Russia Ukraine War: यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक और अन्य प्रतिबंध लगाए हैं। भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की निंदा नहीं की है। नई दिल्ली ने रूस और यूक्रेन से कूटनीति एवं वार्ता के मार्ग पर लौटने की कई बार अपील की है।
UNSC News: रूस की सेना ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इसके बाद से यूक्रेन के मामले पर भारत ने पहली बार रूस के खिलाफ मतदान किया है।
रूचिरा कंबोज ने कहा, साझा सुरक्षा तभी संभव है, जब देश एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें।
India warns China: भारत ने चीन की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में चीन पर ही निशाना साधते हुए कहा कि यह ''बेहद खेदजनक'' है कि दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को काली सूची में डालने के वास्तविक व साक्ष्य आधारित प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है।
UNSC: भारत आतंकवाद के खिलाफ 29 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 15 देशों के राजनयिकों की एक विशेष बैठक की मेजबानी करेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होने वाला है।
भारत के रास्ते में चीन हर बार आता है, क्या इस बार भी यही होगा। यह सवाल बड़ा है। युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में पांच में से चार देश आ गए हैं, लेकिन चीन का रुख अभी भी साफ नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र के सामाजिक व आर्थिक मामलों के विभाग के जनसंख्या प्रखंड द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 15 नवंबर, 2022 को आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है।
यूएन में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर/कानूनी सलाहकार डॉ. काजल भट ने गुरुवार को UNSC में पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई।
भारत ने कहा कि एक प्रमुख क्षेत्र जिस पर अंतराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देने की आवश्यकता है, वह है प्रसार के जोखिमों का तेजी से बढ़ना।
UNSC ने साल 2006 में उत्तर कोरिया के पहले परमाणु परीक्षण के बाद उस पर बहुत ही कड़े प्रतिबंध लगाए थे।
UNSC: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में जम्मू-कश्मीर पर ‘अनुचित टिप्पणी’ करने के लिए शुक्रवार को पाकिस्तान पर निशाना साधा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का यह संबोधन बेहद अहम माना जा रहा है।
भारत ने यूक्रेन की मानवीय स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस रूसी-मसौदे प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इस प्रस्ताव पर वोट करने से परहेज करने को लेकर पश्चिमी देशों के साथ शामिल हो गए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत टी.एस. तिरुमूर्ति ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में जारी स्थिति पर बार-बार गहरी चिंता व्यक्त की है।’’ रूस ने यूक्रेन में जैविक प्रयोगशालाओं के मसले पर सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करने की अपील की है।
ब्रिटेन की तरफ से भले ही कहा गया है कि रूस से यूएनएससी की स्थायी सदस्यता वापस लेने का विकल्प भी खुला है, लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसा किया जाना संभव है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर भारत के स्टैंड को लेकर भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। वोटिंग के साथ इसका भी पटाक्षेप हो गया, भारत ने इससे खुद को दूर रखा। UNSC के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका।
टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है।
रूस ने यूएनएससी में कहा, पश्चिमी देशों का एकलौता मकसद युद्ध नहीं होता, तो यूक्रेन की कठपुतली सरकार बहुत पहले ही मिन्स्क समझौते को लागू करने के लिए मजबूर हो जाती।
सुरक्षा परिषद की बैठक में तिरुमूर्ति ने कहा, UNSC का प्रस्ताव आतंकवाद के खिलाफ जंग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को बयां करता है।
भारतीय राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान का निकट पड़ोसी होने और वहां के लोगों का लंबे समय से दोस्त होने की वजह से अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति का सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
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