Uttar Pradesh Assembly Election 2022 अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है. प्रदेश में छह चरणों की वोटिंग के बाद अब राज्य में सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा. जिसमें सूबे की 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. सातवें और अंतिम चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. विपक्ष में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. Varanasi में Akhilesh Yadav, Jayant Chaudhary and Mamta Banerjee ने रैली को संबोधित किया. रैली में अखिलेश और ममता ने राज्य की Yogi सरकार पर जमकर हमला बोला. रैली में अखिलेश के साथ उनके चाचा Shivpal Yadav और सुभासपा प्रमुख Om Prakash Rajbhar ने भी अपने अंदाज में BJP पर हमला बोला. इस रैली के दौरान सपा समर्थकों ने इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम के साथ आगामी चुनाव को लेकर क्या कुछ कहा आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh का Gorakhpur इस चुनावी समर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. जिसका एक कारण Yogi Adityanath हैं जो इस बार यहां से Assembly Election लड़ रहे हैं. गोरखपुर की पहचान यहां की प्रसिद्ध टेराकोटा शिल्प से भी है. गोरखपुर के Gulhira Bazaar के Aurangabad Village को टेराकोटा शिल्प का गढ़ माना जाता है. यहां कई परिवार ऐसे हैं जो सालों से इस विशेष कला को जीवित रखे हुए हैं. अकेले औरंगाबाद गांव में ही 200 परिवार कई दशकों से कारोबार में रहकर इस कला को नई पहचान दिला रहे हैं. सूबे कि सरकार ने इसकी महत्ता को समझते हुए इसे 'One District One Product' के रूप में मान्यता दी. जिससे इस कला को ग्लोबल पहचान मिलने में मदद हुई. इस उत्पाद को जीआई टैग भी मिल चुका है. जिससे इसकी मान्यता अंतरराष्ट्रीय स्तर की हो गई है. प्रदेश में मचे चुनावी घमासान के बीच इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने इस कला को जीवित रखने वाले कलाकारों के बीच पहुंचकर इसके बारे में और अधिक जानने की कोशिश की.
वाराणसी में 7 मार्च को आखिरी चरण का मतदान होगा. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे. पिछले चुनाव में भी आखिरी चरण में प्रधानमंत्री वाराणसी आए थे. इस बार भी पीएम आए. प्रधानमंत्री के वाराणसी में रैली करने से पहेल इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम भी वहां पहुंच गई थी. बाबा विश्वनाथ के जनता भी देगी आशीर्वाद? होली से पहले लहराएगा भगवा रंग? ऐसे तमाम सवाल टीम ने जनता से किए. जवाब में जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh में Assembly Election को लेकर सियासी समीकरण बनते-बिगड़ते रहे. ऐसा ही कुछ सूबे की Bairia Assembly Seat पर भी देखने को मिला. बैरिया विधानसभा सीट इस चुनाव में चर्चा का केंद्र रही. जिसकी वजह यहां के बागी विधायक Surendra Singh रहे. भाजपा ने इस बार सुरेंद्र सिंह का टिकट काटकर उनकी जगह Anand Swaroop Shukla को अपना उम्मीदवार घोषित किया. हांलाकि सुरेंद्र सिंह ने ही 2017 में पहली बार इस सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी. अब बागी विधायक सुरेंद्र सिंह ने BJP से टिकट नहीं मिलने के बाद वीआईपी पार्टी की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा. जिसके कारण बैरिया विधानसभा और सुरेंद्र सिंह की चर्चा न केवल जिले में ही हो रही है, बल्कि पूरे प्रदेश में ये सीट चर्चा का केंद्र बनी रही. बीते 3 मार्च को इस सीट पर वोटिंग होने के बाद उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. 10 मार्च को चुनाव परिणाम से पूर्व इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम ने बैरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच पहुंचकर यहां के सियासी समीकरण को परखने की कोशिश की.
