ट्रंप के शासनकाल के दौरान अमेरिका और चीन के बीच तनाव में काफी इजाफा देखने को मिला था।
जुलाई में अमेरिका के डालास में प्लेन में बैठी एक महिला यात्री को अचानक मेन्टल हेल्थ से जुड़ा कोई ट्रॉमा आया और वह प्लेन में इधर से उधर भागने लगी।
कार्टर ने यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के फ्लोर पर कहा, अमेरिका प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका की दौरे पर रवाना हो गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो साल पहले अमेरिका की यात्रा पर गए थे। तब से अबतक न सिर्फ अमेरिका में सत्ता बदल चुकी है बल्कि वैश्विक हालातों में भी काफी परिवर्तन आ चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका की दौरे पर रवाना हो गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो साल पहले अमेरिका की यात्रा पर गए थे। तब से अबतक न सिर्फ अमेरिका में सत्ता बदल चुकी है बल्कि वैश्विक हालातों में भी काफी परिवर्तन आ चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी अपने अमेरिका दौरे के दौरान QUAD लीडर्स से मुलाकात करेंगे व UNGA को संबोधित करेंगे। अमेरिका रवाना होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बयान जारी कर बताया कि उनका अमेरिका दौरा उसके साथ व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री का यह दौरा हो रहा है।
अहमदी ने कहा, हमारे लिए केवल खेद जताना काफी नहीं है बल्कि अमेरिका को उन लोगों का पता लगाना होगा जिन्होंने यह हमला किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉलिटिको ने संवेदनशील लेकिन गैर खुफिया संदेश तथा अन्य लिखित दस्तावेज प्राप्त किए हैं।
अमेरिका को अफगानिस्तान से एक न एक दिन जाना था, लेकिन वे इस तरह से जाएंगे, इतने बेगैरत होकर जाएंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था।
अफगानों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अमेरिका उन्हें 20 साल तक इस्तेमाल करने के बाद यूं बेसहारा और बेबस छोड़कर भाग जाएगा।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल आज सुबह एकबार फिर से कई धमाकों से थर्रा उठी। बताया जा रहा है कि ये धमाके रॉकेट के जरिए किए गए। न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह काबुल शहर में कई रॉकेट उड़ते सुनाई दिए, जिसके बाद धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। ये हमला अमेरिका की तरफ से किया गया या आतंकियों की तरफ से ये अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ अफगानी पत्रकारों का दावा है कि रॉकेट हमले एयरपोर्ट को निशाना बनाकर किए गए, जिन्हें Kabul airfield defense system ने समय रहते नाकाम कर दिया।
ब्रिटेन के लिए ‘प्रत्यक्ष खतरा’ पेश करने वाले लोग अफगानिस्तान से निकलकर अन्य देशों में शरण के लिए जा रहे लोगों के बीच पाए गए थे।
काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद करीब एक लाख लोगों को देश से बाहर निकाला गया है जिनमें से अधिकतर को तालिबान की कई जांच चौकियों से गुजरना पड़ा।
वियतनाम दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों का मुखर विरोधी रहा है और वह अमेरिका के एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभरा है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि प्रतिबंध लगाने और दबाव बनाने से समस्या का समाधान नहीं होगा।
20 साल पहले तालिबान के शासन के वक्त उसके जुल्म को रिकॉर्ड करने के लिए स्मार्टफोन नहीं थे, लेकिन अब जमाना बदल गया है।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने युद्धग्रस्त पड़ोसी देश के बदलते हालात को लेकर भी विस्तार से चर्चा की।
सबसे आश्चर्य की बात तो ये रही कि पिछले दो दशकों के दौरान अमेरिका ने जिस सेना को ट्रेनिंग दी, उन्हें हाथियार और अन्य उपकरण उपलब्ध कराए, उसने इतनी जल्दी सरेंडर कर दिया।
बगराम के डिस्ट्रिक्ट चीफ दरवेश रउफी ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि बगराम एयर बेस अब तालिबान के कब्जे में है।
समारोह के हिस्से के रूप में, न्यूयॉर्क में वन ब्रायंट पार्क और वन फाइव वन में डर्स्ट संगठन के अन्य प्रतिष्ठानों को भी तिरंगे से सजाया जाएगा।
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