिंह के बेटे Brijesh Yadav को टिकट दिया है. इस चुनाव में सपा का गढ़ बरकरार रहेगा या BJP जीत का दीदार करेगी? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)’ का खास शो (Show) ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai) की टीम सहसवान विधानसभा पहुंच कर लोगों से बात की.
नावी घमासान के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम दातागंज विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
चुनावी समर के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हर्रैया विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
Badaun District का Bilsi Assembly Constituency जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर स्थित बिल्सी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. बिल्सी का नजदीकी रेलवे स्टेशन उझानी कस्बे में है. तीर्थ नगरी Kachhla भी इसी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां पर भागीरथ जी का एक मात्र मंदिर है. 2017 में इस विधानसभा सीट पर BJP के Pandit RK Sharma चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. यहां BSP का प्रभाव रहा है. 24 साल बाद यहां 2017 में कमल खिला था. 2022 के Assembly elections में किस पार्टी को जीत मिलेगी? बिल्सी क्षेत्र की जनता क्या मन बना रही है? जनता के दिल की बात जानने इंडिया टीवी’ का खास शो ‘ये पब्लिक है सब जानती है’ की टीम बिल्सी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर यहां के लोगों से चर्चा की.
Uttar Pradesh की Sitapur Sadar Assembly seat पर 2002, 2007 और 2012 के चुनाव में SP ने जीत हासिल की थी. लेकिन 2017 के Assembly Elections में BJP ने सपा का वर्चस्व तोड़ दिया था. भाजपा के Rakesh Rathor ने यहां कमल खिलाकर यहां पार्टी का 21 साल का सूखा खत्म किया. सीतापुर सदर विधानसभा क्षेत्र में दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर्स सबसे अधिक हैं. वहीं इस बार चुनाव में क्षेत्र के करीब सात लाख वोटर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. सीतापुर सदर सीट पर इस बार 23 फरवरी को वोटिंग होगी. इन बीते पांच सालों में मौजूदा विधायक जनता की उम्मीद पर कितना खरा उतरे? क्षेत्र के विकास कार्यों का क्या है हाल? इन तमाम सावालों के जवाब की तलाश में इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम सीतापुर सदर विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचा. जहां क्षेत्र की जनता ने आगामी विधानसभा चुनाव और इलाके की समस्याओं को लेकर अपने विचार हमारे साथ साझा किए.
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