Ballia District के Bansdih Assembly में BJP और SP के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. यहां बीजेपी प्रत्याशी Ketki Singh का मुकाबला नेता प्रतिपक्ष Ramgovind Chaudhary से है. वोटिंग के दौरान बांसडीह के केतकी बूथ पर हंगामा की खबर सामने आई. खुद बीजेपी प्रत्याशी केतकी सिंह का कुछ बोलते हुए एक वीडियो सपा ने ट्वीट किया. 2017 में यह सीट बीजेपी ने समझौते के तहत Omprakash Rajbhar की पार्टी SBSP को दे दिया था. इसके बाद केतकी सिंह ने पार्टी से विद्रोहह कर दिया था. वह निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गईं और रामगोविंद को कड़ी टक्ककर दी थी. सपा उम्मीदवार रामगोविंद महज 1687 वोट से ही जीत पाए थे. अब गठबंधन टूट चुका है और केतकी सिंह ने दोबारा बीजेपी में वापसी कर चुनाव मैदान में हैं. अब 10 मार्च को देखना होगा यहां कि जनता किसको चुनती है? जनता का मूड समझने इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम बांसडीह विधानसभा पहुंची थी. जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
7 दिसंबर 2021 के दिन Gorakhpur को सबसे बड़ा उपहार प्रधानमंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Gorakhpur) के रूप में दिया । AIIMS का उद्घाटन होते ही Uttar Pradesh के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों में जीवन जीने का उत्साह भर गया. क्योंकि जिस अच्छे उपचार के लिए यहां के लोगों को दिल्ली जाना पड़ता था, वो अब गोरखपुर में ही उपलब्ध है. करीब 100 एकड़ में फैले इस संस्थान में रैन बसेरे भी बनाए गये हैं. यहां मरीज के साथ आये लोग भी आराम से रह सकते हैं. जब से यह संस्थान जनता के लिए खोला गया है, तब से यहां काफी संख्या में लोग अपना इलाज़ करा चुके हैं. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के सभी इलाके में पहुंच रही है. पांच साल में कितना बदला है प्रदेश? इस सवाल पर जनता से चर्चा कर रही है. इसी सिलसिले में टीम गोरखपुर एम्स पहुंची थी. यहां की सुविधाओं को करीब से देखा-समझा. इस संस्थान के बारे में विस्तृत बातचीत हुई. आप भी सुनिए.
Jaunpur की Malhani Assembly Seat से चुनाव लड़ने के लिए जब से JDU ने बाहुबली Dhananjay Singh को टिकट दिया है, यह सीट काफी चर्चा में आ गई है. इस सीट के पिछले दो दशक के इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यहां BJP, SP और BSP जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. कहा जाता है कि मल्हनी के बड़े वोट बैंक पर धनंजय सिंह का इतना प्रभाव है कि वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का इशारा कर देते हैं, उसी की जीत तय हो जाती है. 2002 में पहली बार धनंजय सिंह रारी सीट (अब मल्हानी) से निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2007 में बीजेपी-JDU के साझा उम्मीदवार के तौर पर जीते. 2009 में हाथी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. सांसद बनने के बाद धनंजय सिंह के पिता BSP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. 2012 में BSP ने सीटिंग विधायक धनंजय सिंह के पिता का टिकट काटकर Panini Singh को मैदान में उतारा. लेकिन 2012 में यहां सपा के पारसनाथ यादव चुनाव जीते. 2017 के चुनाव में फिर से पारसनाथ विजयी रहे, लेकिन 2019 में उनेक निधन के बाद उनके बेटे लकी यादव उपचुनाव जीतकर विधायक बने. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनावी मैदान में उतर आये हैं. मल्हनी की जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मल्हनी विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा की. जनता को कौन पसंद है? आप भी सुनिए.
Uttar Pradesh का Kushinagar District अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यह भूमि बौद्ध धर्म के लिए एक पवित्र स्थान है. यहीं पर भगवान बुद्ध को निर्वाण प्राप्त हुआ था. यहां पर कई प्राचीन स्तूप हैं जिनका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था. इस जगह की बढ़ती लोकप्रीयता को देखते हुए यहां 260 करोड़ रुपए की लागत से एयरपोर्ट बनाया गया है. यह ज़िला Gorakhpur से 51 कीलोमीटर दूर स्थित है. इस जगह की महिमा को करीब से समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम कुशीनगर पहुंची थी. यहां के संरक्षक ने जो कुछ बताया आप भी सुनिए.
