अमेरिका के परंपरागत प्रतिद्वंद्वी रूस ने पहली बार खुलकर अमेरिका पर आरोप लगाया है। मिडिल ईस्ट में चल रही जंग में अमेरिका की आक्रामक भूमिका पर जानिए रूस ने अमेरिका को किस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया है?
बीते लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार और संशोधनों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक इसमें कोई भी बदलाव नहीं आया है। अब दिग्गज कारोबारी एलन मस्क नमे भी इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डेनिस फ्रांसिस की यात्रा के दौरान बातचीत में विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए भारत का आह्वान दोहराया जाएगा, ताकि इस वैश्विक संस्था में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर इसे अधिक न्यायसंगत बनाया जा सके।’’
उत्तर कोरिया की ओर से लगातार किए जा रहे बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों और धमकियों से परेशान दक्षिण कोरिया ने अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ठोस कदम उठाने की मांग की है। दक्षिण कोरिया ने किम जोंग उन के उकसावे वाले कदमों के खिलाफ अपनी चुप्पी तोड़ने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेल्जियम ने भी अब यूएनएससी में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व की बेल्जियम ने तारीफ भी की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि दिल्ली में G20 सम्मेलन में भारत की विदेश नीति की सच्ची जीत हुई थी।
गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बड़े प्रस्ताव को अंगीकार किया है। यह प्रस्ताव संयुक्त अरब अमीरात की ओर से पेश किया गया था। 15 सदस्यीय इस मंच पर इसके पक्ष में 13 वोट पड़े और विरोध में किसी ने मतदान नहीं किया। यह प्रस्ताव पास होने से फिलिस्तीनी गदगद हो गए हैं।
सूडान में पिछले कुछ महीनों से अर्धसैनिक बल 'रैपिड सपोर्ट फोर्सेज' सूडानी सेना के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है, जिसके चलते देश के लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य अब तक नहीं बनाए जाने पर रुचिरा कांबोज ने फिर से दावा पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत के स्थाई सदस्यता के दावे को अब लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
इजरायल-हमास युद्ध लगातार जारी है। इजरायली सेना गाजा पर जमीनी और हवाई अभियान चला रही है। भारी संख्या में हमास आतंकियों को इजरायल ने मार गिराया है। अब शिफा हॉस्पिटल में हमास के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच गाजा में सीजफायर के मुद्दे पर इजरायल को संयुक्त राष्ट्र में हार का सामना करना पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी अमेरिका व चीन—रूस के बीच मतभेतद खुलकर दिखाई दिए। गाजा में युद्धविराम को लेकर एक प्रस्ताव अमेरिका ने लाया तो रूस और चीन ने मिलकर उसे वीटो करके खारिज कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय राजदूत आर. रवींद्र ने अपना पक्ष रखा। भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि (डीपीआर) राजदूत आर. रवींद्र ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध पर बड़ा बयान दिया है।
इजराइल और हमास की जंग पर UNSC में आयोजित मीटिंग में अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने इजराइल का पक्ष लेते हुए दुनिया में फैले हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है। साथ ही आतंकवादियों को मदद करने वाले देशों को भी आड़े हाथों लिया।
इजरायल और हमास के बीच बीते 2 हफ्तों से जंग लगातार जारी है। इजरायल के दावे के अनुसार, उसके 200 से अधिक नागरिक अब भी हमास के आतंकियों के बंधक हैं। वहीं, इस मुद्दे पर UNSC में भी तीखी बहस देखने को मिली है।
लगातार दो दिनों से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करने वाले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस बार भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। पुतिन ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। वह दुनिया की उभरती ताकत है। इसलिए वह स्थाई सीट का हकदार भी है।
UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने हमेशाा से पुरजोर वकालत की है। लेकिन यूएन अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। न्यूयॉर्क में चल रहे 78वें सत्र में भारत ने स्थाई सदस्यता के भारत के दावे पर गौर न करने पर कड़ा रुख अपनाया है। साथ ही जी4 देशों के साथ चेतावनी दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान खोजने के लिए अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। ऐसे में युद्ध मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। यूएनएससी को अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाने पर भारत ने उसकी जमकर आलोचना की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र के खुले मंच पर भारत ने फिर दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति से युद्ध का समाधान खोजने की अपील की है। दोनों देशों के बीच करीब 18 महीने से भीषण युद्ध चल रहा है। मगर अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
9-10 सितंबर तक नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से कई सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने आए हैं। अफ्रीकी संघ के जी20 में शामिल होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार की मांग हो रही है।
भारत ने युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के कामकाज पर सवाल उठाते हुए यूएनएससी पर निशाना साधा है। भारत ने साफ कहा कि यूएन भारत द्वारा बताए वैश्विक आतंकवादियों को साक्ष्यों के बावजूद बिना बताए ब्लैक लिस्ट में डालने से रोकता है। जानिए चीन और पाकिस्तान की भूमिका के बारे में क्या कहा?
संपादक की पसंद