प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद देश में एक बार फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता पर जोरदार घमासान शुरू हो गया है। दिल्ली में भी अचानक हलचल तेज हो गई है।
वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता का विरोध किया है और वह इस मुद्दे पर 22वें विधि आयोग के साथ-साथ संसद में भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा।
PM Modi On UCC: पएक देश में एक प्रधानमंत्री ही होगा। फिर चाहे वो कोई भी हो। ठीक उसी तरह. एक देश में एक कानून ही चलेगा। किसी एक धर्म की नहीं चलेगी। मोदी ने कल यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात की और आज प्रधानमंत्री के दुश्मनों ने उसे डिवाइडिंग सिविल कोड कहकर फैलाना शुरु कर दिया।
AAP Supports UCC: यूनिफॉर्म सिविल कोड के समर्थन में आम आदमी पार्टी..संगठन महासचिव संदीप पाठक बोले- इसे लागू करने के लिए सभी पक्षों की सहमति जरूरी..
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जितने विस्तार से समान नागरिक संहिता की बात की, उससे ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही इसे लेकर कानून ला सकती है।
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर आम आदमी पार्टी ने अब खुलकर अपना समर्थन दे दिया है।
भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की। उनके बयान से ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही इसे लेकर कानून ला सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में कॉमन सिविल कोड लाने का इशारा दिया..भोपाल में बोले- एक घर में नहीं चलेंगे दो कानून.
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में कॉमन सिविल कोड लाने का इशारा दिया..भोपाल में बोले- एक घर में नहीं चलेंगे दो कानून.
भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि UCC को लेकर देश के मुसलमानों के बीच में गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं। जो लोग यह काम कर रहे हैं वह मुसलमानों की बेहतरी नहीं चाहते हैं।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। जल्द की इसका ड्राफ्ट भी सामने आ जाएगा।
सपा सांसद एसटी हसन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शरीयत का कानून अगर हम अपने ऊपर कुछ लागू कर रहे हैं, तो किसी दूसरे को तकलीफ क्यों है।
यूनिफार्म सिविल कोड यानी कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने कहा है कि ये कानून भारत के लोगों के लिए मुनासिब नहीं है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सियासत गरमा गई है। मौलाना अरशद मदनी के बाद अब मौलाना तौकीर रजा ने भी तीखा बयान दिया है। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इसे लेकर सरकार को घेरा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर एक बार फिर पूरे देश में खुलकर बात होने लगी है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा भी इस बाबत बयानबाजी की जा रही है। इस बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी को राजनीतिक मुद्दा बताया है।
आज जो स्थिति है, उसे देखकर कहना पड़ेगा कि नरेन्द्र मोदी ने दिखा दिया कि डिजास्टर मैनेजमेंट के मामले में, बड़ी से बड़ी आपदा से निपटने के मामले में उनका कोई मुकाबला नहीं है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड में धर्मगुरुओं को कहां से बीच में ला दिए, वे मठ में रहें और पूजा करें।
समान नागरिक संहिता को लेकर मौलाना अरशद मदनी ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान के नाम पर मौजूदा सरकार पिछले 8-9 साल से मुस्लिम दुश्मनी की बद्तरीन मिसाल पेश कर रही है।
Uniform Civil Code Protest : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बैठक के दौरान न केवल UCC का विरोध किया, बल्कि सरकार को चेतावनी दी कि अगर इसे लागू करने की कोशिश की गई तो मुस्लिम समाज सड़कों पर उतरेगा.#uniformcivilcode
रविवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से यह आह्वान किया गया।
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