Ghazipur District की Jahurabad Assembly में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. इस विधानसभा में आखिरी चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. यह सीट काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से सुभासपा प्रमुख Omprakash Rajbhar, BSP उम्मीदवार Shadab Fatima और BJP उम्मीदवार Kalicharan Rajbhar के बीच कड़ा मुकाबला है. शादाब फातिमा 2007 में गाजीपुर सदर से सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. 2012 में सपा ने शादाब फातिमा को जहूराबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. तब फातिमा ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को हराया दिया था. 2017 में सुभासपा और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. तब यहां की जनता ने ओमप्रकाश राजभर को विधायक चुना. 2022 में सपा और सुभासपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पांच साल में जहूराबाद विधानसभा में कितना विकास हुआ है? यहां कि जनता ओपी राजभर के विकास कार्य से कितना प्रभावित है? कहीं जनता ओपी राजभर को दलबलू तो नहीं समझती? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम जहूराबाद विधानसभा पहुंची थी. यहां कि जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Azamgarh Sadar Assembly Seat SP का मजबूत गढ़ मानी जाती है. इस सीट से Durga Prasad Yadav आठ बार से विधायक हैं. नौवीं जीत अपने नाम करने के लिए दुर्गा प्रसाद एक बार फिर चुनावी मैदान में उतर आए हैं. यह सीट यादव बाहुल्य सीट मानी जाती है. इस विधानसभा में सवर्ण मतदाताओं की भी बड़ी तादाद है. अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित मतदाता भी इस विधानसभा में चुनाव परिणा निर्धारित करने में निर्णयाक भूमिका निभाते हैं. विधायक दुर्गा प्रसाद का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र का बहुत विकास हुआ है, यही वजह है कि यहां कि जनता उनको हर बार अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए विधानसभा भेजती है. हालांकि विपक्ष का कहना है कि विधायक के दावे में कोई दम नहीं है. वैसे सच्चाई जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम आजमगढ़ की सदर विधानसभा पहुंची थी. टीम ने जनता से पूछा- आखिर क्यों हर बर दुर्गा प्रसाद ही यहां से चुनाव जीतते हैं? जनता ने क्या कहा आप भी सुनिए.
Jaunpur District के Malhni Assembly Constituency में एक गांव Madhopatti है. यह गांव अफसरों के गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव के लगभग हर घर में एक व्यक्ति IAS या IPS है. यहीं नहीं गांव के कई प्रतिभाशाली लोग इसरो, मनीला और इंटरनेशनल बैंक में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस गांव के पहले IAS अधिकारी Mustafa Hussain, मशहुर कवि Wamiq Jaunpuri के पिता थे. 1914 में मुस्तफा हुसैन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा पास किए और अफसर बने. हुसैन के बाद IAS Indu Prakash थे, जिन्होंने 1951 में सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की और IFS ऑफिस बने. वह करीब 16 देशों में भारत के राजदूत भी रहे. कहा जाता है हर साल इस गांव से कोई अधिकार जरूर बनता है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम चुनावी माहौल में इस गांव में जनता का मूड समझने पहुंची थी. बातचीत के दौरान यहां के लोगों ने कहा कि अफसरों के गांव में नेताओं की ज़रूरत नहीं हैं. बिना सरकार के भी यहां की कानून व्यवस्था अच्छी रहती है.
Jaunpur District Varanasi के पड़ोस में स्थित है. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर नज़र डालें तो इस शहर की स्थापना फिरोज शाह तुगलक ने अपने चचेरे भाई मोहम्मद बिन तुगलक की याद में की थी. जौनपुर में गोमती नदी के किनारे स्थित शाही किला ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है. अटाला मस्जिद, 1458 से 1478 में बनी जामा मस्जिद, 1450 के करीब निर्मित लाल दरवाजा मस्जिद भी हैं. लाल दरवाजा मस्जिद में पुराना मदरसा भी जिसे लेकर कहा जाता है कि सासारम के शासक शेर शाह सूरी ने यहीं से शिक्षा ग्रहण की थी. जौनपुर में शिक्षा का बोबाला शुरू से ही रहा है. यहां की धरती ने देश को कई अधिकारी दिए. लेकिन बीते कुछ सालों में यहां माफिया राज होने के चलते शिक्षा को काफी नुकसान पहुंचा. पर अभी उत्तर प्रदेश में चुनाव हो रहे हैं. हर विधानसभा इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम पहुंच रही है. वहां का विकास समझ रही है. समस्या समझ रही है. जनता का मूड समझ रही है. इसी सिलसिले में टीम जौनपुर पहुंची थी. चर्चा के दौरान शिक्षा पर बोलते हुए लोगों ने कहा कि अब यहां माफिया राज खत्म हो चुका है. युवा शिक्षा की तरफ बढ़ चुके हैं.
