संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेल्जियम ने भी अब यूएनएससी में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व की बेल्जियम ने तारीफ भी की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि दिल्ली में G20 सम्मेलन में भारत की विदेश नीति की सच्ची जीत हुई थी।
गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बड़े प्रस्ताव को अंगीकार किया है। यह प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात की ओर से पेश किया गया था। 15 सदस्यीय इस मंच पर इसके पक्ष में 13 वोट पड़े और विरोध में किसी ने मतदान नहीं किया। यह प्रस्ताव पास होने से फिलिस्तीनी गदगद हो गए हैं।
सूडान में पिछले कुछ महीनों से अर्धसैनिक बल 'रैपिड सपोर्ट फोर्सेज' सूडानी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, जिसके चलते देश के लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य अब तक नहीं बनाए जाने पर रुचिरा कांबोज ने फिर से दावा पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत के स्थाई सदस्यता के दावे को अब लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
इजरायल-हमास युद्ध लगातार जारी है। इजरायली सेना गाजा पर जमीनी और हवाई अभियान चला रही है। भारी संख्या में हमास आतंकियों को इजरायल ने मार गिराया है। अब शिफा हॉस्पिटल में हमास के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच गाजा में सीजफायर के मुद्दे पर इजरायल को संयुक्त राष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी अमेरिका व चीन—रूस के बीच मतभेतद खुलकर दिखाई दिए। गाजा में युद्धविराम को लेकर एक प्रस्ताव अमेरिका ने लाया तो रूस और चीन ने मिलकर उसे वीटो करके खारिज कर दिया।
इजराइल और हमास की जंग पर UNSC में आयोजित मीटिंग में अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने इजराइल का पक्ष लेते हुए दुनिया में फैले हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है। साथ ही आतंकवादियों को मदद करने वाले देशों को भी आड़े हाथों लिया।
इजरायल और हमास के बीच बीते 2 हफ्तों से जंग लगातार जारी है। इजरायल के दावे के अनुसार, उसके 200 से अधिक नागरिक अब भी हमास के आतंकियों के बंधक हैं। वहीं, इस मुद्दे पर UNSC में भी तीखी बहस देखने को मिली है।
UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने हमेशाा से पुरजोर वकालत की है। लेकिन यूएन अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। न्यूयॉर्क में चल रहे 78वें सत्र में भारत ने स्थाई सदस्यता के भारत के दावे पर गौर न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही जी4 देशों के साथ चेतावनी दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान खोजने के लिए अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। ऐसे में युद्ध मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। यूएनएससी को अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाने पर भारत ने उसकी जमकर आलोचना की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र के खुले मंच पर भारत ने फिर दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति से युद्ध का समाधान खोजने की अपील की है। दोनों देशों के बीच करीब 18 महीने से भीषण युद्ध चल रहा है। मगर अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
भारत ने युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के कामकाज पर सवाल उठाते हुए यूएनएससी पर निशाना साधा है। भारत ने साफ कहा कि यूएन भारत द्वारा बताए वैश्विक आतंकवादियों को साक्ष्यों के बावजूद बिना बताए ब्लैक लिस्ट में डालने से रोकता है। जानिए चीन और पाकिस्तान की भूमिका के बारे में क्या कहा?
दुनिया भर में अपनी बेबाकी के लिए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर यूएन को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में 20वीं शताब्दी वाला रवैया नहीं चल सकता। पीएम मोदी ने यह बात जी-20 की नई दिल्ली में 9-10 सिंतबर को होनी वाली बैठक से पहले कही है।
बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए एक नई अंतरराष्ट्रीय संस्था बनाने की अपील की।
पीएम मोदी ने फ्रांस यात्रा से ठीक पहले एक इंटरव्यू में UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े लोकतंत्र वाला देश भारत ही इसका स्थाई सदस्य नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता में सुधार पर देरी किए जाने से भारत बेहद खफा हो गया है। दरअसल यूएन महासभा ने सुधार संबंधी चर्चा पर प्रस्ताव को सितंबर तक अगले सत्र के लिए टाल दिया है। वार्ता को आगे खिसकाए जाने को भारत ने जानबूझकर लटकाने वाला कदम बताया है।
इजरायल और फलस्तीन के बीच में तनाव ज्यादा बढ़ जाने और हाल के समय में हमलों की संख्या बढ़ने पर यूएन ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ‘यूएनएससी‘ ने इज़राइल और फलस्तीन से ऐसे कृत्यों को रोकने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नए सुधार की आवश्यकता है। ऐसे में भारत जैसे दुनिया में तेजी से उभरते देशों की इस परिषद में जरूरत है। यूएन जनरल असेंबली के अध्यक्ष ने यह बड़ा बयान दिया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा शुरू हो रही है।
भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सालों से बढ़-चढ़कर मुहिम चला रहा है। उसका कहना है कि वह स्थायी सदस्यता का हकदार है। अपने संबोधन में सिंह ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में काम चुके या काम कर रहे सभी भारतीयों के प्रति आभार प्रकट किया।
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