बजट परंपरा के अनुसार सरकार बजट से ठीक पहले मौजूदा वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है, जिसमें सरकार के आय व्यय, योजना क्रियांन्वयन और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन एवं भविष्य की रणनीति का जिक्र होता है
इस बार का बजट कई मायनों में ख़ास होने वाला है। सरकार का ध्यान हेल्थ पर अधिक रहेगा, क्योंकि अभी भी कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरिएंट मिलते रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि पिछला 5 साल हेल्थ बजट के लिहाज़ से कैसा रहा है?
बजट को आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं डिफेंस सेक्टर यानि रक्षा क्षेत्र को बजट- 2023 से काफी उम्मीदें है, वहीं पिछले 3 वर्षों में इस क्षेत्र की ओर सरकार ने बेहतरी के साथ ध्यान दिया है।
पीएम किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार तीन समान किस्तों में सालाना कुल 6,000 रुपये देती है। खेती की लागत बढ़ने से इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 36.4 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पहली तिमाही अप्रैल-जून में 18.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था।
देश का आम बजट जल्द ही आने वाला है, वहीं इस आम बजट से सब लोग उम्मीदें लगाये बैठे हैं। शिक्षा क्षेत्र भी बड़ी उम्मीद के साथ बजट की ओर देख रहा है, वहीं आज हम आपको पिछले 4 वर्षों के एजुकेशन बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
बजट आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, वहीं भारत में पूर्ववत में आये कुछ बजटों ने खूब चर्चा बटोरी है। वहीं इन बजटों में आम आदमी के लिये कुछ तो बेहद खास था, जिसे जानना बेहद जरूरी है आज हम उन्हीं का जिक्र करने वाले हैं।
भारत के पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार ने इंडिया टीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि भारतीय सेना बीते एक दशक में किस प्रकार मजबूत हुई है और कैसे भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सेना आधुनिकीकरण की राह पर चल रही है।
एक बजट को तैयार होने में काफी समय लगता है। इसके साथ ही इसमें कई तरह की प्रक्रियाएं और कई चरण शामिल होते हैं। आज हम आपको उन्हीं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। जिससे बजट से जुड़े सवालों के जवाब आपको बेहतरी से मिल जायेंगे।
बजट के लिए FRBM लॉ क्यों जरूरी है और इसका क्या इंर्पोटेंस है? अगर आप भी इसका जवाब नहीं जानते तो ये खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए।
इस वक्त हर भारतीय बजट 2023 से उम्मीदें लगाए बैठा हुआ है कि शायद इस बार सरकार कोई बड़ा ऐलान कर दे जिससे उसकी मुश्किलें कुछ आसान हो सकें। लेकिन उसके पहले बजट से रिलेटेड कुछ बातें जानना जरूरी है।
देश का वार्षिक बजट जल्द ही आने वाला है, वहीं यह बजट जल्द ही आपके समक्ष होगा। दूसरी ओर वैसे तो हर साल बजट प्रस्तुत होते रहते हैं लेकिन सबसे अधिक चर्चा में सन 1997 का बजट आया था, जिसे ड्रीम बजट का नाम दिया गया था।
आम आदमी जहां इस बजट में राहत की उम्मीद कर रहा है तो वहीं अमेरिका भी भारत के बजट-2023 में खास दिलचस्पी रख रहा है। इस बार देश के बजट पर अमेरिका की पैनी नजर है। इतना ही नहीं अबकी बार बजट पेश किए जाने से पहले ही अमेरिका ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ विशेष सुझाव भी भेजे हैं।
देश का आम बजट जल्द ही हम सबके बीच आने वाला है, वहीं 1 फरवरी, 2023 को संसद के पटल पर इसे पेश करेंगी। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 वीं बार बतौर वित्तमंत्री के तौर पर इसे संसद में पेश करेंगी।
Kisan Budget 2023: बजट में कृषि पर इस बार केंद्र सरकार अधिक फोकस करने जा रही है। केंद्र सरकार पहले भी एग्रीकल्टर सेक्टर को बढ़ाने के लिए कई ऐलान कर चुकी है। ऐसे में माकपा का इस तरह का बयान आना केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में लाता है।
अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में इस प्रस्तावित बंदरगाह में प्रतिवर्ष 1.6 करोड़ बंदरगाहों को संभालने की क्षमता होगी। इसका पहला चरण 18,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2028 तक शुरू हो जाएगा और इसमें 40 लाख पोतों को संभालने की क्षमता होगी।
आम बजट को आने में कुछ ही दिन शेष हैं, बता दें कि 1 फरवरी, 2023 को देश का वार्षिक बजट संसद में पेश होने वाला है। वहीं बजट को लेकर कई तरह के सवाल में आपके मन में आते होंगे, उन्हीं कौतुहलों का जवाब आज हम देने वाले हैं।
किसी भी देश या कंपनी को चलाने में अहम योगदान बजट का होता है। बजट के जरिये ही आर्थिक गति को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी ओर बजट नाम का शब्द आते ही कई तरह के प्रश्न हमारे दिमाग में आ जाते हैं, वहीं आज हम आपको कैपिटल बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
बजट पेश होने में महज एक हफ्ते से भी कम समय बचे हैं। सभी सेक्टर्स को इससे बेहतर की उम्मीद हैं, लेकिन उससे पहले किसान को लेकर आई इस रिपोर्ट ने हैरान कर दिया है।
Budget 2023 Nirmala Sitharaman: दुनियाभर की आर्थिक सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियां भारत को 2035 तक 10 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी बनने की बात कर रही हैं।
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