अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से कहा कि ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत जैसा ‘एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है’, इसलिए तेहरान पर हथियार प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फरवरी में कोविड-19 के दुनियाभर में फैलने के बाद से इस महामारी पर पहले प्रस्ताव पर सहमति बनाने की फिर से कोशिश कर रही है।
रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया है।
भारत बुधवार को 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अस्थाई सदस्य के रूप में चुन लिया गया है।
भारत को आज सुरक्षा परिषद के चुनावों में आसान जीत मिलने की उम्मीद है, जिससे वह 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत 10 साल बाद एक बार फिर अस्थाई सदस्य के रूप में शामिल होगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की पांच अस्थायी सीटों के लिए 17 जून को चुनाव कराए जाएंगे। एशिया प्रशांत क्षेत्र से भारत इस अस्थायी सीट पर उम्मीदवार है।
यूएनजीए के अध्यक्ष तिज्जानी मोहम्मद बांदे ने बताया कि सुरक्षा परिषद के पांच गैर-स्थायी सदस्यों, आर्थिक और सामाजिक परिषद के सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 75वें सत्र के अध्यक्ष का चुनाव 17 जून को एक साथ होगा।
अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने को लेकर पहले से ही चल रहे तनाव के बीच अब हांगकांग एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है।
एस्तोनिया ने कहा है कि यह शर्म की बात है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा सुरक्षा परिषद ने कोविड-19 महामारी से निपटने में अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की।
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर झटका लगा है। पाकिस्तान ने युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन चीन को छोड़कर उसका साथ किसी ने नहीं दिया।
अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ को अमेरिकी वीजा देने से इनकार कर दिया है
कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की चीन की चाल विफल हो गई है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक बार फिर कश्मीर पर एक आतंरिक बैठक बुलाने का प्रस्ताव किया था लेकिन फ्रांस समेत दूसरे देशों ने इसे विफल कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर में महिला अधिकारों का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान पर जमकर बरसते हुए भारत ने कहा कि देश एक ऐसे तंत्र को दर्शाता है जो मामूली राजनीतिक फायदों के लिए आतंकवाद और विकास विरोधी चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा देता है तथा महिलाओं की आवाज को दबाता है।
भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय विवादों के न्यायिक समाधान को बढ़ावा देने के लिए किसी अन्य माध्यम को चुनने की बजाए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से ज्यादा से ज्यादा मदद लेनी चाहिए।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद निरोधक समिति से मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद को ‘‘जेब खर्च’’ के लिए उसके खाते से पैसे निकालने की अनुमति देने का अनुरोध करना इस्लामाबाद के उसके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
वैश्विक आतंकी और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद के खिलाफ टेरर फंडिंग का मामला चल रहा है इस बीच पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से अनुरोध किया कि सईद के परिवार के मासिक खर्चे के लिए उसे बैंक खाते को इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए।
पाकिस्तान को ‘आतंकवाद का केंद्र’ करार देते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पड़ोसी देश को आड़े हाथ लिया है।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को करारा जवाब देने वाली भारत की प्रतिनिधि विजय ठाकुर सिंह 1 अक्टूबर 2018 से विदेश मंत्रायल में सचिव (ईस्ट) पद पर कार्यरत है। विजय ठाकुर सिंह का जन्म 18 सिंतबर 1960 को हुआ था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें राहुल गांधी के नाम का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने भी घाटी के हालात पर चिंता जताई है।
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