Sitapur में गोमती नदी के तट पर स्थित प्राचीन शिव स्थान को Rudravart तीर्थ के नाम से जाना जाता है. आदि गंगा गोमती नदी के किनारे पर नदी के अंदर एक शिवलिंग स्थापित है. शिवलिंग पर ओम नम: शिवाय के उच्चारण के साथ बेल पत्र, दूध, फल और जल अर्पित करने पर वह सीधा जल में समा जाता है. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. इस स्थान की महिमा को समझने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम रुद्रावर्त तीर्थ पहुंची थी. चर्चा के दौरान मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस स्थान का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है.
Jaunpur की Malhani Assembly Seat से चुनाव लड़ने के लिए जब से JDU ने बाहुबली Dhananjay Singh को टिकट दिया है, यह सीट काफी चर्चा में आ गई है. इस सीट के पिछले दो दशक के इतिहास पर नज़र डालें तो पता चलता है कि यहां BJP, SP और BSP जैसी बड़ी पार्टियों के प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. कहा जाता है कि मल्हनी के बड़े वोट बैंक पर धनंजय सिंह का इतना प्रभाव है कि वह जिस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने का इशारा कर देते हैं, उसी की जीत तय हो जाती है. 2002 में पहली बार धनंजय सिंह रारी सीट (अब मल्हानी) से निर्दलीय चुनाव जीते थे. 2007 में बीजेपी-JDU के साझा उम्मीदवार के तौर पर जीते. 2009 में हाथी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. सांसद बनने के बाद धनंजय सिंह के पिता BSP के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने. 2012 में BSP ने सीटिंग विधायक धनंजय सिंह के पिता का टिकट काटकर Panini Singh को मैदान में उतारा. लेकिन 2012 में यहां सपा के Parasnath Yadav चुनाव जीते. 2017 के चुनाव में फिर से पारसनाथ विजयी रहे, लेकिन 2019 में उनेक निधन के बाद उनके बेटे Lucky Yadav उपचुनाव जीतकर विधायक बने. एक बार फिर धनंजय सिंह चुनावी मैदान में उतर आये हैं. मल्हनी की जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मल्हनी विधानसभा पहुंचकर लोगों से चर्चा की. जनता को कौन पसंद है? आप भी सुनिए.
Mau District की Ghosi Assembly Seat पर 2017 में BJP ने जीत दर्ज की थी. यहां की जनता ने फागु सिंह को विधायक बनाकर विधानसभा भेजा था. Fagu Singh Chauhan के राज्यपाल बनने के बाद 2019 में यहां उपचुनाव हुए. इस बार बार बीजेपी ने ही यहा जीत दर्ज की. इस क्षेत्र के जानकारों की मानें तो इस सीट पर स्थानीय मुद्दों के अलावा हिंदू-बनाम-मुस्लिम का समीकरण चुनाव में जीत-हार दिलाता है. दल कोई भी हो लेकिन परिणाम में ध्रुवीकरण स्पष्ट दिखता है. यह सीट उस वक्त काफी चर्चा में आ गई, जब Yogi सरकार के मंत्री रहे Dara Singh SP का दामन थाम लिए. सपा ने इस सीट से दारा सिंह को टिकट भी दिया है. अब 10 मार्च को पता चलेगा दारा सिंह के सपा में जाने से बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचता है और सपा को कितना फायदा? वैसे जनता के मन में क्या चल रहा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम घोसी विधानसभा पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां के लोगों ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
Azamgarh की Mubarakpur Assembly Seat SP, BJP और BSP के लिए हॉट सीट बनती जा रही है. Shah Alam alias Guddu Jamali 2012 से 2017 तक लगातार इस सीट से बसपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि अब जमाली बसपा का दामन छोड़ सपा के घर पहुंच गए हैं. 1996 से ही यह सीट बसपा के कब्जे में है. सपा, बसपा के इस मजबूत किले में सेंधमारी करने के लिए जमाली को अपनी पार्टी में शामिल कर चूकी है. वहीं भाजपा अब तक इस सीट पर जीत हासिल कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई है. देखना होगा 2022 के चुनाव में यहां किस करवट ऊंट बैठता है? यहां की जनता के मन में क्या कुछ चल रहा है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मुबारकपुर विधानसभा पहुंची. यहां कि जनता क्या चाहती है? आप भी सुनिए.
