भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ठोस सुधार की कड़ी वकालत की है। भारत का कहना है कि बार-बार स्थाई सदस्यता में सुधार की मांग उठाए जाने के बावजूद परिषद की ओर से 1965 से अब तक टाल-मटोल होता आ रहा है।
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट काफी तेजी से वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि भारत वीटो पावर के साथ यूएनएससी का स्थायी सदस्य बन गया है। आइये जानते हैं वायरल हो रही इस पोस्ट के दावे का का पूरा सच क्या है?
भारत के पड़ोसी देश भूटान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जमकर हिंदुस्तान की तारीफ की है। भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने भारत को आर्थिक महाशक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज बताते हुए यूएनएससी में स्थाई सदस्यता का प्रबल हकदार बताया है।
भारत, सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से किए जा रहे प्रयासों में अग्रणी रहा है तथा उसका कहना है कि 1945 में स्थापित 15 देशों की परिषद 21वीं सदी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपयुक्त नहीं है। उसका मानना है कि यह समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती।
अमेरिका ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने और यूएनएससी में सुधार का समर्थन किया है। बाइडेन ने पीएम मोदी से यह बात साझा की। इसके साथ ही उन्होंने शांति के लिए पीएम मोदी की रूस और यूक्रेन यात्रा की भी सराहना की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की न्यूयॉर्क में होने वाली बैठक से पहले अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार प्रस्ताव को पेश करके यह साफ कर दिया है कि इस महासम्मेलन में बहस का सबसे बड़ा मुद्दा भारत जैसे देशों को स्थाई सदस्यता देने का ही रहने वाला है। अमेरिका ने भारत का समर्थन किया है।
भारत को लंबे समय से यूएनएससी में स्थाई सदस्यता की दरकार है। मगर चीन हर बार रोड़े अटकाता रहा है। लिहाजा भारत समेत कई देशों ने अब यूएनएससी पर सुधार का दबाव बनाया है। भारत ने मजबूती से स्थाई सदस्यता के लिए अपनी दावेदारी पेश की है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मे मंगलवार को बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट जरूर मिलेगी। पूरी दुनिया में इस बात को लेकर भावना बढ़ रही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर भारत ने जी-4 देशों का विस्तृत मॉडल पेश किया है। इसे भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील की ओर से तैयार किया गया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई और गैर-स्थाई सदस्यों की संख्या और नियमों में सुधार की बात कही गई है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता को लेकर भारत ने फिर यूएनएसी को फटकार लगाई है। भारत ने कहा है कि कब तक 188 देशों की आवाज को दबाते रहेंगे। यूएनएससी में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने स्थाई सदस्यता का मुद्दा उठाया।
बीते लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार और संशोधनों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि, अब तक इसमें कोई भी बदलाव नहीं आया है। अब दिग्गज कारोबारी एलन मस्क नमे भी इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ डेनिस फ्रांसिस की यात्रा के दौरान बातचीत में विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए भारत का आह्वान दोहराया जाएगा, ताकि इस वैश्विक संस्था में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर इसे अधिक न्यायसंगत बनाया जा सके।’’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बेल्जियम ने भी अब यूएनएससी में भारत को स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व की बेल्जियम ने तारीफ भी की है।
दुनिया में सर्वाधिक आबादी वाले देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य अब तक नहीं बनाए जाने पर रुचिरा कांबोज ने फिर से दावा पेश किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत के स्थाई सदस्यता के दावे को अब लंबे समय तक नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
लगातार दो दिनों से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करने वाले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस बार भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग की है। पुतिन ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। वह दुनिया की उभरती ताकत है। इसलिए वह स्थाई सीट का हकदार भी है।
9-10 सितंबर तक नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन से कई सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने आए हैं। अफ्रीकी संघ के जी20 में शामिल होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार की मांग हो रही है।
दुनिया भर में अपनी बेबाकी के लिए जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर यूएन को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में 20वीं शताब्दी वाला रवैया नहीं चल सकता। पीएम मोदी ने यह बात जी-20 की नई दिल्ली में 9-10 सिंतबर को होनी वाली बैठक से पहले कही है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में 6 नए देशों को इसका सदस्य बनाया गया है। इसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का नाम शामिल है। पीएम मोदी ने कहा कि इन नए सदस्यों के शामिल होने से संगठन और अधिक मजबूत होगा। उन्होंने सभी नए सदस्य देशों को बधाई दी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता में सुधार पर देरी किए जाने से भारत बेहद खफा हो गया है। दरअसल यूएन महासभा ने सुधार संबंधी चर्चा पर प्रस्ताव को सितंबर तक अगले सत्र के लिए टाल दिया है। वार्ता को आगे खिसकाए जाने को भारत ने जानबूझकर लटकाने वाला कदम बताया है।
भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सालों से बढ़-चढ़कर मुहिम चला रहा है। उसका कहना है कि वह स्थायी सदस्यता का हकदार है। अपने संबोधन में सिंह ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में काम चुके या काम कर रहे सभी भारतीयों के प्रति आभार प्रकट किया।
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