वनवासियों को आज़ादी प्यारी होती है और उन्हें किसी बंधन में जक़डा नहीं जा सकता है। इन्ही वनवासियों ने सबसे पहले जंगलों से ही विदेशी आक्रांताओं एवं दमनकारियों के विरुद्ध संघर्ष किया था। ऐसे ही महान क्रांतिकारी हुए हैं अल्लूरी सीताराम राजू।
स्वतंत्रता संग्राम का ज़िक्र होते ही कई नाम हमारे ज़हन में कौंध जाते हैं लेकिन दुर्भाग्य से कुछ ऐसे भी नाम हैं जिनका योगदान किसी से कम नहीं लेकिन फिर भी वे हमारे लिए बेनाम-बेचेहरा बने हुए हैं। इसी कड़ी में एक नाम है रानी गाइदिनल्यू का जो मणिपुर की थी
अब लगभग 29 साल की हो चुकीं ममता रावत ने 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ आपदा के दौरान सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी।
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से लगभग 150 साल पहले कोई भारतीय महिला डॉक्टरी की पढ़ाई करे? और वह भी तब जबकि डॉक्टरी की पढ़ाई भारत में न होती रही हो?
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