Bahraich District की Balha Assembly कृषि प्रधान क्षेत्र है. धान, गेहूं, आलू के साथ-साथ गन्ने की यहां अच्छी पैदवार होती है. यहां का गुड़ काफी स्वादिष्ट होता है. इस वक्त प्रदेश में Assembly Election चल रहे हैं. ऐसे में नेता जहां विकास का दावा कर रहे हैं, तो वहीं जनता दावों की पोल खोल रही है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हर क्षेत्र में पहुंचकर जनता के मन की बात सबके समाने रख रही है. इसी सिलसिले में टीम बलहा में गन्ना किसानों के पास पहुंची थी. गन्ना किसानों ने क्या अपनी समस्याएं बताई? आप भी सुनिए.
Bahraich District की Balha Assembly कृषि प्रधान क्षेत्र है. धान, गेहूं, आलू के साथ-साथ गन्ने की यहां अच्छी पैदवार होती है. यहां का गुड़ काफी स्वादिष्ट होता है. इस वक्त प्रदेश में Assembly Election चल रहे हैं. ऐसे में नेता जहां विकास का दावा कर रहे हैं, तो वहीं जनता दावों की पोल खोल रही है. इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम हर क्षेत्र में पहुंचकर जनता के मन की बात सबके समाने रख रही है. इसी सिलसिले में टीम बलहा में गन्ना किसानों के पास पहुंची थी. गन्ना किसानों ने क्या अपनी समस्याएं बताई? आप भी सुनिए.
Jaunpur District की Mariahu Assembly Seat ग्रामीण इलाके की सीट है. यहां के अधिकतर आबादी के लिए आजीविका का मुख्य साधन कृषि है. यह सीट Bharatiya Janata Party का गढ़ रही है. पिछले सात में से चार दफे BJP के उम्मीदवार यहां से चुनाव जीते हैं. 2017 में बीजेपी के गठबंधन सहयोगी Apna Dal की Leena Tiwari चुनाव जीती थीं. इस क्षेत्र में कुल साढ़े तीन लाख के करीब वोटर हैं. यहां पटेल वोटरों की बहुलता है. यादव, ब्राह्मण, क्षत्रिय मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. इस Assembly Election में यहां कि जनता किसको जीताना चाहती है? जानने के लिए इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम मड़ियाहूं विधानसभा पहुंची थी. यहां की जनता के मन में क्या है? आप भी सुनिए.
Jaunpur के Shahganj Assembly Seat पर 2002 से SP का कब्जा है. 2012 और 2017 से लगातार Shailendra Yadav Lalai इस सीट से विधायक हैं. इस बार भी SP ने ललई को टिकट दिय है. इस क्षेत्र में ढाई लाख के करीब कुल वोटर हैं. यह क्षेत्र यादव बाहुल्य माना जाता है. राजभर, और राजपूत मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. विधायक शैलेंद्र यावद ललई Akhilesh Yadav के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रहे हैं. विधायक का दावा है कि उनके क्षेत्र में सभी लोगों का विकास हुआ है. इस दावे की हककीत समझने इंडिया टीवी (India TV)' का खास कार्यक्रम 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम शाहगंज विधानसभा पहुंची थी. चर्चा के दौरान यहां कि जनता ने क्या कहा? आप भी सुनिए.
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