AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनाव में वोट बैंक को बनाने और अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिएयूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठा रही है।
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राज्य में समान नागरिकता लागू करने के लिए अहम कदम उठाया है। आज हुई कैबिनेट की मीटिंग में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए कमेटी को लेकर फैसला हुआ है।
Gujarat: गुजरात में चुनाव के लिए हर पार्टी ने कमर कस ली है। इसी बीच राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेला है। जानकारी के अनुसार गुजरात सरकार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर सकती है। इसके लिए एक कमेटी भी बनाई जाएगी। कैबिनेट में प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा देवबंद में बुलाई गई एक बैठक के दौरान मौलवियों ने समुदाय को धैर्य रखने के लिए कहा और कहा कि भारत भी उनका है और जो मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं, वे खुद वहां चले जाएं। इस दौरान बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किए गए।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड के ख़िलाफ़ हैं।
देश का कानून सब पर समान रूप से लागू होता है। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर धर्म के लिए एक जैसा कानून होगा।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बुधवार को कहा कि सरकार को UCC की स्पष्ट परिभाषा बतानी चाहिए।
उन्होंने कहा- हम इसके पक्ष में हैं और यह यूपी और देश की जनता के लिए जरूरी है। यह भाजपा के प्रमुख वादों में से एक है।
उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्णय किया। सीएम धामी ने बताया कि इस समान नागरिक संहिता का दायरा विवाह-तलाक, ज़मीन-जायदाद, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिये समान कानून लागू करने का होगा चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कहा, आज नई सरकार का गठन होने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई।
आगरा के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें सभी छात्रों को 'केवल निर्धारित ड्रेस कोड में आने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा उनकी उपस्थिति दिन के लिए चिह्न्ति नहीं की जाएगी।'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड देश की जरूरत है और इसे अनिवार्य रूप से लाया जाना चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में आवश्यक कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि अब समाज में धर्म, जाति और समुदाय की पारंपरिक रूढ़ियां टूट रही हैं, इसलिए समय आ गया है कि संविधान की धारा 44 के आलोक में समान नागरिक संहिता की तरफ कदम बढ़ाया जाए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भारत में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इस मामले में आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रवाधानों हटने के बाद माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का अगला लक्ष्य देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करना होगा।
अयोध्या पर फाइनल फैसले के बाद सरकार का नया एजेंडा कॉमन सिविल कोड हो सकता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज इसके संकेत दिए हैं...
सुप्रीम कोर्ट ने देश के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता तैयार किए जाने पर बल दिया और अफसोस जताया कि सर्वोच्च अदालत के प्रोत्साहन के बाद भी इस मकसद को हासिल करने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
इतना ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को खत्म किए जाने के अपने पूराने वचन को भी दोहराया, पार्टी ने कहा कि वह इन दोनो अनुच्छेदों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है
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