यह बजट देश की दिशा और दशा बदलने वाला साबित हो सकता है। ऐसे में हर युवा से ये उम्मीद की जा रही है कि वह न सिर्फ इस बजट को सुने बल्कि समझे भी।
बजट एक ऐसा लेखा-जोखा है जो किसी देश के विकास की रफ्तार बताता है। बजट से ही तय हो पाता है कि सरकार किस सेक्टर पर कितना फोकस करने वाली है और उस साल वह देश कितनी तेजी से तरक्की के रास्ते पर चलेगा। भारत के साथ ऐसी कई कहानियां बजट से जुड़ी हुई हैं। एक के बारे में आज जानते हैं।
सरकार ने रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंकों के लिए 2 हजार करोड़ से अधिक रुपये की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी थी।
आजाद भारत का पहला बजट तात्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, लेकिन सबसे अधिक बार पेश करने का मौका इंदिरा गांधी के करीबी रहे एक वित्त मंत्री को मिला था।
लियाकत अली ख़ान मोहम्मद अली जिन्ना के क़रीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। बजट से जुड़ी रोचक कहानी यहां पढ़ें।
सेविंग करने की सही समय पर समझ होना भविष्य में व्यक्ति को किसी भी आर्थिक खतरे से लड़ने के लिए मजबूत बनाती है। सही तरह से सेविंग करने में 50, 30 और 20 का फॉर्मूला एक शानदार भूमिका निभाता है। आइए आज इसके बारे में जानते हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार एक फरवरी को बजट पेश करेगी। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले यह सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि) योजना को सूक्ष्म-ऋण सुविधा के रूप में जून 2020 में शुरू किया गया था। इस योजना का मकसद कोविड-19 महामारी के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए रेहड़ी पटरी वालों को सशक्त बनाना है।
नए नियमों के तहत कुछ खास स्थितियों में कर्मचारी को एचआरए नहीं दिया जाएगा। आजए जानते हैं वे कौन सी शर्तें हैं जिनके दायरे के बाहर ही आप हाउस रेंट अलाउंस पाने के हकदार होंगे:
26 नवंबर 1947 को पेश किए गए आजाद भारत के पहले बजट से लेकर अब तक ऐसे तमाम मौके आए हैं, जब बजट के प्रावधानों ने देश को एक नई दिशा देने की कोशिश की। जानिए बजट से जुड़े ऐसी ही कुछ रोचक तथ्य।
आजादी के बाद से बजट पेश करने से पहले कई तरह की परंपराएं होती है। ये हर पार्टी के सरकार में होता आया है, लेकिन मोदी सरकार जब से कार्यकाल में आई है इसमें कई बदलाव किए हैं। आइए उसके बारे में जानते हैं।
1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट को लेकर केंद्र सरकार तैयारियों में जुट गई है। आइए जानते हैं कि इसके लिए सरकार को किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है।
सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में एक नई धारा 194P जोड़ी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ ने बताया है कि इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, इसके लिए नियम 31, नियम 31A, फॉर्म 16 और 24Q में भी जरूरी संशोधन किए गए हैं।
सरकार के लिए बजट में अब प्रमुख चुनौती बढ़ती महंगाई के बीच अर्थव्यवस्था में मांग को बरकरार रखने की है। इसके लिए गांवों में उपभोक्ताओं के हाथों में काम की उपलब्धता बढ़ानी होगी।
बजट सत्र के पहले भाग के दौरान, दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा होगी और उसके बाद केंद्रीय बजट पर भी चर्चा की जाएगी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देंगे।
रत्न एवं आभूषण उद्योग इसके बाद से सरकार से इसे हटाने की मांग कर रहा था। वित्त मंत्री 1 फरवरी को 2023 का आम बजट पेश करेंगी।
बढ़ता कर्ज Budget की राह में एक बड़ा रोड़ा बन सकती है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही के दौरान केंद्र सरकार ने प्रतिभूतियों के जरिये 4,06,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं। जबकि उधारी कार्यक्रम के तहत अधिसूचित राशि 4,22,000 करोड़ रुपये थी।
संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा हैसंसद में शीतकालीन सत्र चल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ सवालों के जवाब में सरकार की गलती पर सहमति जताई है।
जीएसटी की मीटिंग शुरू हो गई है। आज की मीटिंग में गुटखा खाने वालो पर गाज गिरने की उम्मीद है। इस खबर में जानिए मीटिंग से जुड़ी जरूरी बातें।
वित्त मंत्री एक फरवरी को संसद में आम बजट पेश करेंगी। सूत्रों ने कहा कि 2023-24 के आम बजट में जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर खासतौर से जोर दिया जाएगा
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