भारत ने अपने अब तक के रुख से हटते हुए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इस्राइल के एक प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है।
दुनिया के देशों के सबसे बड़े संगठन संयुक्त राष्ट्र इस समय खराब आर्थिक हालात का सामना कर रहा है।
अफ्रीका के कई देशों में हालात इतने खराब हैं कि वहां लोगों को एक वक्त का खाना जुटाने में भी भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी संस्था संयुक्त राष्ट्र पर बकाया का मुद्दा उठाया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के अभियानों के लिए शांतिरक्षक और पुलिस बल मुहैया कराने वाले देशों को भुगतान में ‘‘अनुचित और अकथनीय’’ देरी पर चिंता जताई।
विश्व के 70 देशों ने उत्तर कोरिया से शुक्रवार को आग्रह किया कि उसे वैश्विक शांति को खतरा उत्पन्न कर रहे अपने परमाणु हथियार, बैलेस्टिक मिसाइल और संबंधित कार्यक्रम खत्म कर देने चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के दूत ने कहा कि भारत और जर्मनी, ब्राजील तथा जापान जैसे देशों को समसामयिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए बृहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों के तौर पर शामिल करने की “नितांत आवश्यकता” है।
भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के लंबे समय से लंबित पड़े सुधारों के लिए दवाब देने वाले प्रयासों में सबसे अग्रणी है और इस बात पर जोर देने में कि वह संयुक्त राष्ट्र की महत्त्वपूर्ण संस्था में एक स्थायी सदस्य के तौर पर उचित जगह का हकदार है।
जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को भारत के लिए कूटनीतिक जीत बताते हुए शिवसेना ने इस कदम के समय पर सवाल उठाने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधा।
पाकिस्तान ने भी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद उसकी संपत्तियां सील करने और उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। पाकिस्तान में रहने वाले अजहर के हथियार खरीदने-बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अजहर पर प्रतिबंध लगने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये, पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर ने कहा कि वह इसे एक ‘‘पक्ष में उठे बहुत बड़े कदम’’ के रूप में देखते हैं।
JeM चीफ मसूद अजहर पर बेन लगाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करने पर सहमति बनी है, ये संतोष का विषय है, देर आए, दुरुस्त आए।
Chinese foreign ministry's statement: चीन ने कहा है कि उसे मसूद अजहर को आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्ताव में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा और इसके बाद उसने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर लगी रोक हटा ली है।
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मामले में आज जहां भारत को एक बड़ी कामयाबी मिल सकती है, वहीं चीन को तगड़ा झटका लग सकता है।
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों के पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान काफी वैश्विक दबाव का सामना कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में खूंखार आतंकी मसूद अजहर पर बैन के मुद्दे को लेकर जल्द ही अमेरिका और चीन में तगड़ी भिड़ंत हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की ये सूची 6 कारकों पर तय की जाती है। इसमें आय, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक सपोर्ट, आजादी, विश्वास और उदारता शामिल हैं।
हाफिज सईद की याचिका के संयुक्त राष्ट्र में खारिज होने से जुड़ी जानकारी के सार्वजनिक होने से चिढ़े पाकिस्तान ने वैश्विक निकाय से इस बात की जांच का अनुरोध किया है कि भारतीय समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को यह जानकारी कैसे मिली।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाफिज सईद की अपील के खिलाफ भारत ने विरोध किया था, भारत के अलावा फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने भी हाफिज सईद की अपील का विरोध किया, हालांकि पाकिस्तान की तरफ से कोई विरोध नहीं किया गया
जेनेवा में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 'गरीबी में समग्र रूप से उल्लेखनीय कमी आई है', लेकिन 'असमानता एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।'
जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) समेत सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान ‘निर्णायक कार्रवाई’ कर सकता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादियों की सूची में जैश प्रमुख मसूद अजहर को शामिल करने के प्रस्ताव पर अपने विरोध को वापस भी ले सकता है।
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