अबतक शिवसेना (यूबीटी) के किसी नेता की तरफ से इस बाबत औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा में यूसीसी के पक्ष में उद्धव ठाकरे की पार्टी समर्थन देगी।
समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। अभी होता ये है कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है। भारत में आज भी ज्यादातर धर्म के लोग शादी, तलाक और जमीन जायदाद विवाद जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक करते हैं।
इंडिया टीवी ने भारत के चीफ इमाम उमेर अहमद इल्यासी से यूसीसी के मुद्दे पर बात की। इस बात के दौरान चीफ इमाम ने बताया कि यूसीसी पर काफी राजनीति हो रही है। लेकिन इसका लगातार विरोध करना ठीक नहीं है।
ओवैसी की पार्टी, फारूक़ अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की पार्टी को छोड़कर दूसरी विपक्षी पार्टियां न तो इसका विरोध कर सकती हैं, न खुलकर समर्थन कर पाएंगी।
समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। अभी होता ये है कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है। इस मुद्दे पर 15 जून से ही 22वें लॉ कमीशन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां ऑनलाइन आम लोगों की राय मांगी जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद देश में एक बार फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता पर जोरदार घमासान शुरू हो गया है। दिल्ली में भी अचानक हलचल तेज हो गई है।
वरिष्ठ अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अकाली दल ने हमेशा पूरे देश के लिए समान नागरिक संहिता का विरोध किया है और वह इस मुद्दे पर 22वें विधि आयोग के साथ-साथ संसद में भी अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जितने विस्तार से समान नागरिक संहिता की बात की, उससे ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही इसे लेकर कानून ला सकती है।
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर आम आदमी पार्टी ने अब खुलकर अपना समर्थन दे दिया है।
भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की। उनके बयान से ये साफ हो गया कि मोदी सरकार जल्द ही इसे लेकर कानून ला सकती है।
भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि UCC को लेकर देश के मुसलमानों के बीच में गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं। जो लोग यह काम कर रहे हैं वह मुसलमानों की बेहतरी नहीं चाहते हैं।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। जल्द की इसका ड्राफ्ट भी सामने आ जाएगा।
सपा सांसद एसटी हसन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शरीयत का कानून अगर हम अपने ऊपर कुछ लागू कर रहे हैं, तो किसी दूसरे को तकलीफ क्यों है।
यूनिफार्म सिविल कोड यानी कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने कहा है कि ये कानून भारत के लोगों के लिए मुनासिब नहीं है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सियासत गरमा गई है। मौलाना अरशद मदनी के बाद अब मौलाना तौकीर रजा ने भी तीखा बयान दिया है। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इसे लेकर सरकार को घेरा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर एक बार फिर पूरे देश में खुलकर बात होने लगी है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा भी इस बाबत बयानबाजी की जा रही है। इस बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी को राजनीतिक मुद्दा बताया है।
आज जो स्थिति है, उसे देखकर कहना पड़ेगा कि नरेन्द्र मोदी ने दिखा दिया कि डिजास्टर मैनेजमेंट के मामले में, बड़ी से बड़ी आपदा से निपटने के मामले में उनका कोई मुकाबला नहीं है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड में धर्मगुरुओं को कहां से बीच में ला दिए, वे मठ में रहें और पूजा करें।
समान नागरिक संहिता को लेकर मौलाना अरशद मदनी ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान के नाम पर मौजूदा सरकार पिछले 8-9 साल से मुस्लिम दुश्मनी की बद्तरीन मिसाल पेश कर रही है।
रविवार को आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से यह आह्वान किया गया।
संपादक की पसंद